समलबाई(Kala motiya, glukoma) ( नेत्र रोग ) को करें गुड बाय ( how to stop Samalbaee) in Hindi

Samalbaee( kala motiya,glukoma) ke pahchan,karan, upchar Hindi me समलबाई( ग्लूकोमा) के घरेलू उपचार

 

 

समलबाई ( ग्लूकोमा, काला मोतिया ) आंखों से संबंधित बीमारी है। यह धीरे- धीरे आंखों की रोशनी को चुरा लेता है और हमें पता भी नहीं चलता है।
क्योंकि समलबाई में आंखों में कोई दर्द नहीं होता है और न ही ऐसा कोई लक्षण दिखता है।
जिससे हम जान सकें कि हमारी आंखों की रोशनी एकदम से खत्म होने वाली है और अंत में हम दृष्टिहीनता के शिकार हो सकते हैं।
समलबाई या काला मोतियाबिंद के कारण जो दृष्टि की क्षति होती है उसे ठीक तो नहीं किया जा सकता है। लेकिन इन घरेलू उपायों से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
 आज के ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हम यह जानेंगे कि समलबाई क्या होता है, किस तरह से हम इससे बचे रह सकते हैं।
इसके लक्षण क्या है, साथ ही हम यह भी जानेंगे कि ग्लूकोमा या काला मोतिया की रोकथाम हम कैसे कर सकते हैं।
उसके घरेलू उपाय कौन से हैं जिनको अमल में ला कर हम  समलबाई से बचे रह सकते हैं।
आइए जानते हैं समलबाई होता क्या है समलबाई किसे कहते हैं
 
Samalbaee( Kala motiya, glukoma) kise kahte hai jane Hindi mein समलबाई क्या है जानें
 
 
Samalbaee kya hai in Hindi
What is samalbai in Hindi
समलबाई (ग्लूकोमा या काला मोतिया)  आंखों में होने वाली एक गंभीर बीमारी है। ग्लूकोमा या मंकाला मोतिया कभी भी हो सकता है। इसके लिए कोई उम्र का कारण नहीं है।
सही इलाज नहीं मिलने से आंखों की नसें खराब होने लगती हैं। जिससे नजर कमजोर हो जाती है।
 समलबाई आंखों की एक गंभीर समस्या है।अगर शुरू में इसकी पहचान कर ली जाए तो काफी हद तक इस को कम किया जा सकता है। हालांकि खोई हुई रोशनी दोबारा नहीं पाई जा सकती है।
क्योंकि ग्लूकोमा के कारण हुआ कोई भी नुकसान आंखों के लिए  होता है और हमारी आंखों कि रोशनी और वापस नहीं आ सकती है। इसलिए आंखों की हमेशा जांच करवाते रहना चाहिए।
हालांकि यह ज्यादा एज में देखने को मिलता है। लेकिन आज की जीवन शैली में यह समस्या अब आम बात हो गई है।
आपको बता दें कि शुरू में इसका कोई लक्षण नहीं दिखता है। लेकिन जब यह समस्या गंभीर हो जाती है।
 आंखों से दिखाई देना बंद होने लगता है तब हमें जानकारी होती है कि हम अंधेपन के शिकार हो चुके हैं।
समलबाई (आंखों में दबाव) इससे आंखों में स्थित तरल दबाव बढ़ जाता है।जब आंखों में दबाव में वृद्धि होती है तो ऐसे में दबाव में वृद्धि से आंखों से मस्तिष्क तक संदेश पहुंचाने वाली नसें धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होने लगती हैं।

 

ग्लूकोमा, काला मोतिया या जिसे समलबाई कहते हैं यह धीरे आंखों की रोशनी को चुरा लेता है और यह पूरे संसार में दृष्टिहीनता का प्रमुख कारण है।
 इसे अक्सर हम रोशनी चोर भी कहते हैं। ग्लूकोमा के ज्यादातर प्रकारों में हम आपको बता दें कि इसमें कोई दर्द तो नहीं होता है, और न ही हमें यह पहले पता चल पाता है कि हम अंधेपन के शिकार हो रहे हैं।
 क्योंकि इसका कोई  लक्षण या कारण नहीं दिखता है, जब तक हम यह समझ पाते हैं कि हमें काला मोतिया या फिर समलबाई की शिकायत है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
 इसलिए यह जरूरी हो जाता है आंखों से संबंधित जो बीमारी है वह क्यों होती है।
Samalbai (kala motiya , Glukoma) ke lakshan ki Hindi mein समलबाई  (ग्लूकोमा) का लक्षण
 
Kala motiya ka lakshan
वैसे तो समलबाई का कोई लक्षण नहीं होता है।
जिसकी मदद से हम शुरुआत में पहचान कर सकें।
लेकिन कुछ ऐसी आंखों की समस्याएं हैं अगर किसी भी व्यक्ति के साथ यह समस्याएं हो रही हैं
 तो उन समस्याओं को हम ध्यान न करें और डॉक्टर से शीघ्र मिलें आइए जानते हैं वह कौन से लक्षण है 

 

 

 

 

1  समलबाई (काला मोतिया, ग्लूकोमा) का लक्षण है आंखों में  
समलबाई के रोग में होता यह है कि आंखों में भारीपन रहता है। आंखें हमारी हमेशा भारी- भारी सी लगती है, वैसे तो इसमें कोई दर्द नहीं होता है और न ही किसी तरह का हानि होता है।
2 काला मोतिया का लक्षण है नजदीक का चश्मा बदलना
 
ग्लूकोमा या काला मोतिया में नजदीक का जो चश्मा  हैं वह है वह आपका बार-बार बदलता रहता है।
 अगर नजदीक का चश्मा नहीं बदल रहा है तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए और अपने आंखों की जांच बराबर करवाते रहना चाहिए। चाहे आप का उम्र कितना भी हो।
आज के समय में आंखें उम्र देखकर खराब नहीं होती है।इतना ज्यादा आजकल मोबाइल का यूज हो गया है जिसकी वजह से आंखों पर ज्यादा  पड़ रहा है।
 खासतौर से बच्चों की आंखें तो असमय ही खराब हो रही है और चश्मे उनकी आंखों पर लग रहे हैं।इसलिए ऐसे समय में बहुत जरूरी हो जाता है कि आप आंखों को लेकर ज्यादा सतर्क रहें।
 नेत्र चिकित्सक के संपर्क में बने रहे अगर आपके आंखों कि नजदीक की दृष्टि कमजोर हो रही हो।या फिर नजदीक का चश्मा का नंबर बदल रहा है  तो इसको गंभीरता से लेने की जरूरत है। 
3 ग्लूकोमा या समलबाई के लक्षण में आंखों में तेज दर्द होना samalbaee ke lakshan
 
अगर किसी की आंखों में तेज दर्द हो रहा हो या फिर रोशनी के आसपास चकाचौंध दिखे या कोई प्रभाव दिखाई दे कोई अन्य रोशनी दिखाई दे तो आपको सतर्क होने की बहुत ही जरूरत है।
 इसके लिए आप फौरन नेत्र चिकित्सक से मिले ताकि आपके आंखों का समय से उपचार किया जा सके।
4 समलबाई के लक्षण में रोशनी के आस-पास प्रकाश किरणें दिखाई देना 
रोशनी के आसपास प्रकाश की किरणें दिखाई देना, अगर रोशनी के आसपास आपको प्रकाश की किरण दिखाई दे रही है तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए।
 ऐसा होता है कि रोशनी की तरफ जब आप देखते हैं तो आपको दो तीन कलर की रोशनी दिखाई देती है।
इसका मतलब यह नहीं है कि आप ग्लूकोमा, काला मोतिया या फिर समलबाई के शिकार हो रहे हैं।
 इसके लिए पहले आपको नेत्र चिकित्सक से मिलना चाहिए और अपनी समस्या को रखना चाहिए।
 फिर आपको यह ज्ञात होगा कि कहीं आप इसके शिकार तो नहीं हो रहे हैं समय से सतर्क होकर भी तो हम गंभीर बीमारियों से दूर रह सकते हैं।
5 समलबाई रूप का पहचान- जब आप सीधे देख रहे हो और आंखों के किनारे से न दिखाई दे रहा हो तो आंखों की जांच तुरंत करवानी चाहिए 
समलबाई के लक्षण में यह भी आता है कि जब आप सीधे देख रहे हो और आपको होता क्या है कि आंखों के किनारे अगर न दिखाई दे रहा हो तो तुरंत ही नेत्र चिकित्सक से आपको संपर्क करना चाहिए ।
 क्योंकि ज्यादातर ऐसे में संभावना रहती है कि किसी आंखों की गंभीर बीमारी के संपर्क में आप आ रहे हैं तो इसको गंभीरता से लें और समय रहते इलाज करवाएं। 
6 समलबाई आनुवंशिक होता है 
अगर परिवार में पहले से किसी को यह समस्या हुई हो तो इसके होने की संभावना ज्यादा रहती है।ग्लूकोमा या काला मोतिया के बारे में यह भी कहा गया है कि यह ज्यादातर आनुवंशिक होता है।
 अगर फैमिली में किसी को पहले से हुआ है तो होने की संभावना रहती है। लेकिन यह कोई जरूरी नहीं है कि ऐसा हो लेकिन ज्यादातर ऐसा देखने को मिल जाता है कि अगर फैमिली में पहले से किसी को है तो हमें भी होने की संभावना रहती है।
इसलिए और सतर्क रहने की आपको जरूरत है और अपनी आंखों के लिए हमेशा नेत्र चिकित्सक से सलाह लेने की जरूरत है
 
7 रोशनी में अलग रंग दिखाई देना Samalbai Rog ka lakshan
 
कभी ऐसा होता है की रोशनी में अलग-अलग रंग दिखाई देते हैं अगर आप बल्ब की तरफ देखते हैं तो आपको कई रंग दिखते हैं नीले हरे रंग के भी गोल- गोल दिखाई देते हैं।
 इसका मतलब यह होता है कि कहीं आप काला मोतिया के तो शिकार नहीं हो रहे हैं इसको लेकर के गंभीर होना चाहिए और हमें चिकित्सक से तुरंत संपर्क करना चाहिए। 
8 अंधेरे में देर से दिखाई देना
 
अचानक से अगर लाइट चली जाती है, अंधेरे में आपको नहीं दिखाई देता है, कुछ भी नहीं दिखाई देता हैकहां क्या चीज है तो इसका मतलब है कि आपकी आंखों में कहीं न कहीं कोई न कोई प्रॉब्लम है अपने आंखों की जांच तुरंत करवाएं।
9 अगर आपके आंखों के चश्मे का नंबर  बदल रहा है तो सतर्क हो जाएं Glucoma ka lakshan in Hindi
 
अगर चश्मे का नंबर आपका बदल रहा हो इसके साथ ही साथ माइनस में है चश्मे का नंबर तो आपको सतर्क होने की बहुत ही ज्यादा जरूरत है।
  ऐसे में समलबाई नेत्र रोग होने के ज्यादा चांस होते हैं इसलिए समय रहते इसका इलाज करवाएं और अपनी आंखों की जांच  करवाते रहें। समलबाई रोग का इलाज
 
 
10  यह बच्चों को भी हो सकता है आपको बता दें कि 40 की उम्र के बाद काला मोतिया या समलबाई होने के चांस ज्यादा बढ़ जाते हैं 
बहुत से लोगों का कहना रहता है कि समलबाई या काला मोतिया 40 की उम्र के बाद होता है और इसके होने के संभावना ज्यादा रहता हैलेकिन आधुनिक समय में ऐसा कुछ भी नहीं है कि कब किसको किस उम्र में कौन सा रोग हो जाए।
 आंखों से कम दिखाई देने की समस्या  आजकल ज्यादा ही हो गया है क्योंकि आज के समय में आंखें जितनी बच्चों की खराब हो रही है शायद पहले के समय में नहीं होती थी।
 क्योंकि आज के समय में मोबाइल, लैपटॉप, टीवी का इतना ज्यादा इफेक्ट है बच्चों के जीवन में हर काम मोबाइल से हो रहा है, यहां तक पढ़ाई भी ऑनलाइन हो रही है।
 तो इसका सारा असर आंखों पर पड़ रहा है और अब तो लगभग 90 परसेंट बच्चों को चश्मे लग रहे हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि बच्चे हों या फिर बड़े समलबाई या ग्लूकोमा किसी को भी हो सकता है।
इसलिए चिकित्सीय जांच जरूरी है चाहे बच्चे हो या फिर बड़े अपनी आंखों की जांच करवाते रहें। अगर इस तरह की कोई भी लक्षण आप  देखते हैं तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है। 
 
Glucoma in Hindi
Glukoma ya Samalbaee ka khatra Hindi mein समलबाई या ग्लूकोमा का खतरा जानें किसे हो सकता है
 
 समलबाई glucoma किसी को भी हो सकता है। लेकिन उन लोगों में इसके होने की संभावना ज्यादा होती है, जिन्हें निकट दृष्टि- दोष होता है या फिर आंखों में कभी चोट लगी हो।
इसके साथ ही किसी व्यक्ति को अगर उच्च रक्तचाप की समस्या हो तो उसे भी समलबाई या ग्लूकोमा का खतरा हो सकता है।
अगर कोई शुगर का मरीज है या फिर माइग्रेन की उसे शिकायत है तो उसे इसके प्रति ज्यादा सतर्क रहना चाहिए।
इसलिए ज्यादा जरूरी है कि समलबाई kala motiya का इलाज समय रहते किया जाए।उसके लिए नियमित रूप से हर साल समलबाई की जांच करानी चाहिए। इससे आंखों में होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।
इसका फायदा यह होगा कि आपको शुरुआती दौर में ही इसका इलाज शुरू हो जाएगा और जीवन प्रयत्न आंखों की रोशनी कम होने से हम बच जाते हैं।
  समलबाई का रोग के लिए अब घबराने की जरूरत नहीं है अब समलबाई का आयुर्वेदिक इलाज आ गया है।जिसकी सहायता से आप आसानी से काला मोतिया या ग्लूकोमा का रोग दूर कर सकते हैं।
समलबाई या ग्लूकोमा जैसा कि आप अब तक जान चुके हैं कि आंखों से संबंधित गंभीर बीमारी है।धीरे-धीरे आपके आंखों की रोशनी को चुरा लेता है और आपको मालूम भी नहीं पड़ता है।
 होता क्या है कि अगर इलाज इसका समय से नहीं होता है तो आपकी नजरें कम होने लगती हैं और आंखों की रोशनी तक जाने का खतरा रहता है।
 यह किसी को भी हो सकता है बच्चे हो या जवान हो या बुढ़े हों आज के समय में यह कहना मुश्किल है कि खतरा किसको हो सकता है।
लेकिन ज्यादातर इसकी संभावना 40 की उम्र के बाद होती है और वैसे इसके जो लक्षण बताए गए हैं।
समलबाई के लक्षणों के आधार पर हम अपने को जान सकते हैं कि कहीं हम ग्लूकोमा, काला मोतिया या फिर आंखों से संबंधित बीमारी के शिकार तो नहीं हो रहे हैं।
 समय रहते हम अपने आंखों की जांच करवा सकते हैं और कुछ उपचार के बाद इस पर रोकथाम भी लगा सकते हैं।
समलबाई का दर्द Samalbai ka dard
 
समलबाई रोग में आंखों में तेज दर्द होता है और यह दर्द जब होता है तो उसके थोड़ी देर बाद आंखों से दिखना बंद हो जाता है।
फिर थोड़ी देर बाद यह दर्द जब खत्म होता है तो फिर आंखों से दिखने लगता है।यह लगभग कुछ देर पर होता है, शुरुआती लक्षणों में आंखों में दर्द होना शुरू होता है इसलिए जब भी आपके आंखों में दर्द हो तो थोड़ी भी लापरवाही न करें।
अपने आंखों की जांच डॉक्टर से जरूर कराएं और आहार में पौष्टिक चीजों को लेना शुरू करें।
हमने इस पोस्ट में बताया है कि आपको समलबाई (ग्लूकोमा, काला मोतिया, सफेद मोतिया, मोतियाबिंद) की समस्या को दूर करने के लिए अपने आहार में किन चीजों को खाना चाहिए उनका इस्तेमाल कर बहुत हद तक आप अपने समलबाई पर काबू पा सकते हैं।
ग्लूकोमा या समलबाई की शुरुआत किन चरणों में होती है जानें Glukoma ki suruaat ke charan Hindi
mein
प्रमुख रूप से ग्लूकोमा की शुरुआत के 3 चरण होते हैं-
1 प्रथम चरण first stage
इस चरण में आंखों को ज्यादा नुकसान तो नहीं पहुंचता है। यह ग्लूकोमा की शुरुआत का शुरुआती चरण होता है।
ऐसे में सिर्फ आई ड्रॉप से ही इस पर काबू में पाया जा सकता है। आई ड्रॉप्स के द्वारा डॉक्टर आंखों के दबाव को कम करने की कोशिश करते हैं।
Kala motiya के प्रथम चरण में आंखों पर दबाव पड़ता है हालांकि अगर शुरू में लक्षण में अगर ग्लूकोमा को पहचान लिया जाता है तो ग्लूकोमा का इलाज आसान हो जाता है।
2 द्वितीय चरण second stage
दूसरे चरण में होता यह है की आंखों की ñदृष्टि लगातार कमजोर होने लगती है और रोशनी की देखने की जो प्रक्रिया है वह काफी धीमी हो जाती है।
  सबसे बड़ी बात यह है कि इंसान यह समझ नहीं पाता है कि उसके आंखों को किसी भी प्रकार की क्षति हो रही है।
 आंखों की छाती के लिए बताए गए हैं उसे नियमित रूप से स्वीकार में लाना चाहिए।क्योंकि ग्लूकोमा में आंखों की रोशनी जाने लगती है इसलिए इस के डिजीज को दूर करने के लिए घरेलू नुस्खे बताए गए हैं उसे अमल करें।
3 तृतीय चरण third stage
इस चरण में आंखों की रोशनी एकदम से क्षीण हो जाती है और हमें दिखाई देना बिल्कुल भी बंद हो जाता है।
इसका इलाज संभव नहीं होता। ऐसे में आंखों के प्रति हमें काफी सतर्क रहना चाहिए और प्रथम शुरुआती चरण में ही हमें इसका ट्रीटमेंट शुरू कर देना चाहिए।
ग्लूकोमा कैसे ठीक होगा इसके जो चरण बताए गए हैं उसको स्टेप बाय स्टेप अमल करना चाहिए। इससे काला मोतिया, ग्लूकोमा, समलबाई बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।
आइए जानते हैं अब उन कारणों को जिनकी वजह से समलबाई या काला मोतिया होता है
Samalbaee (Kala motiya, glukoma ) का कारण Hindi me
 
समलबाई हमारी आंखों में एक ऑप्टिक नर्व होती है। जो किसी भी वस्तु का चित्र हमारी आंखों तक पहुंचाती है।
समलबाई की स्थिति में हमारी आंखों पर ज्यादा जोर पड़ता है, जिससे लगातार दबाव बढ़ता है और इसका परिणाम यह होता है कि हमारी आंखों की रोशनी नष्ट हो जाती है।
ऐसे में होता यह है कि आंखों के अन्य भागों पर पड़ने वाला दबाव बढ़ता जाता है।अगर इस दबाव को समय पर नियंत्रित नहीं किया जाता है तो व्यक्ति के हमेशा के लिए अंधेपन का शिकार हो सकता है।
ग्लूकोमा या समलबाई के कारण ऑप्टिक तंत्रिका को जो नुकसान पहुंचता है, उसकी वजह से आंखों की रोशनी क्षीण होने लगती है।
इसका मुख्य वजह आंखों की रोशनी का क्षति ग्रस्त होना है। जो निरंतर बढ़ते दबाव के कारण बढ़ता जाता है।
समलबाई, काला मोतिया, मोतियाबिंद या ग्लूकोमा में नेत्र दबाव आखिर क्यों बढ़ता है
होता क्या है कि नेत्र दबाव की वजह से आंखों से लगातार तरल द्रव निकलता रहता है।
ऐसे में द्रव की निकासी की जो प्रोसेस होती है, वह ठीक से काम नहीं करती है। ऐसे में होता क्या है कि आंखों पर लगातार दबाव बढ़ाता है तरल पदार्थ निकलने पर समलबाई के चांस ज्यादा बढ़ जाते हैं।
इसके लिए Samalbai, ग्लूकोमा ke gharelu upaye in Hindi में जो बताए गए हैं उसे इस्तेमाल करें।
कुछ बीमारियों में भी समलबाई के होने के चांसेस ज्यादा होते हैं। Top reasons of samalbaee, ग्लूकोमा, काला मोतिया, मोतियाबिंद
मोतियाबिंद होने का बड़ा कारण है
हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) Kala motia, glucoma hone ka Karan

अगर किसी को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो उसको अपनी आंखों को लेकर के और सतर्क रहना चाहिए।

 

 

 

 

 क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीज को काला मोतिया या मोतियाबिंद या फिर समलबाई होने का खतरा ज्यादा रहता है।
 क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर के जो मरीज होते हैं उनकी आंखों पर उनके ब्लड प्रेशर का ज्यादा असर पड़ता है और आंखें खराब होने के चांस ज्यादा रहते हैं।
 ऐसे में अगर हाई ब्लड प्रेशर है आपको तो आप उसका इलाज करवाएं। दवाओं का सेवन बराबर करें।
जिससे आपके यहां आंखों की रोशनी पर किसी भी तरह का कोई असर न हो और आप किसी गंभीर बीमारी से बचे रहें।
2 काला मोतिया या ग्लूकोमा का प्रमुख कारण है निकट- दृष्टि दोष glucoma, Kala motia, Samalbai  kyon Hota hai
अगर निकट दृष्टि दोष चश्मे का नंबर आपका बराबर बदल रहा है तो आपको सतर्क होने की जरूरत है।
इसमें आपके आंखों को काफी क्षति पहुंचती है आंखें आपकी कमजोर हो रही है इस बारे में आपको अंदाजा भी नहीं होता कि कब आप ग्लूकोमा के शिकार हो जाते हैं।
 इसलिए अगर निकट दृष्टि दोष है तो हमेशा अपनी आंखों की जांच कराते रहें ताकि समय रहते आंखों में कोई भी परेशानी हो तो उसका उपचार आप करवा सकें।
3 ग्लूकोमा, काला मोतिया या मोतियाबिंद, समलबाई का प्रमुख कारण शुगर 
शुगर के मरीज है तो अपनी आंखों को ले कर रहें सतर्क क्योंकि शुगर के मरीजों की भी आंखों की जो रोशनी होती है वह कम होती रहती है आंखें कमजोर होती रहती हैं।
 उन्हें इस तरह का खतरा ज्यादा रहता है जैसा कि अब तक हम चर्चा कर चुके हैं, काला मोतिया या समलबाई इन गंभीर बीमारियों का आपकी आंखों में खतरा बना रहता है।
 इसलिए जरूरी हो जाता है कि शुगर के अगर मरीज है तो आप अपने शुगर पर पहले कंट्रोल रखें। उसके लिए दवाओं का सेवन करें चिकित्सीय संपर्क रखें जिससे कि आपकी आंखों को गंभीर नुकसान न हो।क्योंकि शुगर के मरीजों के लिए भी आंखों की देखभाल ज्यादा जरूरी हो जाता है। 
4 हाइपो थायराइड वाले मरीज को ग्लूकोमा, समलबाई का रोग, काला मोतिया, मोतियाबिंद हो सकता है glucoma, Samalbai ka roog, Kala motia, motiyabind ki pahchan
 
 
किसी को हाइपो थायराइड की समस्या है तो भी उसे अपनी बीमारी पर नियंत्रण रखना चाहिए।क्योंकि हाइपो थायराइड की स्थिति में आपकी आंखों पर असर पड़ता है।
 आपकी आंखें कमजोर होने लगती हैं और आप के खतरे के करीब जा रहे होते हैं।इसलिए हाइपो थायराइड की समस्या है तो उस को गंभीरता से लें और समय रहते उसका इलाज करवाएं।
5 समलबाई, काला मोतिया, नेत्र रोग, ग्लूकोमा, मोतियाबिंद में आंखों से लगातार तरल पदार्थ निकलना Samalbai ka lakshan
 
आंखों से लगातार तरल पदार्थ निकलता है तो बहुत ही सतर्क हो जाएं। ज्यादातर संभावना है कि समलबाई का खतरा हो सकता है। 
 क्योंकि समलबाई के लक्षण में यह बताया जा चुका है कि अगर आंखों से तरल पदार्थ निकलता है तो आपको समलबाई होने के चांस ज्यादा बढ़ जाते हैं।
 तो समय रहते आप चिकित्सक से संपर्क करें और अपना इलाज करवाएं ताकि नेत्र की ज्योति जो है वह बची रहे।
6 आप्टिक तंत्रिका तंत्र में होने वाले दबाव में समलबाई नेत्र रोग, काला मोतिया, ग्लूकोमा, मोतियाबिंद होने की संभावना रहती है
 
अगर आंखों में किसी भी तरह का तंत्रिका तंत्र में दबाव पड़ रहा होता है तो वहां पर भी समस्या आती है समलबाई होने की।इसलिए आंखों पर अगर किसी तरह का दबाव बढ़ रहा है तो आपको ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है 
7 समलबाई रोग में आंखों में लगने वाली चोट या अन्य समस्याएं 
आंखों में लगने वाली चोट या अन्य कोई समस्या है तो उससे भी आंखों की रोशनी पर असर पड़ता है।

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अगर किसी भी प्रकार का आंखों पर चोट लगता है तो उसके लिए अभी डॉक्टर से फौरन संपर्क करना चाहिए।

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8 बुढ़ापा में समलबाई, ग्लूकोमा रोग होने की संभावनाएं
 
बुढापा यानी जो उम्र दराज लोग हैं उन्हें तो अपनी आंखों के लिए फिक्रमंद होना ही चाहिए और समय-समय पर नेत्र चिकित्सक से जांच करवाते रहना चाहिए।
  आपकी आंखों की रोशनी में कितना परिवर्तन हो रहा है नजदीक के चश्मा का नंबर बदल रहा है या फिर अन्य कोई शिकायत है।
9 समलबाई, ग्लूकोमा, मोतियाबिंद का कारण आंखों की सर्जरी 
 
अगर कभी आपके आंखों की सर्जरी हुई है तो वह भी समलबाई  होने का एक बड़ा फैक्टर माना जाता है क्योंकि जिनकी आंखों की सर्जरी हुई है उन्हें समलबाई  होने की संभावना ज्यादा रहती है।
अगर आंखों की सर्जरी आपकी पहले कभी हो चुकी है तो आप अपने आंखों को लेकर के ज्यादा ही सतर्क रहें। 
10 आंखों में सूजन है तो ग्लूकोमा मोतियाबिंद होने की संभावना 
आंखों में अगर सूजन है आँखें भारी सी लगती हैं तो आपको डॉक्टरी सलाह लेना चाहिए।अगर यह स्थिति ज्यादातर बनी रहती है तो समलबाई रोग है जो धीरे-धीरे आपके आंखों की रोशनी चुरा लेती है और आपको इसका पता भी नहीं चलता है।
क्योंकि इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि आई ड्रॉप्स का लंबे समय तक इस्तेमाल करना।अगर आप आई ड्रॉप्स का लंबे समय तक इस्तेमाल किए हैं तो भी अपने आंखों को लेकर के सतर्क रहें।
 क्योंकि ग्लूकोमा या काला मोतिया होने के चांस ज्यादा बढ़ जाते हैं, ऐसे लोगों को जो बराबर आई ड्रॉप का इस्तेमाल करते हैं इससे भी समलबाई के होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।
अगर किसी को काला मोतिया या समलबाई का खतरा हो चुका है या बीमारी हो चुकी है तो उसे क्या खाना चाहिए आइए उसको भी जान लें 
Top most foods for Samalbaee, glucoma, motiyabind
समलबाई या काला मोतिया, मोतियाबिंद या ग्लूकोमा की शिकायत होने पर क्या खाएं
 
 
Kala motiya ya samalbaee hone pr kya khaye Hindi mein
अगर किसी व्यक्ति को समलबाई या काला मोतिया की शिकायत है तो निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए-
1 विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन glucoma meinVitamin E yukt khady padarth ka sevan in Hindi
 
अगर किसी को samalbaee कि शिकायत है तो उसे अपने खाद्य पदार्थों में विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थ है, अंडे, फल, गेहूं, हरी- सब्जियां इसको अपने भोजन में जरूर शामिल करें।

 

2 विटामिन सी युक्त भोज्य पदार्थ Samalbai ya motiyabind mainVitamin C yukt bhojy padarth ka sevan in Hindi
 
 
काला मोतियाबिंद की स्थिति में विटामिन सी युक्त पदार्थ फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
इसमें प्रमुख रूप से खट्टे फल आते हैं। टमाटर, ब्रोकली और पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।
3 जिंक का सेवन glaucoma ke Rog mein mein jink ka Sevan Karen
 
भोजन में जिंक के उपयोग की मात्रा को बढ़ा करके भी हम ग्लूकोमा के रोग पर काफी हद तक काबू पा सकते हैं। जिंक में लाल मांस,सेव व कुछ साबुत अनाज, विटामिंस आते हैं।अगर यह लक्षण किसी हो तो उसे ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
आइए अब जानते हैं कि ग्लूकोमा या समलबाई होने पर हमें क्या परहेज करना चाहिए या किस तरह की सावधानी अपनानी चाहिए
 
समलबाई होने की स्थिति में या काला मोतिया होने की स्थिति में निम्न परहेज है निम्न सावधानियां हैं,
जिनको हमें जरूर करना चाहिए अगर हम ऐसा करते हैं तो हम इन बीमारियों से बचे रह सकते हैं
 
1 हाई ब्लड प्रेशर उच्च रक्तचाप Kala motia, motiyabind hone per High blood pressure se bacche 
उच्च रक्तचाप मोतियाबिंद की बीमारी से जुड़ी हुई है एक समस्या है। अगर किसी को उच्च रक्तचाप की समस्या है तो उसका इलाज जरूर करवाना चाहिए।
क्योंकि उच्च रक्तचाप का सीधा असर हमारी आंखों पर पड़ता है इसके कारण रक्त वाहिकाओं के साथ आंखों की तंत्रिका को काफी नुकसान पहुंचता है।
2 ग्लूकोमा, समलबाई के रोगी को अत्यधिक पानी पीना से बचना चाहिए gulukoma in Hindi
 
कम समय में अत्यधिक मात्रा में पानी पीने के कारण आई ओपी इंट्राऑकुलर प्रेशर में वृद्धि हो जाती है।
इसीलिए ग्लूकोमा के रोगियों को ज्यादा तरल पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए।
3 मोतियाबिंद, काला मोतिया, ग्लूकोमा समलबाई होने की स्थिति में उल्टी योगासन से बचें  glucoma treatment in Hindi
 
अगर उल्टी स्थिति में योग किया जाता है यानी कि पैर ऊपर सिर नीचे तो इस अवस्था में अगर योग करते हैं तो इससे भी आंखों पर दबाव बढ़ जाता है। जिससे मोतियाबिंद की संभावना बढ़ जाती है।
4  ग्लूकोमा, मोतियाबिंद, काला मोतिया समलबाई होने पर शुगर की बीमारी से बचना चाहिए motiyabind ka desi ilaj
 
अगर किसी को डायबिटीज की बीमारी है तो उसे इसका खास ख्याल रखना चाहिए। अपनी बीमारी को कंट्रोल में रखना चाहिए।क्योंकि इससे भी आंखों पर दबाव पड़ता है और आंख की रोशनी कम हो सकती है।और समलबाई का खतरा बढ़ सकता है।
आइए अब जानते हैं समलबाई के घरेलू उपचार Samalbaee ke gharelu ilaj in Hindi
Samalbaee ( kala motiya, glukoma) Upchar Hindi me समलबाई को इन घरेलू उपायों से कर सकते हैं दूर  [best tips]
जैसा कि अभी तक हम जान चुके हैं कि ग्लूकोमा या समलबाई किसी भी उम्र में हो सकता है।इसकी कोई निर्धारित उम्र नहीं है। फिर भी अगर आपकी 40 की एज हो चुकी है तो आंखों की नियमित चेकअप करवाएं।
Samalbai ka gharelu upchar
कैसे बचें समलबाई से आइए जानते हैं tips for Samalbai in Hindi
 
समलबाई से बचने के लिए आपको बहुत सारी सावधानियों को अपनाना चाहिए जो कि निम्न है-
 
ग्लूकोमा रोग के इलाज में आई ड्रॉप को सावधानी से करें इस्तेमाल  glucoma disease in Hindi
1 अगर आप आंखों में आई ड्रॉप का इस्तेमाल करते हैं तो इसके लिए अपने हाथों को अच्छी तरह साफ करें तभी आई ड्रॉप आंखों में डालें।
2  आप किसी भी प्रकार का आई ड्रॉप अगर इस्तेमाल करते हैं तो उसको सूखी जगह और ठंडी जगह पर रखें।

 

समलबाई का घरेलू नुस्खा आंखों के दर्द को लेकर रहें सचेत glucoma ka gharelu upchar
3 आंखों में दर्द हो और सिर में दर्द होता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

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4 समलबाई रोग का इलाज आंखो में पोषण देने वाले खाद्य पदार्थ का करें इस्तेमाल Samalbai eye disease in Hindi
 
अब आप यह सोच रहे होंगे कि आंखों को पोषण देने वाले कौन से खाद्य पदार्थ होते हैं तो आइए जानते हैं कि आंखों को पोषण देने वाले कौन-कौन से तत्व है।
जैसे दूध, संतरा, खरबूजा, अंडा, सोयाबीन, मूंगफली, बादाम इसके अलावा हरी साग- सब्जियों का सेवन भी पर्याप्त मात्रा में करें।
अगर किसी के घर में समलबाई आनुवंशिक है। पहले से किसी को है तो और भी सतर्क रहना चाहिए।
क्योंकि ऐसी स्थिति में समलबाई होने के ज्यादा चाांस होते हैं। इसके लिए आंखों की नियमित जांच करवानी चाहिए।
समलबाई या ग्लूकोमा के देसी इलाज में उच्च रक्तचाप और मधुमेह को लेकर सतर्क रहें Samalbai Netra Rog
 
 
उच्च रक्तचाप या मधुमेह है तो उसे नियंत्रित रखना चाहिए। क्योंकि इसका सीधा असर आपकी आंखों पर पड़ता है।
समलबाई ( काला मोतिया या ग्लूकोमा ) वैसे तो इसका कोई प्रिवेंशन नहीं है।
 अभी तक इसके बचाव के तरीके ज्ञात नहीं है इसलिए समलबाई या मोतियाबिद  की जांच बराबर करना होगा। 
इसका फायदा यह होगा कि आपको आरंभिक अवस्था में ही इस बीमारी का पता चल पाएगा और इसका उपचार आप आसानी से कर पाएंगे।
प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए जो हमारे स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक होता है।अब प्रश्न यह उठता है कि क्या समलबाई के खतरे को योग से कम किया जा सकता है आइए जानतेे हैं  
समलबाई रोग का इलाज व्यायाम से समलबाई का खतरा कम किया जा सकता है जानें Glucoma kaise theek hoga Samalbai (motiyabind) Rog ka ilaj
 
बहुत से लोगों के मन में सवाल आता है कि जैसे हर खतरे को योग के द्वारा कम किया जा सकता है
तो क्या इसके के खतरे को भी व्यायाम के द्वारा कम किया जा सकता है तो इसका जवाब हां है।
योग इस के रोग को काफी हद तक कम कर सकता है। योग के द्वारा आंखों के रक्त प्रवाह में वृद्धि की जा सकती है।
व्यायाम आपके शरीर और आपकी आंखों में रक्त प्रवाह बनाए रखता है।यहां पर एक महत्वपूर्ण बात यह है कि नियमित योग के साथ आपको सुचारु रुप से नियमित जीवनशैली अपनानी चाहिए। यानी खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इससे भी समलबाई के खतरे को कम किया जा सकता है।
समलबाई का आयुर्वेदिक इलाज है अपने आहार में परिवर्तन करना Glucoma ya Samalbai Kala motia ka ayurvedic ilaj
समलबाई या ग्लूकोमा के आयुर्वेदिक इलाज में आपको अपने खान पान में पोषक तत्वों का इस्तेमाल करना होगा।जितना पोषक तत्व आप इस्तेमाल कर सकते हैं उतना आप करिए।
अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा विटामिन्स का प्रयोग करिए, जिससे आंखों की रोशनी बढ़ सके।इसके साथ ही हरी पत्तेदार सब्जियों दूध का सेवन करें इससे आपकी आंखों की रोशनी में वृद्धि होगी।
समलबाई या ग्लूकोमा रोग के इलाज में जिंक का करें सेवन Kala motia ka ayurvedic upchar
 
 जिंक ग्लूकोमा रोग में काफी हद तक काबू पा सकते हैं इसके अलावा आप ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक चीजों का सेवन करें।
समलबाई या ग्लूकोमा का इलाज में करें सेब का इस्तेमाल motiyabind disease in Hindi
 
 
अगर आपको समलबाई, काला मोतिया, ग्लूकोमा या मोतियाबिंद कोई भी बीमारी की शिकायत है तो इसमें आप सेब का सेवन करें। सेब सेवन से आपको काफी हद तक आराम मिलेगा। क्योंकि सेब में जिंक पाया जाता है  और इसके साथ ही सेब में अन्य विटामिंस भी पाए जाते हैं जिससे कि आंखों की रोशनी में यह लाभदायक होता है और samalbai के इलाज में काफी कारगर है।
मोतियाबिंद, ग्लूकोमा का घरेलू नुस्खा ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ है Samalbai ka gharelu nuskhe in Hindi
 
समलबाई, काला मोतिया, ग्लूकोमा से अगर आप परेशान हैं तो इसकी की दवा क्या है यह हम जानना चाहते हैं इसके लिए जो प्राकृतिक दवा है अपने आहार में परिवर्तन करें, जिससे कि आपका इस रोग आसानी से दूर हो सके।
समलबाई का आयुर्वेदिक इलाज है उसमें सिर्फ और सिर्फ प्राकृतिक चीजें आती हैं, जिनके सेवन से हम अपने रोग की रोकथाम कर सकते हैं। इसकी रोकथाम कर सकते हैं इसलिए अपने आहार में ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
समलबाई, ग्लूकोमा, काला मोतिया का आयुर्वेदिक इलाज गाजर है Motiyabind ka gharelu upchar
 
 
समलबाई, काला मोतिया, ग्लूकोमा का आयुर्वेदिक इलाज गाजर है। गाजर का सेवन करके मोतियाबिंद को कम समय में दूर किया जा सकता है क्योंकि इसमें विटामिन सी पाया जाता है, इसलिए यह काफी हद तक आंखों की रोशनी के लिए लाभदायक होता है।
इसके साथ ही अगर कद्दू का प्रयोग हम सब्जियों में करते हैं तो यह और भी लाभदायक हो जाता है ऐसे ग्लूकोमा आसानी से सही हो जाता है यह समलबाई का घरेलू उपचार है।
 समलबाई या ग्लूकोमा की दवा Kala motia ki dawa
समलबाई या ग्लूकोमा की दवा की जहां तक बात आती है तो हम आपसे यही कहना चाहेंगे कि आप पूरे पोस्ट को ध्यान से पढ़ें,  इसके जो लक्षण बताए गए हैं इसके होने का कारण बताया गया है ,इसके साथ ही इसकी रोकथाम कैसे की जा सकती है।
जहां तक समलबाई के दवा की बात है तो हम आपसे यही कहना चाहेंगे कि डॉक्टर के से संपर्क करें
 और डॉक्टर की सलाह पर ही किसी भी दवा का इस्तेमाल करें।
 
आंखों में धुंधलापन क्यों दिखता है Samalbai disease in Hindi
 
आंखों का धुंधलापन आंखों की बीमारी से संबंधित है। आंखों में धुंधलापन आपको तभी दिखता है। जब आपके आंखों में कोई न कोई बीमारी हो, चाहे आपको कम दिखाई दे रहा हो या फिर आपको रोशनी आंखों में चुभती हो।
 मोतियाबिंद के लक्षण हो आपके में तब इस तरह की स्थिति उत्पन्न होती है कि आंखों से आपको धुंधला दिखाई देने लगेगा।
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 इसके साथ रोशनी जहां भी होगी वहां पर आपको चकाचौंध लगेगा तो यह सब अगर दिखता है तो आपको बिल्कुल भी सतर्क हो जाना चाहिए। यह सब इसके लक्षण है।
 क्योंकि यह एक मोतियाबिंद का ही लक्षण हो सकता है वैसे भी कहा गया है कि अगर आंखों का धुंधलापन है तो वह एक आंखों से संबंधित बीमारी की एक गंभीर स्थिति है।इसे आप हल्के में न लें और अपने आंखों का प्रॉपर ट्रीटमेंट डॉक्टर से जरूर कराएं।
 उसके साथ ही आप ऊपर बताए गए बातों को अवश्य जानें कि उसमें क्या खाना चाहिए। किस चीज को खाने से हमारे आंखों की रोशनी बढ़ती है इन सब बातों का आप ध्यान जरूर रखें।
समलबाई या ग्लूकोमा या काला मोतिया इसकी जांच कैसे की जाती है Samalbai  treatment in Hindi
समलबाई को ही हम ग्लूकोमा कहते हैं या फिर उसका अन्य नाम काला मोतिया है। इसके अलावा इसे कांच बिंदु का भी नाम दिया गया है।जहां तक समलबाई के जांच का सवाल है वहां पर हम आपको यह बात बता देना चाहते हैं कि क्या योग के द्वारा हम इस रोग के खतरे को कम कर सकते हैं।
 इसके साथ ही हम यह भी बता देना चाहते हैं कि समलबाई के जांच की जहां पर बात कही जा रही है  इस रोग की जांच विजुअल फील्ड के माध्यम से की जाती है।
 यानी की शुरू में आपको पता भी नहीं चलता है कि आपको समलबाई या काला मोतिया की शिकायत है।
और आपकी आंखों की रोशनी जा चुकी होती है तब आपको यह बात पता चलता है।
 क्योंकि होता यह है समलबाई में या काला मोतियाबिंद में आपको दिखाई तो सही देगा सामने से।
 लेकिन जो आंख के किनारे का हिस्सा है दाहिना और बायां हिस्सा का प्रभावित होना शुरू हो जाता है और आप को साफ दिखाई किनारे से नहीं देता है।
आंखों के किनारे से साफ दिखाई नहीं देता है लेकिन आंखों के सामने से शुरू के दिनों में आप आसानी से देख लेते हैं।ग्लूकोमा होने की स्थिति में या कांच बिंदु होने की स्थिति में किसी तरह का आपको आंखों में दर्द नहीं होता है।
 इस बात को आप ध्यान रखें लेकिन वहीं पर धीरे-धीरे आपकी आंखों की रोशनी जा चुकी होती है तब आपको यह ज्ञान होता है कि आपको समलबाई या कांच बिंदु हुआ है।
समलबाई का कैसे रोकथाम करें  glaucoma in Hindi
 
समलबाई रोग से आप बचना चाहते हैं ग्लूकोमा रोग से बचाव के लिए आपको अपने आपको का विशेष ध्यान देना होगा।जब आपकी उम्र 40 की हो जाए या फिर इससे पहले भी तो हमेशा अपने आंखों की जांच आपको करवाते रहना चाहिए।
इसके साथ ही साथ आपको अपने आहार का ध्यान रखना होगा विटामिन युक्त भोजन आपको करने होंगे।प्रोटींस, विटामिंस का अपने खाने में ध्यान रखना होगा। इसके साथ ही योग की क्रिया आपको अपनानी होगी।
क्योंकि योग शरीर के सेहत के लिए तो जरूरी है।इसके साथ ही साथ आपके आंखों की रोशनी के लिए भी जरूरी है। इसलिए जरूरी हो जाता है कि आप नियमित रूप से योग करें और एक सक्रिय जीवनशैली अपनाएं ।
जिससे आप स्वस्थ जीवन जी सके और दूसरी तरह स्वस्थ आहार लेते हैं तो ग्लूकोमा या काला मोतिया जैसी समस्या को आप आसानी से कम कर सकते हैं।
यहां पर हम आपको बता दें कि एक शोध में पाया गया है कि योग के द्वारा कुछ हद तक इसकी संभावनाओं को कम किया जा सकता है।
 यानी कि योग के साथ आपका नियमित रूप से आंखों के ऊपर ध्यान देना यानि समय-समय पर डॉक्टर से जांच करवाना इसकी एकमात्र रोकथाम है।
इस बीमारी से बचने का तरीका यह भी है कि ज्यादा देर तक आपको मोबाइल लैपटॉप नहीं चलाना चाहिए क्योंकि उसकी रोशनी आंखों पर खराब असर डालती है।दूसरी तरफ अगर आप टीवी वगैरह देखते हैं तो भी भूल जाइए अगर आपको अपना कैरियर बनाना है तो समलबाई के खतरे से बचना होगा।
  इसके लिए आपको अपने आंखों का विशेष तौर से ध्यान देना होगा क्योंकि अगर आप ऐसा करते हैं तो आंखों से चश्मा आसानी से हट जाएगा।क्योंकि योग से आपके शरीर और आपकी आंखों में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाता है और योग के द्वारा आप आसानी से इस पर काफी रोकथाम कर सकते हैं।
 यह एक अच्छा उपचार कहा जा सकता है  व्यायाम से हमारे शरीर में रक्त प्रवाह अच्छा रहता है जो रक्त का संचालन को बनाएं रखता है।उसमें एक फ्लो बना रहता है जो हमारी आंखों के लिए भी फायदेमंद होता है।
 इसके अलावा अगर आप रेगुलर एक्सरसाइज करते हैं और एक अच्छा जीवन शैली जीते हैं यानी आपकी दिनचर्या अच्छी होती है। स्वास्थ्य के हिसाब से दिनचर्या का अगर आप पालन करते हैं, इसके साथ ही अगर आप अपने वजन पर भी कंट्रोल रखते हैं।
 अपने खानपान का भी ध्यान देते हैं तो संभावना ज्यादा बन जाती है कि आपको इस तरह का कोई रोग न हो अगर होता भी है तो उस पर रोकथाम लगाना स्वाभाविक है।
 क्योंकि यूरोपीय अध्ययन में ऐसा पाया गया है कि कुछ लोगों में समलबाई का खतरा जो है वह बढ़ रहा है तो ऐसे में उन्होंने योग किया तो वहां पर इस तरह की संभावनाएं कम आईं, यानी इस तरह के खतरे की जो जोखिम आसानी से योग से कम कर सकते हैं।
 अपने आहार में परिवर्तन के साथ ही अगर आप योग का नियमित करते हैं। योग को नियमित करते हैं तो संभावना है कि इसका खतरा कम हो सकता है।
घर पर अपनी बीमारी की जांच कैसे करें  glukoma disease in Hindi
 
बीमारी की जांच के बारे में आपको बता दें कि इस बीमारी की जांच आप घर पर दो तरीकों से कर सकते हैं।
पहला तरीका तो यह है कि आप डॉक्टरी संपर्क करें और दूसरा तरीका जो है यह है कि किसी फोटो या कैलेंडर को आप कुछ दूरी यानी लगभग 6 या 7 मीटर की दूरी से देखें।पहले से अगर यह तस्वीर आपको साफ दिखाई दे रही है थी और अचानक से यह धूंधली दिखाई देने लगे तो आप सतर्क हो जाइए।
 इसके साथ ही साथ हम आपको यहां पर बता दे कि  आपको धूंधली दिख रही है। उसके आस पास  की चीजें भी अगर आपको धूंधली दिख रही हैं तो आपको फौरन डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
 क्योंकि दवाओं से होगा क्या कि आपका समय रहते उपचार हो जाएगा और उपचार के द्वारा आपकी जो बीमारी है उस पर काफी हद तक मदद पाया जा सकता है।इसके साथ ही अन्य आधुनिक इलाज भी इसके संभव है जैसे ऑपरेशन किया जाता है मोतियाबिंद का।
 इसके साथ ही साथ जो लोग इस गंभीर बीमारी से पीड़ित होते हैं वहां पर इस रोग का इलाज करके इस बीमारी से मुक्ति दी जाती है।
ग्लूकोमा का हिन्दी नाम क्या है
 
ग्लूकोमा आंखों से संबंधित बीमारी है यह आंखों की रोशनी  चुरा लेती है और इसका हमें पता भी नहीं चलता है। ग्लूकोमा को ऐसे तो काला मोतिया के नाम से जानते हैं और इसे हिंदी में काला मोतिया ही कहते हैं इसका अन्य नाम समलबाई भी होता है।
 इसमें आंख के अंदर से एक तरल पदार्थ निकलता है और वह रुकता नहीं है।जिसकी वजह से आंखों की रोशनी धीरे-धीरे जाती रहती है और हमें इसका ज्ञान बहुत देर में होता है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि अगर आपकी एज 40 साल हो गई है तो आप अपने आंखों की जांच साल में दो बार जरूर कराएं।  यह समस्या आनुवंशिक भी होता है इसमें आंखों से संबंधित व्यायाम को करने की सलाह दी जाती है।
समलबाई या मोतियाबिंद की पहचान कैसे करें samalbai ka ilaj kya hai
 
समलबाई या मोतियाबिंद की जांच करने के लिए बहुत ही आसान तरीका है जिसके द्वारा आप जान सकते हैं कि आपको समलबाई या मोतियाबिंद की शिकायत हो चुकी है और समय रहते आप इसका इलाज करा सकते हैं।
 इसके लिए आपको यह देखना होगा सर्वप्रथम कि आपकी आंखों की रोशनी  कम तो नहीं हो रही है और आप जब भी देखते हैं तो आपको कम दिखाई देती है, दूसरी तरफ लाइट की रोशनी में आपको चकाचौंध आपकी आंखों में महसूस होता है तो आप सतर्क हो जाएं।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपकी दृष्टि कमजोर हो रही होती है। ऐसी स्थिति जब बनती है तो हम यह कहते हैं कि हमारे आंखों में मोतियाबिंद की शिकायत हो गई है। मोतियाबिंद या सफेद मोतिया इस समस्या से ग्रसित लोगों को रात में काम करने में काफी दिक्कतें आती हैं।
 जैसे गाड़ी चलाना हो तो दिक्कतें आती हैं, पढ़ाई करना हो या फिर कोई अन्य कार्य करना हो तो उन्हें काफी समस्या का सामना करना पड़ता है।अगर इस तरह की बातें आपके साथ हो रहे हैं तो आप सावधान हो जाएं और आप सतर्क हो जाएं।
अपने आंखों की रोशनी को लेकर के कि आपको मोतियाबिंद ग्लूकोमा या फिर कहे motiyabind की शिकायत हो चुकी है।
सफेद मोतियाबिंद का इलाज safed motiyabind ka ilaaj
 
सफेद मोतिया में होता क्या है
 
 
आंखों पर जो इमेज आप देखना चाहते हैं वह धुंधली हो जाती है। यह दृष्टि बाधित होने के कारण ऐसा होता है। मोतियाबिंद या सफेद मोतिया इसे कहते हैं।
इसमें नजरों से कम दिखाई देता है मोतियाबिंद से पीड़ित लोग होते हैं उनको पढ़ने, नजर का काम करने, कार चलाने में बहुत परेशानी आती है। खासतौर से रात के समय में ज्यादा समस्या देखने को मिलती है।
सफेद मोतियाबिंद के घरेलू नुस्खे
 
बाजार में गाजर आसानी से मिल जाता है उसे नियमित रूप से खाना चाहिए यह मोतियाबिंद के इलाज में बहुत लाभदायक है।उससे सफेद मोतिया आसानी से सही हो जाता है। मोतियाबिंद के मरीज को खाना खाते समय नींबू का प्रयोग जरूर करना चाहिए।
अगर नींबू का प्रयोग करते हैं तो यह आपके लिए बहुत ही लाभदायक होगा। सफेद मोतिया के इलाज में लहसुन को अचूक दवा बताया गया है इसलिए जिनको भी मोतियाबिंद या सफेद मोतिया की शिकायत है उन्हें लहसुन अपने खानपान में शामिल करना चाहिए।
अगर आप मोतियाबिंद या सफेद मोतिया को सही करना चाहते हैं तो इसके लिए सब्जियों में कद्दू का सेवन करना बहुत जरूरी हो जाता है। कद्दू आपके लिए बहुत ही लाभदायक होगा रहेगा।
मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद परहेज motiyabind operation ke bad parhez
मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद कुछ लोगों को हल्का- फुल्का आंखों में दर्द और खुजली तथा सर में दर्द की समस्या हो सकती है। साथ में तेज रोशनी से भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
लेकिन आपको बिल्कुल भी डरने की जरूरत नहीं है ऑपरेशन के बाद यह समस्या होना आम है।अगर खुजली होता है तो खुजलाने से आपको बचना है क्योंकि ऐसा करने से आपकी आंखों को नुकसान हो सकता है।
इसके लिए आपको स्पेशल डॉक्टर के द्वारा निर्धारित चश्मा दिया जाता है जिसे आप को पहनना है।नींद में सोते समय भी चश्मा पहने रहना है ताकि आपकी आंखों पर किसी भी प्रकार का दबाव न पड़े।
अगर मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद ऐसा लक्षण महसूस होता है कि आंखों में सुधार नहीं हुआ है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके साथ ही कुछ हफ्तों के लिए कोई भी भारी चीज आपको नहीं उठाना है। और न ही किसी प्रकार की गतिविधि करना है।
अपनी आंखों पर अतिरिक्त दबाव पड़ने से बचाने के लिए आपको झुकना भी नहीं है ।संभव हो सके तो कोशिश करें कि आपको किसी तरह का ठीक समस्या न आए, उल्टी ना हो, इससे भी आपकी आंखों पर दबाव बढ़ेगा।
तीन काम को करने से बचना होगा जैसे कार ड्राइव करते हैं तो उसमें आपको नहीं करना होगा। कोई एक्सरसाइज करते हैं तो वह भी आपको बंद करना पड़ेगा। नहाते समय आपको अपनी आंखों को बंद रखना है।
किसी तरह का आंखों का मेकअप नहीं करना है, खेलकूद से दूर रहना है, खानपान पर विशेष ध्यान देना है। हालांकि डाक्टर इस बारे में कोई प्रतिबंध नहीं लगाते हैं लेकिन आपको एक बार खान पान के बारे में डॉक्टर से पूछ लेना है।
मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद क्या परहेज करना चाहिए तो यहां हम बता दें कि आपको ज्यादा देर तक टीवी नहीं देखना है। आंखों में खुजली अगर होती है तो उसको खुजलाने से बचें, इससे आपके लेंस को नुकसान हो सकता है। कुछ दिनों तक आप चश्मे को पहने रहिए जो डॉक्टर ने आपको दिया है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
बहुत से लोगों का यह प्रश्न रहता है कि काला मोतिया किसे कहते हैं। काला मोतिया की समस्या में हमारी आंखों में किस तरह की समस्या आती है आइए अब इसको जानते हैं।
काला मोतिया किसे कहते हैं
आंखों से संबंधित बीमारी काला मोतिया हो या फिर मोतियाबिंद हो या फिर ग्लूकोमा हो या समलबाई इन सभी बीमारियों में एक ही समस्या रहती है कि नजरें उनकी एकदम से कमजोर हो जाती हैं।यानी देखने की जो उनकी दृष्टि है वह बहुत ही कमजोर हो जाता है। 
काला मोतिया को काला मोतियाबिंद भी कहते हैं या फिर ग्लूकोमा के नाम से भी ज्यादातर जाना जाता है।
काला मोतिया के ज्यादातर मामलों में होता है कि कोई लक्षण नजर नहीं आता है।
जिससे समस्या और बढ़ती जाती है न ही कोई इस में दर्द होता है कि आप जान सके कि आपको काला मोतिया या फिर ग्लूकोमा की शिकायत हो चुकी है।
और एक समय ऐसा आता है कि आदमी बिल्कुल ही दृष्टिहीन हो जाता है।
यानी कि उसकी आंखों से कुछ भी नहीं दिखाई देता है काला मोतिया से हमारी आंखों पर काफी नुकसान पहुंचता हैजिसे हम नजरअंदाज नहीं कर सकते।अगर समय रहते हम अपने आंखों की रोशनी के प्रति सतर्क रहेंगे तो यह सब जो आंखों से संबंधित बीमारियां हैं वह आपको नहीं होंगी।
 जैसे ही आपकी नजरें कमजोर होती हैं बार-बार चश्मे का नंबर बदल रहा होता है तो ऐसे में आपको सतर्कता बरतने की बहुत ही जरूरत है। आप अपनी आंखों की जांच बराबर कराते रहें और अपने खानपान में उन चीजों को शामिल करें जिनसे आंखों की रोशनी बढ़ती है।
काला मोतिया में आंखों की पर काफी दबाव पड़ता है
जिसकी वजह से हमारी आंखों की रोशनी को नुकसान पहुंचता है और हम  दृष्टिहीनता के शिकार हो जाते हैं।
इसलिए जरूरी है कि समय रहते अपनी आंखों की रोशनी के प्रति सतर्क रहें और समय पर डॉक्टरी जांच जरूर कराएं। जिससे इस तरह की गंभीर समस्याओं से संबंधित बीमारी आप तक नहीं पहुंचने पाए।
अगर आप समय रखते हैं अपनी आंखों के प्रति सजग रहते हैं तो न तो आपको आंखों से संबंधित बीमारी होगी
  कम से कम इस तरह की तो समस्या नहीं होगी कि आपका काला मोतिया,ग्लूकोमा या फिर मोतियाबिंद की शिकायत हो।
 हमारी सलाह यही है कि आप हमेशा अपनी आंखों को लेकर के सतर्क रहें और समय पर डॉक्टरी सलाह जरूर लें। बहुत से लोगों का एक का मन प्रश्न आता है की अगर आंखों में इंफेक्शन हो जाता है तो उसे कैसे दूर किया जाता है।यहां पर हम इस प्रश्न का जवाब आपको देना जरूरी समझ रहे हैं आइए जानते हैं 
आंखों में अगर इंफेक्शन हो जाता है तो उसे नजरअंदाज नहीं करें
 
अगर आपकी आंखों में किसी भी तरह का इंफेक्शन हो जाता है तो उस को गंभीरता से लें, उसे नजरअंदाज नहीं करें।
 उस इंफेक्शन को कैसे दूर करें आइए जानते हैं इसके लिए आपको करना क्या होगा कि अगर आप अपने घर में एसी का इस्तेमाल करते हैं और ज्यादा समय ऐसी रूम में बिताते हैं तो आप अधिक देर तक एसी में रहने से बचें।अगर आप ऐसा करते हैं तो आपकी आंखें सुखी हो सकती हैं और उस में जलन होने लगता है तो एसी का प्रयोग कम से कम करें।
  इसके साथ ही आंखों के इन्फेक्शन को दूर करने के लिए अपने आंखों को दो से तीन बार ठंडे पानी से आप बार-बार धोते रहेंं।
 अगर आंखों में लालिमा की समस्या है तो इसके लिए आंखों को ठंडा पानी से धोएं इसके साथ ही एक और गंभीर बात यह है कि अब महिलाएं जो आंखों में मेकअप करती हैं उस मेकअप को उतार कर के ही सोना चाहिए जिससे आंखों में इंफेक्शन न हों।
आंखों के इन्फेक्शन को दूर करने के लिए एक उपाय है गर्म पानी का इस्तेमाल करें और उससे आप अपनी आंखों को धोएं। आंखों के ऊपर जमने वाली जो गंदगी होती है वह हट जाती है।
इसके साथ ही एक और उपाय है कि आंखों का इन्फेक्शन दूर करने के लिए गुलाब जल ले लें और उससे आप अपनी आंखों को धो लें, इससे इंफेक्शन दूर होता है।
मोतियाबिंद की सर्जरी कब करानी चाहिए
 
जब मोतियाबिंद आपके रोजमर्रा के कार्यों में परेशानी पैदा करता है तो उसी स्थिति में आपको मोतियाबिंद की सर्जरी करा लेनी चाहिए।मोतिया के पकने का इंतजार नहीं करना चाहिए इंतजार करने में सर्जरी और भी ज्यादा की टिपिकल हो जाता है।यहां पर एक महत्वपूर्ण बात आपको हम बता दें कि दोनों आंखों की सर्जरी एक साथ कभी नहीं की जाती है।
क्या मोतियाबिंद बिना ऑपरेशन के ठीक हो सकता है
 
 
मोतियाबिंद के बारे में जैसा कि आप सभी जानते हैं कि मोतियाबिंद सर्जरी के साथ-साथ कुछ घरेलू उपायों के द्वारा भी ठीक किया जा सकता है।
मोतियाबिंद सर्जरी के बिना भी ठीक किया जा सकता है इसके लिए बहुत छोटा सा छड़ विकसित किया गया है जिसे नैनो राड के नाम से जानते हैं। नैनो राड की मदद से मोतियाबिंद को बिना सर्जरी के ठीक किया जा सकता है और यह बहुत ही सस्ता इलाज है।
आंखों में भारीपन क्यों होता है
 
आंखों में भारीपन होने का मुख्य कारण शुगर और ब्लड प्रेशर है, इन दोनों वजहों से आंखों में भारीपन होता है।और भारीपन होते होते एक समय ऐसा आता है कि काला मोतिया या ग्लूकोमा की शिकायत हो जाती है।व्यक्ति अंधेपन का शिकार हो जाता है इसलिए जरूरी है कि इसके लक्षणों को जाने और समय रहते इसका इलाज कराएं।
मोतियाबिंद किसकी कमी से होता है
 
मोतियाबिंद आंखों की जलन होती है उस लेंस में पारदर्शिता खत्म होने लगती है और 1 दिन यह अपारदर्शी हो जाता है।लेंस के इसी दुबलेपन को मोतियाबिंद के नाम से जानते हैं, मोतियाबिंद कहें, समलबाई कहिए या ग्लूकोमा कर सकते हैं।इस वजह से लेंस पर प्रकाश नहीं पहुंचता है और प्रकाश नहीं पहुंचने के कारण आंखें धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है।
मोतियाबिंद या समलबाई का देसी इलाज क्या है
 
मोतियाबिंद या समलबाई बाजार में मिलने वाले गाजर का सेवन करके मोतियाबिंद को दूर किया जा सकता है।इसके साथ ही खाने में नींबू का प्रयोग जरूर करना चाहिए इसमें विटामिन सी पाया जाता है जो कि आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद है। सफेद मोतिया के लिए लाभकारी बताया गया है और इसके अलावा अगर आपको मोतियाबिंद की समस्या है उसे सही करना है तो उसके लिए सब्जियों में कद्दू का सेवन करना चाहिए यह बहुत ही लाभप्रद है।
ग्लूकोमा का ऑपरेशन कैसे होता है
 
ग्लूकोमा के ऑपरेशन के लिए सर्जरी के दौरान मरीज को बेहोश किया जाता है और इसके बाद आंखों में जो इकट्ठा तरल पदार्थ होता है उसको बाहर निकाला जाता है।इस प्रक्रिया में लगभग आधे घंटे से ऊपर 40 से 50 मिनट का समय लग जाता है और इस तरह से ग्लूकोमा की सर्जरी की जाती है।
आंखों का काला पानी क्या होता है
 
 
आंखों में दबाव बढ़ने से ग्लूकोमा या काला पानी होता है ग्लूकोमा को काला पानी भी कहते हैं।10 से 20 तक आई एपी सामान्य होता है लेकिन जब यह बढ़ने लगता है तो आंखों के नसों पर दबाव बढ़ जाता है।
और इससे आंखों पर तुरंत असर होता है और काला स्पॉट बढ़ जाने से हमें दिखाई देना बंद होने लगता है।
आंख के ऑपरेशन के बाद क्या- क्या सावधानी करना चाहिए
 
 
आंख के ऑपरेशन के बाद अपनी आंख को अतिरिक्त दबाव पड़ने से बचाना चाहिए, झुकने से बचना चाहिए
 और यदि संभव हो सके तो सर्जरी के तुरंत बाद छींकना नहीं चाहिए, उल्टी नहीं करना चाहिए।
 इसके साथ ही टहलने से सावधानी अपनाना चाहिए दरवाजे और अन्य वस्तुओं से कहीं आप ना टकरा जाए इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए।
 ग्लूकोमा कैसे ठीक होता है glucoma kaise theek hoga in Hindi
 
ग्लूकोमा को ठीक करने के लिए आंखों का दबाव कम किया जाता है, इसके लिए आई ड्रॉप मुंह में खाई जाने वाली दवाई, लेजर ट्रीटमेंट और सर्जरी का सहारा लिया जाता है।ग्लूकोमा के उपचार के समय आंखों पर दबाव कम करके ग्लूकोमा का उपचार किया जाता है।
क्या आयुर्वेद से ग्लूकोमा /समलबाई ठीक हो सकता है
 
 ग्लूकोमा समलबाई  ठीक हो सकता है आयुर्वेदिक इलाज से आंखों पर दबाव कम करने का काम करता है और इसके सामान्य कामकाज को आसानी से किया जा सकता है।आंखों से संबंधित जो कार्य होते हैं उसे आयुर्वेद इलाज के बाद आसानी से कर सकते हैं इसमें हर्बल दवाओं का इस्तेमाल होता है।
क्या आयुर्वेद से आंखों की रोशनी ठीक हो सकती है
 
आयुर्वेद से आंखों की रोशनी ठीक हो सकती है आयुर्वेद में आंखों का इलाज करने से आंखों के रोग कम दिखाई देना समलबाई मोतियाबिंद सभी जड़ से खत्म हो जाते हैं। तथा लंबे समय तक चलता है धीरे-धीरे खोई हुई आंखों की रोशनी वापस आने लगती है।
समापन
आज के लेख से आप जान चुके होंगे कि समलबाई क्या है ,समलबाई के लक्षण क्या है इसके उपचार क्या है, कैसे इसकी रोकथाम की जा सकती है इस प्रकार उम्मीद है कि समलबाई के ऊपर लिखा गया यह लेख आपको पसंद आया होगा हम आगे भी इसी तरह के ज्ञानवर्धक लेख लाते रहेंगे पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।
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यह लेख आपकी जानकारी के लिए शेयर किया गया है आपसे विनम्र निवेदन है कि कोई भी घरेलू उपचार अपनाने से पहले डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें धन्यवाद।
समलबाई(Kala motiya, glukoma) ( नेत्र रोग ) को करें गुड बाय ( how to stop Samalbaee) in Hindi

समलबाई(Kala motiya, glukoma) ( नेत्र रोग ) को करें गुड बाय ( how to stop Samalbaee) in Hindi

 

 

 

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