आज की भागदौड़ की जीवन शैली में हम अपने सेहत के प्रति बहुत ही लापरवाही करते हैं न तो खाने का सही समय होता है और न ही क्या खा रहे हैं इस पर ध्यान होता है
जिस प्रकार कोई भी बीज कितना ही अच्छा क्यों न हो, अच्छी उपजाऊ जमीन पर बोया नहीं जाए तो उचित हवा, पानी, धूप होने के बावजूद उचित समय पर नहीं बोने से नहीं उगता है।
ठीक उसी प्रकार से भोजन, पानी, हवा, निद्रा आदि का उचित समय पर अगर सेवन नहीं किया जाए तो यह लाभदायक नहीं होते हैं।
लेकिन भोजन किस समय करना चाहिए शायद उसको बहुत कम लोग जानते हैं। इसी वजह से सही समय पर भोजन न करने से उसके पूर्ण लाभ हमें नहीं मिल पाता हैं और कहीं न कहीं इसका असर हमारी सेहत पर दिखता है।
आज के ब्लॉग के माध्यम से हम यह जानेंगे कि ताउम्र अगर हमें स्वस्थ रहना है तो इसके लिए हमें भोजन कब करना चाहिए जिसका पूरा लाभ हमें मिल सके।
स्वस्थ तो हर कोई रहना चाहता है लेकिन उसके क्या नियम है कैसे स्वस्थ रह सकते हैं, क्या खाना चाहिए, क्या दिनचर्या होनी चाहिए जिससे हम स्वस्थ रह सकें,
इन सब बातों से हम अनभिज्ञ होते हैं या कहीं जानकारी भी होती है तो उन नियमों का कड़ाई से पालन नहीं करते हैं, जिससे कि वह स्वस्थ रहें।
परिणाम यह होता है कि वह कई बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि स्वास्थ्य के नियमों का पालन करें तभी स्वस्थ रह सकेंगे।
आज के पोस्ट में हम इन सब बातों को जानेंगे कि अगर हम ताउम्र स्वस्थ रहना चाहते हैं तो उसके लिए हमें भोजन कब करना चाहिए, साथ ही अन्य स्वास्थ्य नियमों को भी जानेंगे।
सबसे पहले जानते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए भोजन सही समय पर करना क्यों जरूरी है
Contents
1 स्वस्थ रहने के लिए सही समय पर भोजन करना क्यों जरूरी है जानें Swasth rahana chahte hain to shi samay pr kre bhojan in Hindi
2 भोजन सही समय पर करने का लाभ Bhojan shi samay pr krne ke fayde in Hindi
3 शरीर में उत्पन्न ऊर्जा के अनुसार करें काम Body energy help in work in Hindi
4 भोजन करने का उचित समय Bhojan krne ka shi samay in Hindi
5 रात्रि भोजन क्यों हानिकारक है जानें Ratri me bhojan karna ho skta hai hanikarak
6 पाचन तंत्र को आराम दें, करें उपवास pachan tantr ko de aaram in Hindi
Final word
स्वस्थ रहने के लिए सही समय पर भोजन करना क्यों जरूरी है जानें Swasth rahana chahte hain to shi samay pr kre bhojan in Hindi
स्वस्थ रहने की इच्छा रखने वालों को इस बात की जानकारी अवश्य होनी चाहिए कि शरीर में कौन सा अंग और क्रियाएं कब विशेष सक्रिय रहती है उसके अनुरूप आचरण करना चाहिए।
इसके लिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि कोई भी शारीरिक अथवा मानसिक क्रिया और कार्य क्यों करें, कितना करें, कहां करें, कब करें और इनके साथ यह भी जरूरी है कि यह कार्य कौन से समय पर करें
जैसे पहला भोजन कब करें, निद्रा कब लें, पानी कब पीएं, इसके लिए प्रकृति के अनुरूप दिनचर्या निर्धारण करें।
प्रकृति के अनुरूप दिनचर्या निर्धारण करने से सारी क्षमताओं का अधिकाधिक उपयोग होता है
यदि अनजाने में शरीर रोग ग्रस्त भी हो जाए तो हम शीघ्र स्वस्थ बन जाते हैं। रात्रि भोजन त्याग के फायदे
भोजन सही समय पर करने का लाभ Bhojan shi samay pr krne ke fayde in Hindi
भोजन अगर सही समय पर नहीं करते हैं तो बहुत सारे दुष्प्रभाव हैं, जिनसे हम अनभिज्ञ हैं भोजन सही समय पर करने से उन दुष्प्रभाव से हम बच सकते हैं।
दुःख इस बात का है कि आज अधिकांश व्यक्तियों की दिनचर्या प्रकृति के अनुसार नहीं है और न ही वे इसका महत्व समझने का प्रयास करते हैं।
अज्ञानता, अविवेक पूर्वाग्रह के कारण लोग सही समय पर भोजन नहीं करते हैं और इस तरह की आदतों से वह आगे आने वाले समय में काफी परेशान होते हैं, जिसका दुष्प्रभाव उनकी सेहत पर साफ नजर आता है।
शरीर में उत्पन्न ऊर्जा के अनुसार करें काम Body energy help in work in Hindi
शरीर में जिस समय जो अंग सर्वाधिक सक्रिय हो उस समय उस अंग से संबंधित कार्य एवं क्रिया को करना चाहिए। जिससे कि यह हमारे सेहत पर अच्छा लाभ मिले।
दूसरी बात जिस समय किसी अंग में ऊर्जा का प्रवाह सर्वाधिक है
उसके विपरीत यदि उस समय दूसरे कार्य और क्रियाएं की जाती है तो प्रकृति से प्राप्त जो ऊर्जा मिलती है उस ऊर्जा का हम सदुपयोग नहीं कर पाते हैं।
इसलिए उर्जा के सही प्रयोग के लिए आप समय का ध्यान रखें और समय का पालन करें
जिस तरह से नगर निगम से पानी के का समय निर्धारित होता है।
नगर निगम पानी का संग्रह नहीं करेगा तो जब पानी की आवश्यकता बं पानी का संचालन बंद हो जाएगा
तो काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इसी तरह से शरीर में उत्पन्न ऊर्जा का ध्यान रखें और उसी के अनुसार कार्य करें।
आइए हम जानते हैं कि भोजन करने का उचित समय क्या है जिससे हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं।
भोजन करने का उचित समय Bhojan krne ka shi samay in Hindi
अतः हमें भोजन की ऐसी आदत डालनी चाहिए जब हमें तेज भूख लगे तभी खाना खाएं।
यानी जब हमें तेज भूख लगती है तो उस समय अमाशय सक्रिय होता है और यह खाना खाने के लिए अच्छा समय होता है इसलिए हमें खाना खा लेना चाहिए।
जितना अच्छा भोजन का पाचन प्रातः काल में होता है उतना अन्य समय में नहीं होता है। प्रातः व्यक्ति अपेक्षाकृत शांत भाव तथा किसी भी तनाव से आजाद रहता है।
ऐसे समय किया गया भोजन सेहत के लिए लाभकारी होता है और अमृत का कार्य करता है।
विशेष रूप से जो मधुमेह के रोगी होते हैं जिन्हें काफी आसाध्य माना जाता है प्रकृति के अनुसार भोजन को करके अपने आप ठीक हो सकते हैं।
इसका मतलब है कि प्रातः काल पूरा भरपेट खाना खाओ, दोपहर में जरूरत हो तो हल्का खाना खाओ।
और रात में अगर खाना मिल जाए तो खा लो अन्यथा अपने आप को संयमित रखो या नहीं खाओ तो भी अच्छा है क्योंकि सभी रोगों का जड़ पेट होता है।
अतः अपने समस्त बातों को छोड़कर भोजन करने के सही समय और महत्व को समझना चाहिए।
इस संबंध में आयुर्वेद के सिद्धांत के अनुसार सुबह 10:00 बजे तक का समय शरीर में कफ प्रकृति का होता है और दिन में 10:00 से 12:00 तक का समय पित्त प्रकृति का होता है।
इसलिए हमेशा भोजन कफ प्रकृति में करना चाहिए। कफ प्रकृति में भोजन करने के बाद पित्त प्रकृति का समय होने से पाचन में मदद मिलती है।
क्योंकि धूप निकलने के बाद गर्मी बढ़ने लगती है। शरीर की गतिविधियां सक्रिय होने से पाचन आसानी से हो जाता है।
इसलिए ऐसा कहा गया है कि सुबह का खाना खुद खाओ, दोपहर का दूसरों को खिलाओ और रात का खाना दुश्मनों को खिलाओ।
नाश्ता अधूरा आहार होता है जब हम अधिकांश आहार का पाचन अमाशय की सर्वाधिक क्षमता के साथ करते हैं तो ऐसे में हमारा भोजन का पाचन अच्छे से होता है।
जब हमें भूख नहीं लगती है ऐसे में अगर हम भोजन करते हैं तब अमाशय की पाचन क्षमता बहुत अच्छी न होने से उसे काफी श्रम करना पड़ता है। जिसका नतीजा यह होता है कि भोजन ठीक से नहीं पचता चता है।
दूसरी तरफ प्रातः काल नाश्ता करने से हमें भूख समय पर नहीं लगती, ऐसे व्यक्ति प्रायः दोपहर का भोजन करते हैं।
आधुनिक खान पान के समय एक और विसंगति है कि जब शरीर श्रम करता है तब उसे कम आहार की जरूरत पड़ती है
और जब वह विश्राम की अवस्था में होता है तब उसे अधिक मात्रा में कैलोरी युक्त आहार दिया जाता है।
जैसे दिन का समय जो मेहनत परिश्रम का होता है तब तो हल्का भोजन, नाश्ता, चाय, कॉफी, आदि कम कैलोरी वाले आहार खायेतं जाते हैं।
और रात्रि में जब विश्राम का समय होता है तो प्रायः गरिष्ठ भोजन किया जाता है
तो यह भोजन स्वास्थ्य के मूल सिद्धांतों के विपरीत है और इसका सा हमारी सेहत पर पड़ता है।
ऐसे में जरूरी हो जाता है कि इस तरह के गलत समय जल्दी हो सके उसे बदल डालें। अगर स्वस्थ रहना चाहते हैं तो इन सभी आदतों में सुधार करना होगा।
भोजन त्याग के फायदे
आइए अब हम जानते हैं कि रात्रि का भोजन हानिकारक क्यों हैु
अब हम जानेंगे कि रात्रि का भोजन क्यों हानिकारक बताया गया है
रात्रि भोजन क्यों हानिकारक है जानें Ratri me bhojan karna ho skta hai hanikarak
क्या कभी आपने यह सोचा है सूर्यास्त होने के पश्चात शरीर की प्रतिरोधक कम हो जाती है।
ऊर्जा शक्ति की हानि होने से रात्रि में किया गया भोजन कैसे शक्ति वर्धक हो सकता है ।
मच्छर रात में अधिक क्यों काटते हैं इस बात पर क्या आपने कभी सोचाउ है।
सूर्य की रोशनी से शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है इस कारण अधिकांश रोगों का प्रकोप रात में बढ़ने लगता है।
एक बीमारी भी अपेक्षाकृत रात में ज्यादा परेशान करती है इसका मुख्य कारण रात में सूर्य की गर्मी का अभाव होता है।
हमारे शरीर की जो ऊर्जा होती है वह सूर्योदय के समय काफी सक्रिय होती है और सूर्यास्त के पश्चात शिथिल होने लगती है।
अतः रात्रि में भोजन का पाचन बहुत ही कठिनाई से होता है। इसी वजह से आयुर्वेद में भी बताया गया है कि पहला भोजन सुबह में,दूसरा एक प्रहर के बाद ही किया जाना चाहिए।
और तीसरा भोजन यदि आवश्यक हो तो सूर्यास्त से कम से कम एक घंटा पूर्व कर लेना चाहिए इसका मतलब है कि दिन में भोजन कर लेना चाहिए।
रात में भोजन का त्याग करना चाहिए क्योंकि रात्रि का भोजन दूषित तामसिक और अमली भूत होकर शरीर को हानि पहुंचाता है।
सूर्यास्त के पश्चात बहुत से सूक्ष्मजीव हो जाते हैं सूर्य का प्रकाश इन किटाणु को पैदा होने से रोकता है।
सूर्य के ताप से बहुत से कीटाणु निष्क्रिय बन जाते हैं जो सूर्यास्त के बाद पुनः सक्रिय होने लगते हैं।
इसका एक बहुत ही अच्छा उदाहरण यह है कि दिन में अगर आप 1000 वाट का बल्ब ेतो उस पर कीटाणु नहीं लगते हैं।
लेकिन रात में थोड़ी सी भी रोशनी में बल्ब के आसपास सूक्ष्मजीव मंडराने लगते हैं।
यह जीव आहार की गंध के कारण खुद पदार्थों की तरफ आकर्षित होते हैं।
और वहीं दूसरी तरफ कृत्रिम प्रकाश में हम इन्हें प्राय: देख नहीं पाते भोजन में अनेक सुक्ष्म बैक्टीरिया उत्पन्न हो जाते हैं।
कृत्रिम प्रकाश में कितना भी उजाला हो परंतु दिन की रौशनी की बराबरी नहीं कर सकता
इसलिए रात्रि में भोजन का त्याग करना चाहिए क्योंकि भोजन खराब बन जाता है।
कहने का आशय यह है कि प्रकृति के नियमों के विपरीत कार्य नहीं करना चाहिए अपने जीवन पद्धति के अनुसार सूर्योदय और सूर्यास्त का समय निश्चित होता है।
ऐसे में यह बहुत जरूरी हो जाता है कि हमें सही समय पर लंच और डिनर करना चाहिए हम ताउम्र स्वस्थ रहना चाहते हैं तो ऐसे में रात्रि के भोजन का त्याग करें। रात्रि भोजन त्याग के फायदे को अपने जाना।
पाचन तंत्र को आराम दें, करें उपवास pachan tantr ko de aaram in Hindi
हमेशा भोजन का सेवन करने से पाचन तंत्र को आराम नही पाता है और उसे हमेशा कार्य करना रहता है। है
ऐसे में जरूरी हो जाता है कि अगर हम अपने पाचन तंत्र को आराम देना चाहते हैं तो इसके लिए हमें पाचन तंत्र को उपवास देना चाहिए।
क्योंकि आहार और निद्रा ऐसा है कि बढ़ाने से बढ़ सकते हैं और घटाने से घटते हैं।
जो आहार बढ़ेगा क्योंकि वह भुख भी बढ़ती है हमें उतना ही भोजन करना चाहिए जितना आसानी से पच सके।
अजीर्ण होने पर भोजन का त्याग करें रोग की अवस्था में ही भोजन जीवित रखता है और रोगों को मारता है जबकि उपवास रोग को दूर करता है।
उपवास से पाचन तंत्र को आराम मिलता है और शरीर में पड़े आहार का पाचन होता है और शरीर की सफाई होती है।
वजह है कि जब कोई बीमार पड़ता है तो उसे हल्का भोजन देने की सलाह दी जाती है
क्योंकि बीमारी में किया गया आहार विशेष रूप से रोगी को नहीं अपितु रोग का पोषण करता है।
अतः नियमित रूप से उपवास करने वाला स्वस्थ तथा पाचन संबंधी आहार का त्याग करने वाला जल्दी सोता है। स्वस्थ रहने के लिए खानपान
सेहतमंद रहना चाहते हैं तो अपनाएं यह नियम
अगर आप सेहतमंद रहना चाहते हैं तो अब तक बहुत सारी बातों को आप समझ चुके होंगे कि हम ताउम्र अगर स्वस्थ रहना चाहते हैं तो उसके लिए हमें क्या करना चाहिए, क्या खाना चाहिए।
किस नियमों का पालन करना चाहिए। कब खाना चाहिए और स्वस्थ रहने के लिए कौन से उपाय हमें अपनाने चाहिए।
अब हम बात करेंगे सेहतमंद रहने के लिए आपको कौन से स्वास्थ्य नियमों का पालन करना चाहिए तो आइए जानें
जब आप अपने सुबह उठते हैं और दिन की शुरुआत करते हैं तो सुबह उठते ही आप कभी भी नकारात्मक बातों को अपने मन में न लाएं।
खुशहाल उठे और एक सकारात्मक बात अपने बारे में सोचें
इसका असर आपके दिल दिमाग पर पड़ता है और आप में एक अच्छी ऊर्जा का संचार होता है।
साथ ही सुबह उठते ही आप पानी हल्का गर्म करें और उस गुनगुने पानी को एक से दो गिलास जरूर पिएं।
पानी पीने से पहले एक ध्यान जरूर रखें कि सो कर उठने के साथ ही पानी पिएं। पानी पीनेेेेेे से पहले कुल्ली नहीं करें।
क्योंकि जो मुंह की लार होती है जब आप पानी को पीते हैं तो वह पानी के साथ अंदर जाती है जो कि बहुत ही फायदेमंद होती है।
इसलिए कहा गया है आयुर्वेद में भी की सुबह उठकर के बासी मुंह पानी पीना बहुत ही फायदेमंद होता है। पानी गुनगुना होना चाहिए इस बात का ध्यान रखें।
नाश्ते में कोशिश करें कि कोई भी अंकुरित अनाज खाएं
अगर आप अंकुरित अनाज खाते हैं तो वह आपके सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद रहता है।
आप हमेशा सेहतमंद बने रह सकते हैं इसके लिए आप चना, मूंग आदि चीजों का सेवन कर सकते हैं।
स्वस्थ रहने के लिए नींद बहुत ही जरूरी होता है। कोशिश करें कि आप कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद जरूर लें।
इसका आपके मन मस्तिष्क पर अच्छा असर पड़ता है और पूरी नींद लेना आपके स्वास्थ्य के लिए काफी हितकर होता है।
कोशिश यही करें कि अपने खाने में कभी भी जंक फूड, फास्ट फूड का सेवन नहीं करनी नहीं करें ऐसा करने से आप बीमार पड़ सकते हैं।
आपके पाचन पर असर पड़ेगा और जब पाचन पर असर पड़ेगा तो कई सारी समस्याएं होने लगती है।
इसलिए कोशिश यही करनी चाहिए कि जो जंक फूड और फास्ट फूड आजकल लोग सेवन कर रहे हैं उसको सेवन करने से बचें तभी आप सेहतमंद रह सकते हैं। स्वस्थ रहने के लिए खानपान
पानी हमेशा पिएं जिससे आप हाइड्रेट रहेंगे और आपके शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते रहेंगे।
बहुत से लोगों का यह प्रश्न रहता है कि स्वस्थ रहने के लिए हमें क्या करना चाहिए
हालांकि ऊपर के पोस्ट से आप समझ गए होंगे कि स्वस्थ रहने के लिए आपको क्या करना चाहिए।
क्या खाना चाहिए, क्या नहीं खाना चाहिए लेकिन यहां पर फिर भी हम आपको बता देते हैं कि सेहतमंद रहना चाहते हैं हमेशा तो उसके लिए आपको क्या करना होगा।
स्वस्थ रहने के लिए आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा, नियमित रूप से योग करना होगा क्योंकि फिटनेस बहुत ही जरूरी है।
स्वस्थ रहने के लिए अगर नियमित रूप से आप योग करते हैं तो आपका शरीर कई बीमारियों से दूर रहेगा।
आपकी कार्यक्षमता भी बनी रहेगी मन मस्तिष्क आपका प्रसन्न रहेगा और मन में नई ऊर्जा का संचार होता रहेगा इसलिए सेहतमंद रहने के लिए योग बहुत जरूरी है।
स्वस्थ रहने के लिए अपने खाने में क्या इस्तेमाल करें
जहां तक स्वस्थ रहने की बात है वहां पर हम आपको यह बताना चाहेंगे कि अब तक आपने बहुत कुछ जाना कि स्वस्थ कैसे रहेंगे
क्या खाना चाहिए, क्या नहीं खाना चाहिए लेकिन यहां पर कुछ विशेष बातों को हम बता देते हैं कि पोषक तत्वों से भरपूर अनाजों का आपको सेवन करना चाहिए।
और पोषक तत्व जो है हर किसी के लिए भी काफी जरूरी है।
इसलिए अपने खानपान में पोषक तत्व युक्त भोजन का प्रयोग करना चाहिए। स्वस्थ रहना चाहते हैं तो इसके लिए खानपान में तो बदलाव बहुत जरूरी है।
इसके साथ ही फलों और सब्जियों का सेवन अपने खानपान में आप बढ़ा दें क्योंकि यह आपके लिए काफी फायदेमंद होता है।
इसके साथ ही एक और बात हम आपको बताना चाहेंगे चाहे महिलाओं के संदर्भ में हो
फिर किसी अन्य के संदर्भ में इसके लिए ओट्स जो है बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है।
अगर इसका आप नियमित रूप से सेवन करते हैं तो इसमें विटामिन बी 6 जो होता है
वह पीरियड्स के दौरान महिलाओं में होने वाली समस्या को कम कर देता है।
इसके साथ ही पीएमएस के जो रोग होते हैं उससे संबंधित रोगों को दूर करने में भी बहुत ही और
सेहतमंद रहना चाहते हैं तो किन बातों का रखें ध्यान
अगर आप आजीवन सेहतमंद रहना चाहते हैं तो इसके लिए बहुत सारी बातें अब तक आप जान चुके हैं
यहां पर हम आपको बताना चाहेंगे कि पोषक तत्वों का विशेष रूप से ध्यान दें
अपने खानपान में कम से कम कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन जैसे अनाज, चावल, आलू, ब्रेड के लिए आपको दूरी बनाना चाहिए।
अपने आहार में उन अनाजों को स्थान नहीं देना चाहिए जिससे आपके सेहत पर असर पड़े लेकिन वहीं पर स्वास्थ्य वर्धक चीजों को अपने खान-पान में अपनाना चाहिए।
स्वास्थ्य पर चीजों की जहां तक बात आती है वहां पर हम आपको बताते हैं कि आप हरी सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा अपने खानपान में सेवन करें।
सलाद को खाएं इसके साथ ही आप खूब पानी पिएं और फल भी खा सकते हैं
और यह सभी चीजें विटामिंस और फाइबर के खजाना होती हैं जो कि आपके शरीर के लिए बहुत ही जरूरी होता है।
अगर आप सेहतमंद रहने की बात सोच रहे हैं तो उसके लिए कोशिश यही करना चाहिए कि इन चीजों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार बहुत ही जरूरी होता है। संतुलित आहार हमारे शरीर के लिए क्यों जरूरी है आइए उसको जानते हैं
संतुलित आहार किसी भी के लिए बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि उसमें सभी चीजों की मात्रा होती है ।
चाहे वह प्रोटीन हो, विटामिंस हो, मिनरल्स हो सभी मात्राएं जरूरत के मुताबिक उसमें शामिल रहती हैं।
जिससे आपके शरीर में किसी भी चीज की कोई कमी नहीं होने पाए।
इसके साथ ही हरी सब्जियों, दालों, फलों, दूध, दही अंकुरित अनाज का सेवन आपको अपने खान-पान में बढ़ा देना चाहिए।
इनका ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए जिससे कि आपका शरीर सेहतमंद रह सके।
इस प्रकार हमने जाना कि हम अगर स्वस्थ रहना चाहते हैं सुखी रहना चाहते हैं तो उसके लिए क्या और से उपाय हमें अपनाने चाहिए।
क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए क्योंकि सुखी अगर कोई रहना चाहता है तो उसके लिए भी रास्ता स्वास्थ्य से ही निकल करके आता है।
तो स्वास्थ्यप्रद तय आपके लिए एक नंबर पर है अभी आप सुख से रह सकेंगे उसके साथ ही अन्य कई उपाय हैं
जिनको अब तक तक आपने जाना कि किस तरह से हम स्वस्थ रह सकेंगे।
वह कौन से उपाय हैं जिनको अमल में लाना जरूरी हो जाता है अगर हम स्वस्थ रहना चाहते हैं।
Final word
ऐसे में आज के लेख पोस्ट के माध्यम से हमने जाना स्वस्थ रहने के लिए हमें कब खाना चाहिए। उम्मीद है कि इस पर लिखा गया लेख आपको काफी पसंद आया होगा इससे संबंधित कोई भी विचार आपके मन में अगर आ रहे हो तो हमारे साथ उसे आप शेयर कर सकते हैं ऐसे ही स्वास्थ्य वर्धक लेख हम आगे भी आते रहेंगे।
धन्यवाद।
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