होमगार्ड कानून के तहत नियमित वेतन पाने के हकदार हैं

होमगार्ड कानून के तहत नियमित वेतन पाने के हकदार हैं

 

 नई दिल्ली 15 अप्रैल 2024 न्यूज टुडे

दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में काम कर रहे होमगार्ड को कोर्ट से बहुत बड़ी राहत मिली है राउज एवेन्यू कोर्ट के औद्योगिक न्यायाधिकरण में दिल्ली प्रशासन विकास विभाग औद्योगिक कर्मचारी संघ के हवाले से 1433 होमगार्ड के जवानों की ओर से दायर एक रिट का निपटारा करते हुए यह आदेश दिया है

 जो कि बहुत ही अच्छा आदेश है इससे होमगार्ड जवान काफी खुश हैं उसमें कोर्ट ने यह कहा है कि होमगार्ड के जवान वालंटियर नहीं बल्कि कर्मचारी हैं।

 न्यायाधिकरण ने माना है कि कर्मचारी को नियमित वेतन पाने का हकदार है कोर्ट ने होमगार्ड को 60 वर्ष तक नौकरी में रखने को भी कहा है।

1 अप्रैल 2016 से मल्टी टास्किंग स्टाफ का वेतनमान सभी भत्ता के आदेश के साथ इनको मिलना चाहिए ऐसा कोर्ट ने आदेश दिया

कोर्ट ने यह भी कहा कि 15 वर्षों से ड्राइवर चपरासी और अन्य विभाग में काम कर रहे होमगार्ड जवान को 365 दिन काम कराया जाता है सभी होमगार्ड जवान विभाग के निर्देशानुसार कार्य करते हैं।

 ऐसे में इनको वालंटियर नहीं कहा जा सकता यह कर्मचारी वास्तव में नियमित कर्मचारी हैं यह वही कार्य कर रहे हैं जो प्रबंधन के नियमित कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है।

प्रबंधन ने कर्मचारियों को स्वयंसेवक के रूप में दिखाकर उन्हें नियमित कर्मचारियों के वेतन और स्थिति से वंचित करने का प्रयास कर रही है जो कि गलत है।

कोर्ट ने कहा कि सभी कर्मचारी विभिन्न विभागों के तहत काम कर रहे हैं पर्यवेक्षक के तहत काम कर रहे हैं।ऐसे में होमगार्ड जवानों को नियमित समकक्षों के बराबर दर्जा और सेवा शर्तें क्यों नहीं दी जा रही है।

न्यायाधिकरण ने स्पष्ट कहा कि होमगार्ड जवान   निश्चित रूप से नियमित समकक्ष कर्मचारियों के समान कार्य कर रहे हैं इसलिए नियमित वेतनमान के यह हकदार है

कोर्ट ने  यह भी कहा कि 2016 से कर्मियों को एमटीएस का न्यूनतम वेतनमान दिया जा रहा है ऐसे में यहां काम करने वाले जवान 2016 से सभी भत्तों के साथ एमटीएस के न्यूनतम कैडेट के वेतनमान के हकदार हैं।

कोर्ट ने कहा यह नियमित समकक्षों के बराबर 60 वर्ष की आयु के साथ सेवा में बने रहने के अधिकारी है और कोर्ट ने माना कि दो माह के अंदर इनको यह आदेश जारी करें करना होगा।

 सुनवाई के दौरान होमगार्ड महानिदेशक ने दलील की की सभी होमगार्ड बॉम्बे होमगार्ड अधिनियम के अंतर्गत आते हैं इसलिए यह वालंटियर है न कि कर्मचारी ऐसे में उन्हें पद पर रहने का अधिकार नहीं है

 लेकिन सरकार की दलील का कोर्ट ने खंडन करते हुए साफ कहा है कि होमगार्ड जवान नियमित वेतन पाने के अधिकारी है

 

विभिन्न विभागों में 15 वर्षों से कार्य कर रहे कर्मचारियों को कोर्ट से मिला है राहत

कोर्ट ने साफ कहा है कि विभिन्न विभागों में काम कर रहे होमगार्ड जवानों के साथ सरकार दिल्ली सरकार सही नहीं कर रही है कर्मचारी का दर्जा उन्हें नहीं देना उनके साथ अन्याय के बराबर है।

वह वालंटियर की तरह काम नहीं कर रहे हैं फिर भी उन्हें कर्मचारी का दर्जा न देकर वालंटियर की तरह कर्मी का दर्जा दिया जा रहा है

उसकी जगह नए जवानों को लगाने के लिए विज्ञापन भी जारी किया गया है 1433 कर्मचारियों को 60 वर्ष तक के काम करने और आगे काम करने का क्रम जारी रखने का आदेश कोर्ट ने दिया है।

 

 

 

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