मिलेट्स क्या है और इसके प्रकार|Types of Millets (Siridhanya) in Hindi
इस आर्टिकल में मिलेट्स क्या है (Types of Millets) मिलेट्स कितने प्रकार का होता है मिलेट्स के उपयोग क्या है मिलेट्स की विशेषता मिलेट्स का अन्य भारतीय भाषाओं में नाम मिलेट्स से संबंधित पूरी जानकारी जानेंगे
Millets in Hindi
मिलेट्स भारत के सबसे पुराने खाद्य पदार्थों में से एक मोटा अनाज है इसे सुपर फूड के रूप में भी जाना जाता है यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है। आप शायद इस बात से अनजान होंगे कि भारत में पहले मोटे अनाज का उत्पादन होता था चावल और गेहूं का उत्पादन बाद में होना शुरू हुआ
लेकिन आज के समय में पोषण मूल्य के कारण पुराने मोटे अनाज की ओर सभी लोग रुख कर रहे हैं क्योंकि आधुनिक अनाज चावल और गेहूं में वह पोषक तत्व नहीं पाए जाते हैं जो पुराने मोटे अनाज में पाए जाते हैं।
मिलेट्स की खेती भारत में की जाती है क्योंकि यहां की कृषि जलवायु मिलेट के लिए सही है यह भारत नाइजीरिया अफ्रीकी देश अन्य एशियाई देश में उगाया जाता है यह छोटा गोल और साबूत अनाज होता है
यह कम पानी में उगाया जा सकता है मोटे अनाज भी रक्तचाप को कम कर सकते हैं मिलेट्स गैस्ट्रिक अल्सर और पेट के कैंसर को कम करता है।
बाजरा कब्ज सूजन और मोटापे को कम करने के लिए मदद करता है बाजरा में फाइबर कैल्शियम आयरन मैग्नीशियम फास्फोरस जैसे पोषक तत्व होते हैं जो इसे सुपर फूड बनाते हैं।
यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है भारत में 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में घोषित किया गया है इसमें मोटे अनाज को महत्व दिया गया है।
अधिकतर राज्य सरकार किसानों को मोटे अनाज उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है ताकि लोगों के थाली तक यह अनाज पहुंच सके।
मिलेट्स के सेवन के लिए लोगों में जागरूकता फैलाई जा रही है क्योंकि इसमें पोषक तत्वों का भंडार होता है।
मिलेट्स जैसे पोषक अनाज के बारे में जागरूक करना खास तौर से शहरों में जहां गेहूं और चावल का प्रचलन ज्यादा है ऐसे में बहुत ही चुनौती पूर्ण काम है
मिलेट के प्रोस्टेट फूड उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है इन उत्पाद को बनाने के लिए कई कंपनियों ने काम भी शुरू कर दिया है।
मिलेट से बने प्रोस्टेट फूड का विस्तार किया जा रहा है ताकि लोगों तक यह पौष्टिक आहार आसानी से पहुंच सके।
कुछ राज्यों में मिलेट्स की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है सरकार उन किसानों को बढ़ावा भी दे रही है जो मिलेट्स का उत्पादन करते हैं।
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मिलेट्स अनाज को तीन श्रेणी में रखा गया है
नेगेटिव ग्रेंस Negative Grains
इसके सेवन करते रहने से कई तरह की बीमारियां होने की संभावना रहती है जिसमें गेहूं चावल है
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नेचुरल ग्रेंस Natural Grains
यह मोटा अनाज कहलाता है इसके सेवन से शरीर में कोई भी बीमारी नहीं होती है यह शरीर को स्वस्थ रखता है यह अनाज ग्लूटेन फ्री होते हैं जैसे बाजरा ज्वार रागी।
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पॉजिटिव ग्रेेन्स Positive Grains
पॉजिटिव ग्रेस के अंतर्गत छोटे अनाज जाते हैं जिन्हें श्री धन्य भी कहा जाता है जैसे कंगनी सामा सनवा कोदो और छोटी कंगनी।
नेचुरल ग्रेेन्स और पॉजिटिव ग्रेस को संयुक्त रूप से मिलेट कहा जाता है अब आगे हम आगे जानते हैं मिलेट्स क्या है आइए जानते हैं मिलेट्स है क्या
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मिलेट्स क्या है|Millets (Siridhanya) in Hindi
मिलेट्स छोटी बीज वाली अनाजों का एक समूह होता है मिलेट्स मूल रूप से दुनिया भर में मोटे अनाज के रूप में जाना जाता है।
इसे मानव भोजन और पशुओं के चारे के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह पोएसी परिवार से संबंधित है इसे मोटा अनाज जाना जाता है।
बहुत से लोग इसे गरीबों का अनाज कहते हैं। यह पोषक तत्वों से युक्त होता है ज्वार बाजरा कंगनी सांवा सभी मोटे अनाज होते हैं।
बाजरा को अंग्रेजी में मिलेट कहते हैं छोटे आकार के बीज वाले अनाज को भी मिलेट कहा जाता है।
यह बहुत ही पौष्टिक आहार होता है और यह मनुष्यों के साथ पशुओं के लिए भी आहार है।
इसे आप कहीं भी उगा सकते हैं यह सुखा क्षेत्र वर्षा थारी क्षेत्र इसके अलावा पहाड़ों पर भी उगाया जा सकता है।
मिलेट्स के बारे में आपको बता दें कि यह वर्षा आधारित खेती है कम पानी में भी इसे उगाया जा सकता है यह मोटा अनाज होता है।
इसे उगाने के लिए किसी रासायनिक खाद की जरूरत नहीं पड़ती है यह आसानी से उगाया जाता है इसलिए भी इसकी खेती पर्यावरण के लिए अच्छी मानी जाती है।
मिलेट्स मोटा अनाज होता है लेकिन इसमें पोषक तत्वों का भंडार है इसमें फाइबर प्रोटीन अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद है।
जैसे बाजरा में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है रागी में कैल्शियम ज्यादा पाया जाता है उसी तरह से मिलेट्स में अन्य खनिज की मात्रा बहुत ही ज्यादा मात्रा में पाया जाता है।
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पॉजिटिव मिलेट क्या है|Positive Millet in Hindi
पॉजिटिव मिलेट उस अनाज को कहते हैं जो पॉजिटिव ग्रेंस से आते हैं जिसे श्री धन्य भी कहा जाता है यह पॉजिटिव मिलेट पोएसी फैमिली का अनाज है।
यह अनाज आज कई बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है इसके बीज आकार में बहुत छोटे होते हैं।
यह पॉजिटिव मिलेट फाइबर से परिपूर्ण होता है इन्हें पकाने से पहले कम से कम 6 से 8 घंटे भिगोकर रखना चाहिए ताकि इसका फाइबर नर्म हो सके।
इस मिलेट की यह विशेषता यह है कि इसे आप मिक्स करके नहीं बना सकते हैं पॉजिटिव मिलेट के अंतर्गत 5 मिलेट आते हैं कंगनी कुटकी सावा सनवा कोदो छोटी कंगनी और हरी कंगनी।
आइए जानते हैं मिलेट को भारतीय भाषाओं में क्या कहा जाता है
भारतीय भाषाओं में मिलेट्स के नाम क्या है
मिलेट्स को मोटा अनाज या कदन्नो के नाम से जानते हैं हमारे देश की वित्त मंत्री ने इन्हें श्री अन्न का नाम दिया है मिलेट्स के अन्य भारतीय नाम आइए जानते हैं
मिलेट्स का हिंदी नाम मिलेट्स को हिंदी में ज्वार कहते हैं
मिलेट्स को इंग्लिश में Sorghum Millet कहते हैं
मिलेट्स मराठी में ज्वारी के नाम से जाना जाता है
मिलेट्स को बंगाली में जोवार कहते हैं
तमिल में चोलम कहते हैं
मिलेट्स को तेलुगू में जोना कहते हैं
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मिलेट्स का इतिहास|History of Millets in Hindi
मिलेट्स प्राचीन काल से भारतीय आहार का मुख्य हिस्सा रहा है यह बहुत ही प्राचीन फसल है इसके बारे में बता दें कि मिलेट्स हड़प्पा के समय का फसल है
यह अनाज पहले सिर्फ पंजाब में उगाया जाता था बाद में यह अनाज महाराष्ट्र आंध्र प्रदेश उड़ीसा झारखंड छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश उत्तराखंड में उगाए जाने लगा।
कुटकी कोदो भूरा शीर्ष जैसे मिलेट भारत में प्राचीन अनाज है या यूं कह सकते हैं कि भारत की विरासत की फसलें हैं।
बाजरा और रागी और ज्वार अफ्रीका के महत्वपूर्ण फसल है भारत में भी इसकी खेती होने लगी है और हरित क्रांति के पहले मिलेट्स की खेती ज्यादा मात्रा में होती थी।
लेकिन हरित क्रांति के बाद यानी 1960 के बाद गेहूं और चावल की फसल ज्यादा होने लगी जिससे मिलेट्स जैसे देसी फसलों का विलोपन होने लगा।
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मिलेट्स की विशेषताएं | chracteristics of Millets Siridhanya in Hindi
मिलेट्स कम पानी वाला फसल है यह किसी भी जमीन में उगाया जा सकता है कम बारिश की इसको जरूरत है, ज्यादा बारिश से भी इसको कोई दिक्कत नहीं होती है
यह पर्यावरण के लिए अच्छा माना जाता है मिलेट्स को उगाने के लिए खाद की जरूरत नहीं पड़ती है इसे प्राकृतिक तरीके से उगाया जा सकता है।
मिलेट्स जल्दी खराब नहीं होता है क्योंकि इसकी तरफ किट आकर्षित नहीं हो पाते हैं यह अन्य अनाज की तुलना में ज्यादा समय के लिए सुरक्षित रूप से रखा जा सकता है।
मिलेट्स पोषक तत्वों का भंडार है इसलिए इसे पोषक अनाज के रूप में जाना जाता है यह लस मुक्त होता है इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है।
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मिलेट्स का महत्व|Importance of Millets in Hindi
मिलेट्स स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है यह पशुओं के चारे के लिए और मनुष्यों के आहार के लिए उपयोग में लाया जाता है। बहुत से लोग भोजन और आय के लिए मिलेट की खेती करते हैं मिलेट्स हर जलवायु के अनुकूल फसल है।
मिलेट्स पोषक तत्वों का भंडार है मिलेट्स में गेहूं और चावल से बेहतर गुण होते हैं यह मोटा अनाज सभी के लिए फायदेमंद है यह अनाज पर्यावरण के लिए अनुकूल होता है।
मिलेट्स में पोषक तत्व ज्यादा मात्रा में पाया जाता है हरित क्रांति के बाद मिलेट्स के उत्पादन में कमी पाई गई मिलेट आहार में फाइबर ज्यादा पाया जाता है।
प्रोटीन कैल्शियम जस्ता मैग्नीशियम फास्फोरस तांबा विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व का मिलेटृस एक पावर हाउस है।
मिलेट्स हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है इसके सेवन से कुपोषण पर काबू पाया जा सकता है।
यह अत्यधिक पौष्टिक होता है और कम खर्चीला अनाज है जिनको एनीमिया की कमी है बी कांप्लेक्स विटामिन की कमी है उन्हें मिलेट्स का सेवन करना चाहिए।
मिलेट्स लस मुक्त होता है इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी बहुत कम होता है इसलिए यह डायबिटीज के रोगियों के लिए अच्छा माना जाता है यह हृदय रोग के लिए भी फायदेमंद है।
मिलेट्स हृदय रोग पोषण की कमी और जीवन शैली संबंधी बीमारियों से निपटने में हमारी मदद कर सकता है मिलेट्स में कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन आहार फाइबर लिपिड और फाइटोकेमिकल्स पाया जाता है।
इसके पोषक तत्व को देखते हुए हाल में ही केंद्र सरकार ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को मध्याह्न भोजन में शामिल करने की सलाह दी है।
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मिलेट्स इतना महत्वपूर्ण क्यों है
मिलेट्स पहले अनदेखी किया जाता था आज के समय में मिलेट की तरफ सभी लोग रुख कर रहे हैं क्योंकि मिलेट में पोषक तत्व पाए जाते हैं वह अन्य अनाजों में नहीं मिलते है।
सभी में पोषक तत्व अच्छा पाया जाता है इसीलिए हमारी सरकार भी मिलेट की खेती को बढ़ा रही है।
इसके साथ ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली में शामिल करने पर भी सरकार की योजना है
मिलेट्स पर्यावरण के लिए काफी अनुकूल होते हैं इसे कम लागत वाली खेती कह सकते हैं यह इतना पुराना फसल है कि जो आदिवासी लोग थे वह भी अपना अपना पेट इसे खाकर भरते थे।
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मिलेट्स के पोषक तत्व|Nutrients of Millets in Hindi| Benefits of Millets in Hindi
मिलेट्स पोषक तत्वों का खजाना है यह पोएसी परिवार से संबंधित है मिलेट्स में इतने सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कि हमारी सेहत के लिए बहुत ही लाभप्रद है।
इसमें फाइबर कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन आहार लिपिड और फाइटो केमिकल उपस्थित होता है।
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मिलेट्स के बारे में जानना समझना बहुत ही जरूरी है क्योंकि आज के समय में जिस तरह से बीमारियां बढ़ रही है उस तरह से लोग अपने को रोगों से बचाने के लिए मोटे अनाज की तरफ रुख कर रहे हैं।
मिलेट्स हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है इसमें पोषक तत्वों का खजाना पाया जाता है यही वजह है कि मिलेट्स की खेती को लेकर सरकार बढ़ावा दे रही है।
मिलेट्स में फाइबर रिपीट फाइटोकेमिकल्स कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन उच्च कोटि का पाया जाता है।मिलेट्स पर्यावरण सुरक्षा के लिए भी अनुकूल होता है।
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मिलेट्स कितने प्रकार का होता है मिलेट्स के प्रकार|Different types of Millets in Hindi| Types of Millets in India| List of Millets in Hindi
मिलेट्स को बीजों के आकार और उगाने के तरीकों के आधार पर दो भागों में बांटा जा सकता है।
मिलेट्स को दो प्रकार में बांटा गया है छोटे अनाज और बड़े अनाज में एक को मेजर मिलेट कहते हैं और दूसरे को माइनर मिलेट्स कहते हैं
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मेजर मिलेट |Major millet in Hindi
मोटे दाने वाले अनाज को मेजर मिलेट के नाम से जाना जाता है जैसे बाजरा रागी ज्वार आते हैं। इसमें सूखा सहन करने की क्षमता होती है।
इन फसलों को उगाने में लागत भी कम आती है इसके साथ ही इसमें बीमारियों से लड़ने की क्षमता ज्यादा होती है मेजर मिलेट में ज्वार बाजरा रागी को शामिल किया गया है।
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माइनर मिलेट|Minor Millets in Hindi|छोटे अनाज
माइनर मिलेट्स अनाज के बीज छोटे होते हैं छोटे दाने वाले अनाज को माइनर ग्रेन कहते हैं जैसे कुटकी कंगनी कोदो चावल आदि।
मोटे अनाज की तुलना में छोटे अनाजों में अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे ही इनके पोषक तत्वों के बारे में पता चला है लोग इनकी तरफ रुख कर रहे हैं।
जबकि छोटे अनाज माइनर मिलेट में कंगनी कुटकी कोदो सांवा का समावेश होता है।
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मिलेट के प्रकार को विस्तार रूप से जानते है Types of Millets
List ok millets in Hindi
9 तरह के मिलेट्स पाए जाते हैं जिनको shridhnya भी कहते हैं।
पुनर्वा बाजरा Proso Millet
ज्वार बाजरा Sorghum millet
बाजरा Pearl Millet
सावा या सनवा बाजरा barnyard millet
कोदो बाजरा kodo millet
छोटी कंगनी हरि कंगनी बाजरा browntop millet
कंगनी बाजरा foxtail millet
कुटकी बाजरा little millet
ज्वार|Sorghum millet in Hindi
ज्वार पोषक तत्वों से युक्त मोटा अनाज होता है इसमें प्रोटीन फाइबर फोलिक एसिड आयरन पोटेशियम फॉस्फोरस कैल्शियम खनिज महत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
ज्वार में मौजूद पोषक तत्व हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। मोटापा जैसी समस्याओं को कम करने के साथ ही अन्य बीमारियों से दूर रखता है। ज्वार के दाने मकई के दानों जैसे ही होते हैं।
ज्यादातर लोग ज्वार के दानों को पीसकर के रोटी बनाते हैं यह रोटी नियमित रूप से महाराष्ट्र और कर्नाटक के क्षेत्र में खाया जाता है।
इसके अतिरिक्त इससे डोसा इडली दलिया पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं जो बहुत ही लोकप्रिय है।
इतना ही नहीं कुछ लोग कोमल दाने को भूनकर पाप कार्न की तरह स्नैक्स के रूप में खाना पसंद करते हैं।
यह भारत के कर्नाटक महाराष्ट्र राजस्थान मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश आंध्र प्रदेश तमिलनाडु आदि राज्यों में इसकी खेती की जाती है।
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पुनर्वा बाजरा|Proso Millet in Hindi
पुनर्वा बाजरा एक प्रकार का अनाज होता है यह धान के समान उत्पादित किया जाता है इसकी खेती दक्षिण एशिया यूरोप अफ्रीका में की जाती है।
पुनर्वा बाजरा के दाने छोटे होते हैं सफेद रंग के होते हैं इसमें कई पोषक तत्व विटामिन पाए जाते हैं।
प्रोटीन फाइबर विटामिन बी सिक्स फोलिक एसिड और नियासिन इसमें पाया जाता है इसके अलावा कैल्शियम आयरन मैग्नीशियम फॉस्फोरस पोटेशियम आदि पाया जाता है।
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बाजरा मिलेट|Peral Millet in Hindi
बाजरा मिलेट सबसे ज्यादा उगाए जाने वाले मिलेट का ही एक प्रकार है यह मोटा अनाज होता है। मक्का के बाद बाजरा का ही स्थान है। चावल गेहूं मक्का के बाद बाजरा उगाया जाता है।
बाजरा सूखे मिट्टी की विशेषता वाले क्षेत्रों में आसानी से उगाया जाता है। इसमें उच्च तापमान जहां पानी की कमी है उस क्षेत्र में भी आसानी से उगाया जा सकता है।
इसके फायदों को देखते हुए भारतीय भोजन में बाजरा का इस्तेमाल होता है बाजरा की रोटी बनाई जाती है इसके साथ ही कई व्यंजन बनाए जाते हैं जो बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं।
पोषण मूल्य के मामले में बाजार एक महत्वपूर्ण अनाज है बाजरे में प्रोटीन उच्च मात्रा में पाया जाता है।
साथ में इसमें फाइटोकेमिकल्स कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है।यह हमारे सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है।
बाजरे से खट्टी रबड़ी भी बनाई जाती है राजस्थान में तमिलनाडु में बाजरे का डोसा इडली बनाया जाता है।
बाजरा पोषक तत्वों से महत्वपूर्ण है इसमें फोलेट मैग्नीशियम विटामिन बी कांपलेक्स जिंक एक अच्छा स्रोत है सिर्फ यही नहीं बाजरे में कैल्शियम ज्यादा मात्रा में उपलब्ध होते हैं।
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रागी मिलेट|Finger Millet in Hindi
रागी जिसे मंडुआ के नाम से जाना जाता है यह मोटा अनाज है इसकी खेती बहुत समय से की जा रही है।
यह बहुत ही फायदेमंद है।रागी के दाने सरसों के दाने जैसे होते हैं यह बहुत ही पौष्टिक होते हैं इसमें अमीनो एसिड विटामिन ए विटामिन बी फास्फोरस के साथ प्रोटीन और आहार फाइबर भी होता है।
इसी कारण इसे सुपर फूड कहा गया है रागी से रोटी बनाई जाती है अन्य व्यंजन भी इसे बनाए जाते हैं। रागी सूखा दोमट मिट्टी पर आसानी से उगाया जा सकता है।
रागी के दाने दिखने में सरसों के दाने जैसे लगते हैं यह लाल और छोटे होते हैं।
लेकिन यह पौष्टिक भी उतने ही होते हैं अगर पोषक तत्वों की बात करें तो यह हमारे स्वास्थ्य के लिए एक पौष्टिक अनाज है।
इसमें कैल्शियम उच्च कोटि का पाया जाता है। इसके साथ ही इसमें अमीनो एसिड विटामिन ए विटामिन बी और फास्फोरस के साथ फाइबर भी होता है।
कर्नाटक आंध्र प्रदेश तमिलनाडु उड़ीसा महाराष्ट्र उत्तराखंड कुमाऊं क्षेत्र में रागी का सेवन किया जाता है।
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कुटकी बाजरा|Little Millet in Hindi
कुटकी मोटा अनाज होता है और इसके दाने छोटे होते हैं आदिवासी क्षेत्र का मेन आहार होता है कुटकी को पीसकर बेकरी उत्पाद और तली हुई चीजें बनाई जाती है। इसके अतिरिक्त साबुत अनाज को अंकुरित करके इस्तेमाल किया जाता है।
कुटकी बाजरा एक प्रकार का पॉजिटिव मिलेट होता है जो भारत में काफी प्रचलित है इसका दाना छोटा होता है और सफेद रंग का होता है। इसकी खेती भारत में की जाती है।
मुख्य रूप से कुटकी बाजरा जंगली भूमि में उगाया जाता है कुटकी बाजरा ग्लूटेन फ्री होता है जो ग्लूटेन पीड़ित लोग हैं उनके लिए बहुत फायदेमंद होता है।
इसमें फाइबर प्रोटीन अनेक पोषक तत्व होते हैं इसे स्वस्थ खाद्य पदार्थ और बीमारियों से बचाव करने वाला जाना जाता है।
इसमें पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें एंटी आक्सीडेंट उच्च मात्रा में पाया जाता है।यह पोषण मूल्य के अलावा स्वास्थ्य सुरक्षा को बढ़ावा देता है।
ज्यादातर लोग कुटकी को चावल के रूप में खाते हैं कुछ लोग रोटी बना कर भी खाते हैं इससे बेकरी उत्पाद और तली हुई चीजें बनाई जाती हैं।
इसके अतिरिक्त साबुत अनाज को अंकुरित करके इसका इस्तेमाल सलाद के रूप में करते हैं। कुटकी के बीज गोल चिकने और चेना अनाज से मिलते जुलते छोटे दाने होते हैं।
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कंगनी बाजरा|Foxtail Millet in Hindi
कंगनी हरित क्रांति से पहले भारत का प्रमुख अनाज था हरित क्रांति के बाद इसका उत्पादन कम हो गया यह सबसे पुराना अनाज है।
कंगनी बाजरा पॉजिटिव मिलेट होता है जो प्राचीन फसल का एक हिस्सा है। इसकी खेती दक्षिण भारत में की जाती है इसके छोटे पीले दाने में फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है।
कंगनी में अमीनो एसिड प्लांट कंपाउंड्स विटामिन और कई मिनरल्स पाए जाते हैं इसके सेवन से शरीर को बहुत ही पोषक तत्व मिलते हैं।
कंगनी दक्षिण भारत का मुख्य भोजन रहा है। चावल की तुलना में कंगनी में प्रोटीन फाइबर और फैट की ज्यादा मात्रा पाई जाती है।
इसमें कैल्शियम विटामिन फाइबर को तत्व पाया जाता है कंगनी बच्चों के लिए पौष्टिक आहार है यह रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है।
इसके साथ ही कंगनी मधुमेह संबंधी समस्याओं वाले रोगों के लिए महत्वपूर्ण भोजन है। कंगनी आज के समय में आंध्र प्रदेश कर्नाटक तेलंगाना राजस्थान महाराष्ट्र तमिलनाडु मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश पूर्वोत्तर में कुछ हद तक उगाया जाता है।
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छोटी कंगनी/ हरी कंगनी बाजरा| Brown top millet in Hindi
इसको ब्राउन टॉप मिलेट भी कहा जाता है यह पॉजिटिव मिलेट होता है यह पॉजिटिव मिलेट हैं जिसका ऊपरी परत ब्राउन होता है।
इसे हरी कंगनी और छोटी करनी भी कहते हैं क्योंकि धातुओं का रंग हल्का होता है यह फाइबर पोषक तत्वों से भरपूर स्रोत होता है।
ग्लूटेन मुक्त होने के कारण इसे एलर्जी वाले लोग आसानी से सेवन कर सकते हैं इसके लिए इसमें विटामिन ए विटामिन सी के साथ विटामिन बी 17 भी होता है जो कैंसर से लड़ने में मदद करता है।
ब्राउन टॉप के सेवन से डायबिटीज और पेट संबंधी समस्या ठीक होती है इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
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कोदो बाजरा|Kodo Millet in Hindi
कोदो भारत का पुराना अनाज है। कोदो अनाज भूसी से ढका होता है उन्हें पकाने से पहले आवरण को निकालना पड़ता है।
कोदो की फसल अत्यंत कठोर सूखा प्रतिरोधी फसल होता है यह पथरीली और बजरी वाले मिट्टी में भी आसानी से उग जाता है।
कोदो बाजरा पॉजिटिव मिलेट हैं इसका रंग लाल और इसमें औषधीय गुण पाए जाते हैं जो कफ और पित्त के दोष को नाश करता है।
कोदो मिलेट ब्लड को प्यूरीफायर करता है इससे डायबिटीज हार्ट डिजीज कैंसर और पीठ संबंधी समस्याओं से निजात पाया जा सकता है।
इसका सेवन करने से लीवर और किडनी के लिए भी काफी फायदेमंद है किडनी संबंधी रोगों के इलाज में इसका उपयोग किया जाता है।
अगर यह अधपका रह जाता है तो बहुत ही नुकसानदायक होता है कोदो अनाज में विटामिन बी नियासिन डॉक्सिन फोलिक एसिड के साथ-साथ कैल्शियम लोहा पोटेशियम मैग्नीशियम और जस्ता जैसे खनिज पाए जाते हैं।
इसमें उच्च स्तर के लिए और कम फैक्ट्स के साथ फाइबर पाया जाता है।
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चेना|Proso Millet in Hindi
यह एक आम महत्वपूर्ण मिलेट है जो कम मौसम वाली फसल है यह अनाज किसी भी मिट्टी में उगाया जा सकता है। चेना के बीज क्रीम पीले नारंगी लाल या भूरे रंग के होते हैं और उसके ऊपर चमकदार आवरण होता है।
चेना में छोटे कदन्नो में सबसे अधिक प्रोटीन पाया जाता है इसमें कार्बोहाइड्रेट और फैटी एसिड मौजूद होता है। चेना मैंगनीज का अच्छा स्रोत है।
इसमें प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट और फैटी एसिड के साथ कैल्शियम की मात्रा भी चेना में पाया जाता है जो हड्डियों के विकास के लिए जरूरी है।
भारत में चेना अनाज मध्य प्रदेश पूर्वी उत्तर प्रदेश बिहार तमिलनाडु महाराष्ट्र प्रदेश और कर्नाटक में पाया जाता है।
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सांवा या सनवा बाजरा|Barnyard millet
सांवा को सवत चावल भी कहा जाता है आमतौर पर यह अनाज भोजन और पशु चारे के लिए उगाया जाता है। सांवा कम समय में तैयार होने वाला टिकाऊ फसल है जो किसी भी वातावरण में बढ़ सकता है।
सांवा की फसल तेजी से उगने वाला फसल है तीन से चार महीने में यह परिपक्व हो जाता है सांवा अत्यधिक पचने वाला प्रोटीन है और इसमें फाइबर पाया जाता है।
सांवा में लोहा जस्ता पाया जाता है सांवा से खिचड़ी उपमा बनाया जाता है यह बहुत ही आरोग्यदायक है।
इससे डोसा और इडली भी बनाई जाती है भारत के हिमालय क्षेत्र में सांवा चावल के विकल्प के रूप में खाया जाता है।
यह ग्लूटेन फ्री होता है जिससे ग्लूटेन एलर्जी वाले लोगों के लिए यह एक अच्छा विकल्प है।
इसके साथ ही सांवा बाजरा आयुर्वेदिक दवाओं में भी उपयोग किया जाता है यह डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा खाद्य पदार्थ होता है
इसका नियमित सेवन से वजन घटाने में मदद मिलती है इससे खीर उपमा डोसा विभिन्न पकवान बनाए जा सकते हैं।
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मिलेट्स से संबंधित पूछे जाने वाले सवाल
मिलेट्स कितने प्रकार के होते हैं
मिलेट्स कई प्रकार के होते हैं यह भारतीय मूल का अनाज है पुनर्वा बाजरा, ज्वार, बाजरा रागी, सामा बाजरा साला बाजरा कोदो बाजरा छोटी कंगनी हरि कंगनी बाजरा, कुटकी बाजरा
मिलेट का हिंदी नाम क्या है
मिलेट को हिंदी नाम बाजरा कहते है इसके अलावा ज्वार कोदो कुटकी कंगनी सामा मोटे अनाजों को अंग्रेजी में मिलेट कहते हैं मिलेट दो प्रकार के होते हैं पहले मोटा अनाज तथा दूसरा छोटे दाने वाले अनाज
मिलेट्स अनाज क्या है
मिलेट अनाज भोजन के रूप में उपयोग किया जाता है इसमें विटामिन पोषक तत्व एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं इसमें प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट फाइबर और विटामिन बी के साथ बहुत सारे खनिज पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी होते हैं।
मिलेट में कौन से अनाज आते हैं
मिलेटस में अनाज तीन श्रेणियों में आते हैं नेगेटिव ग्रेंस कई तरह की बीमारियों को ठीक करता है जैसे गेहूं है चावल है न्यूट्रल ग्रेस natural Grains शरीर को स्वस्थ रखता है और ग्लूटोन मुक्त होता है। पॉजिटिव ग्रेंस positive grains में छोटे अनाज आते हैं जैसे कंगनी सामा सनवा कोदो और छोटी कंगनी।
मिलेट्स में क्या आता है
मिलेट्स में ज्वार बाजरा रागी कोदो कुटकी सांवा चेना को शामिल किया जाता है।
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समापन
इस प्रकार आज के लेख से हमने जाना कि मिलेट क्या है इसके प्रकार उम्मीद है कि इस पर लिखा गया यह लेख आपके लिए काफी ज्ञानवर्धक रहा होगा हम आगे भी इसी तरह के ज्ञानवर्धक लेख लेकर आते रहेंगे पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।
Disclaimer
यह लेख आपकी जानकारी के लिए शेयर किया गया है आपसे विनम्र निवेदन है कोई भी घरेलू उपचार अपनाने से पहले डॉक्टर से संपर्क जरूर करें धन्यवाद।