कंगनी क्या है फायदे और नुकसान Benefits and side effects | Foxtail millet in hindi
इस लेख में कंगनी क्या है foxtail millet in hindi कंगनी खाने के फायदे और नुकसान क्या है हम इस बारे में जानेंगे।
कंगनी वानस्पतिक नाम सेटेरिया इटेलिका है जो पोएसी कुल से संबंधित है। यह एक महत्वपूर्ण पौष्टिक अनाज है जो भारत के विभिन्न भागों में उपयोग किया जाता है।
अंग्रेजी में इसे foxtail millet के नाम से जानते हैं यह मोटे अनाजों में से एक है जो प्राचीन समय से बोया जाता है।
कंगनी भारत के नागालैंड छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में उगाया जाता है इसके अलावा यह अन्य क्षेत्रों में भी उगाया जाता है।
कगंनी को हम छोटा चावल भी कहते हैं विदेश में यह चीन का मुख्य अनाज है इसे छोटा चावल कहा जाता है।
अमेरिका और यूरोप में इसे पक्षियों के खाने के लिए दिया जाता है इस चीनी बाजारा का भी नाम दिया गया है।
उत्तराखंड में यह पहले सहायक अनाज के रूप में उगाया जाता था लेकिन वर्तमान में यह अनाज विलुप्त हो गया है।
Foxtail millet एक वर्षीय अनाज है इसके पौधे चार से सात फीट ऊंचे होते हैं। इसका बीज लगभग 2 मिलीमीटर का होता है और इसका रंग अलग-अलग प्रकार का होता है
इसके बीजों के ऊपर पतला छिलका पाया पाया जाता है जिसे आसानी से हम उतार लेते हैं उत्तराखंड में ओखली में इसका छिलका निकाल कर खीर बनाते हैं।
Foxtail millet को खाने के रूप में भी उपयोग किया जाता है इससे भात रोटी खीर बनाए जाते हैं।
आधुनिक समय में इसके बिस्किट, लड्डू, इडली और मिठाइयां भी बनाई जाती है। इसके नियमित सेवन से हमारे शरीर को बहुत स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
क्योंकि इसमें पौष्टिकता की भरमार होती है इसमें विटामिन, फाइबर, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं यह बहुत फायदेमंद होता है।
यदि आपको foxtail millet से संबंधित कोई प्रश्न है तो आप हमसे पूछ सकते हैं
कंगनी किसे कहते हैं कंगनी कौन सा अनाज है
कंगनी फसल हमारे पहाड़ों पर पाया जाने वाला एक फसल है जिसे कोणीं भी कहते हैं यह पारंपरिक फसलों में से एक है जो कि अब पलायन की मार से लगभग विलुप्त हो चुका है।
यह फसल पूर्वी भारत के क्षेत्र में उगाई जाती है इससे चावल गेहूं के लिए बेहतर माना जाता है इस कंगनी का नाम वानस्पतिक नाम से सेटेरिया इटेलिका है यह पोएसी का एक पादप होता है।
कंगनी चीन का फसल है चीन में इसे खेती के रूप में किया जाता है इस चीनी बाजरा भी कहते है यह फसल पूर्वी एशिया में ज्यादा उगाया जाता है।
यानी प्रतिवर्ष होने वाला फसल है इसका पौधा सात फीट का होता है इससे विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं।
इससे इटली, दलिया, मिठाई और बिस्किट बनाया जाता है। कंगनी का अंग्रेजी नाम Foxtail millet है इटालियन मिलेट भी कहते है।
कंगनी का हिंदी नाम कंफनी कार्टून, टांगुन है।
कंगनी की तासीर कैसी होती है
कंगनी की तासीर ठंडी होती है इसका गर्मियों में भी सेवन किया जाता है यह शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है।
डायबिटीज को कंट्रोल करने में सहायक होता है
यह एक सुगंधित अनाज है जो उत्तर भारत और चीन जैसे देशों में ज्यादा पाया जाता है।
कंगनी का आटा सुगंधित स्वाद के लिए माना जाता है यदि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में इसकी व्यापक खेती नहीं की जाती है यह नागालैंड दक्षिण भारत छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में स्वदेशी समुदायों का मुख्य रूप से भोजन है।
मिट्टी को बांधने की अविश्वसनीय क्षमता के कारण कोणी को खेतों को घास के मैदान में उगाया जाता है यही कारण है कि 2011 में एफएओ ने वन सुधार दृष्टिकोण में उपयोग करने के लिए इसकी सिफारिश भी की गई थी।
ब्रेड बनाने में इसके आटे का उपयोग किया जाता है इससे पोषण में काफी वृद्धि हो जाती है और इस फसल के लिए एक बेहतर बाजार बनाने में मदद मिलेगा।
अगर इसका उपज और पैदावार तेजी से बढ़ाया जाए किसानों के लिए आजीविका के स्रोत के रूप में भी काम कर सकता है।
इस प्रकार यह एक मूल्यवान संसाधन प्रदान करता है चीन में कोणी महत्वपूर्ण फसल बनाया जाता है और यह गिरती कोणी फसल को पुनर्जीवित करने में मदद कर सकता है।
किसानों के लिए अधिकार की जरूरत के रूप में यह काम कर सकते हैं कोणी फसल महत्वपूर्ण फसल है जो ब्रेड, नूडल्स बेबी फूड, अल्कोहल और सिरका जैसी चीजों को बनाने में मदद करता है।
आमतौर पर खाद्य के अभाव के समय में इसे खाया जाता है। अमेरिका में कोणी को खाद्य पदार्थ के रूप में उपयोग किया जाता है चीन अमेरिका और यूरोप में कोणी को पशुचारे के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है।
कंगनी का चावल
एक प्रकार का अनाज है जिसे कंगनी यह चीनी बाजरा के नाम से जाना जाता है यह चावल छोटे गोल और पीले रंग का होता है और स्वाद में हल्का मीठा कड़वा होता है।
इसे उबल कर उपयोग किया जाता है इसका उपयोग चावल में मिलाकर किया जाता है उत्तराखंड में कंगनी के कई पारस्परिक व्यंजन बनाए जाते हैं।
इससे धनिया, बेसन के साथ मिलाकर बनाए गए चावल अक्सर उत्तर भारत में पुलाव या खिचड़ी के रूप में जाना जाता है।
इसका स्वाद बेहद लाजवाब होता है कंगनी के पोषण की जानकारी 100 ग्राम पौष्टिक मिलेट में कैलोरी प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है।
कंगनी खाने के फायदे और नुकसान
फायदे और नुकसान पहले फायदे को जान लेते हैं चीन में उत्पादित किया जाने वाला यह एक प्रकार का अनाज है इसमें रागी बाजारा जो जैसी कहीं अन्य खनीज होते हैं जो इस संपूर्ण और पौष्टिक भोजन बनाते हैं।
यह पौष्टिकता से भरपूर होते हैं यह अनाज पीले रंग का होता है और उसके स्वास्थ्य लाभ के कारण यह और भी उपयोगी बन जाता है।
इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है यह पीले रंग का होता है इसका स्वाद हल्का मीठा और कड़वा होता है इसे कोणी और कंगनी नाम से जानते हैं।
यह स्वस्थ भोजन का एक अच्छा विकल्प हो सकता है इसे सभी द्वारा उपयोग किया जा सकता है इसे खाने से किसी को कोई दिक्कत नहीं होती है।
आप जब चाहे इसका उपयोग कर सकते हैं जो लोग कंगनी खाते हैं उनको बहुत सारे फायदे मिलते हैं
कंगनी खाने के बहुत से फायदे हैं
यह पौष्टिक अनाज है जो विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर होता है इसमें कैल्शियम फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
इसके साथ करने में विभिन्न मिनरल्स एंजाइम्स विटामिन होते हैं इसमें फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, पोटेशियम, बीटा केरोटिन जैसे आवश्यक तत्व पाए जाते हैं।
कंगनी आयरन कैल्शियम अच्छी मात्रा में होने के कारण यह अनाज हड्डियों के लिए बहुत लाभदायक है।
कंगनी अनाज का एक फायदा यह भी है कि यह अनाज खून में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करता है।
कंगनी अनाज में फाइबर अधिक होता है इसलिए यह मधुमेह रोगियों के लिए भी लाभकारी है।
कंगनी अनाज महिलाओं को भोजन में दिया जा सकता है गर्भवती महिला इसे खा सकती है। छोटे बच्चे भी खा सकते है।
वजन कम करने में सहायक होता है कंगनी में पाए जाने वाली एंटीआक्सीडेंट की वजह से यह कैंसर से लड़ने में काफी फायदेमंद होता है।
कंगनी आटा के फायदे
कंगनी का आटा काफी पौष्टिक होता है उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में लोग इसे कम उगा रहे हैं नागालैंड दक्षिण भारत सहित छत्तीसगढ़ में कंगनी मुख्य रूप से उगाया और खाया जा रहा है।
Foxtail millet आटे के फायदे
यह अर्थराइटिस रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है इसमें एंटी आक्सीडेंट ग्लूटेथियोन भरपूर होता है
बढ़ती उम्र अधिक वजन से होने वाले अर्थराइटिस के रोगियों के लिए या बेहद फायदेमंद होता है।
डायबिटीज को नियंत्रित करने में या सहायक होता है
इसके आटे में मौजूद बायो एंजाइम्स के कारण शरीर के अधिक ग्लूकोज का सेवन नहीं हो पाता है जो डायबिटीज को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
वजन कम करने में फायदामंद है
इस मिलेट में अनेक प्रकार के विटामिन, प्रोटीन, फाइबर होते हैं जो शरीर के वजन को कम करने में मदद करते हैं।
डाइजेशन में सहायक
फॉक्स टेल आटे में फाइबर ज्यादा पाया जाता है खाद्य पदार्थों को आसानी से पचाने में मदद करता है।
हृदय के लिए लाभकारी
हृदय के लिए काफी लाभकारी है विटामिन, प्रोटीन, फाइबर, नियासिन, फोलिक एसिड और थायमिन जैसे पोषक तत्व हृदय संबंधित समस्याओं के खतरों के काम कर सकते हैं।
विटामिन और मिनरल का प्रमुख स्रोत
कंगनी विटामिन और मिनरल का प्रमुख स्रोत होता है क्योंकि इसमें पौष्टिकता बहुत अच्छी मात्रा में मिलता है। विटामिन बी, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन जो हमारे शरीर के लिए जरूरी होते हैं सभी इसमें पाए जाते हैं ।
कंगनी चावल खाने के फायदे
कंगनी चावल अगर आप खाते हैं तो इसके और भी फायदे हैं वजन घटाने में मददगार कंगनी चावल वजन घटाने में सहायक होता है।
इसके अलावा यह फाइबर से भरपूर होता है इससे भूख कम करने में मदद मिलती है।
डायबिटीज के लिए फायदेमंद
यह डायबिटीज के लिए उपयोगी होता है।
क्योंकि यह शरीर में कुछ खास तत्व संतुलित करने में मदद करता है।
अर्थराइटिस में काफी उपयोगी है
अर्थराइटिस मरीजों के लिए मिलेट चावल में मौजूद ग्लूटेन उपयोगी होता है।
त्वचा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक त्वचा के लिए भी लाभदायक उपयोगी है। इसके साथ ही शरीर के लिए ऊर्जा का स्रोत है इसका सेवन करने से शरीर ऊर्जा का स्रोत बना रहता है।
कंगनी खाने के नुकसान
कंगनी खाने के नुकसान
Faxtail millet स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है इसमें कैल्शियम, बैक्टीरिया, कैल्शियम फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम पाया जाता है।
इसके ज्यादा सेवन से अपच गैस ब्लोटिंग और दस्त जैसी समस्या देखने को मिल सकती है।
इसके अलावा कोणी अगर आप खाते हैं तो 6 घंटे का गैप होना जरूरी है नहीं तो पाचन में समस्या हो सकती है।
इसका अत्यधिक प्रयोग से थायराइड की समस्या आपको हो सकती है
इसलिए foxtail millet का सेवन सही मात्रा में करना आवश्यक है अन्य खाद्य पदार्थों के साथ संतुलित डाइट में शामिल करना जरूरी है।
नोट यह लेख आपकी जानकारी के लिए शेयर किया गया है कोई भी उपाय को करने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करें धन्यवाद।