सावधान पत्ता गोभी में मिलने वाला कीड़ा जो आपके ब्रेन तक पहुंच जाता है
वैसे तो अच्छे स्वास्थ्य को लेकर के कहा जाता है कि हरी साग सब्जियों का अगर हम सेवन करते हैं तो हम स्वस्थ रहेंगे। दूसरी तरफ यह भी बताया जाता है कि जितना हो सके कच्चा हमें खाना चाहिए, वहीं पर हम आपको यह बताना चाहेंगे पत्ता गोभी के बारे में, पत्ता गोभी का बहुत लोग सलाद भी खाते हैं और पत्ता गोभी हमारे लिए वैसे तो काफी फायदेमंद है। लेकिन कुछ ऐसे कारण हैं जिसकी वजह से लोग इस से दूरी बना रहे हैं आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे कि पत्ता गोभी से हम लोग क्यों दूरी बना रहे हैं पत्ता गोभी का अगर सेवन करते हैं तो हमने क्यों सावधानियां बरतनी चाहिए।
आज हम यह जानेंगे कि पत्ता गोभी खाने जा रहे हैं तो हो जाएं सावधान क्योंकि पत्ता गोभी में मिलने वाला एक कीड़ा ऐसा है जो अक्सर हमारे ब्रेन तक भी पहुंच जाता है आइए जानते हैं
पत्ता गोभी से लोग क्यों बना रहे हैं दूरी
वैसे तो पूरी दुनिया में पत्ता गोभी का इस्तेमाल होता है लेकिन भारत में बहुत से लोगों ने इस वेजिटेबल से दूरी बनाना शुरू कर दिया है।
क्योंकि इसमें एक ऐसा कीड़ा पाया जाता है जो शरीर में हमारे कहीं भी खाने के साथ पहुंच सकता है।
बहुत आसानी से यह कीड़ा हमारे शरीर में पहुंच जाता है और जो यहां पर विशेष बात है वह यह है कि वह कहीं भी पहुंच जाता है चाहे हमारे ब्रेन में पहुंच जाए।
चाहे हमारे आंखों में पहुंच जाए या दिल में पहुंचे। मतलब कहीं भी पहुंच जाता है और उस वजह से हम गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं।अगर यह कीड़ा हमारे दिमाग तक पहुंच जाता है तो हमारा पूरा जीवन खतरे में हो जाता है।
शोधों से हमने जाना है कि पत्ता गोभी में जो कीड़ा होता है वह दिमाग में हमारे प्रवेश करता है। यही वजह है कि लोग पत्ता गोभी को खाना छोड़ चुके हैं बहुत कम लोग पत्ता गोभी को खा रहे हैं। वह कीड़ा क्या है वह हमारे दिमाग में कैसे प्रवेश करता है इसको जानना जरूरी है।
पत्ता गोभी का कीड़ा हमारे दिमाग में कैसे पहुंचता है जानें
पत्ता गोभी और फूलगोभी दो तरह की सब्जियां होती है वैसे तो सब फूलगोभी में भी कीड़े पाए जाते हैं। लेकिन इसमें पाए जाने वाला कीड़ा उतना खतरनाक नहीं है जितना खतरनाक पत्ता गोभी में पाए जाने वाला है।
पत्ता गोभी से निकलने वाला कीड़ा यानी कि इसको टैपवर्म भी कहा जाता है। ज्यादातर यह बहुत छोटा होता है और हमें नग्न आंखों से दिखाई भी नहीं देता है।
अगर हम पत्ता गोभी की सब्जी को अच्छी तरह से पकाते हैं तो यह मर जाता है। यह कीड़ा जानवरों के मल में पाया जाता है।
इस कीड़े की खासियत यह होती है यह आसानी से आंतों में जाने के बाद ब्लड की रफ्तार से साथ शरीर के अन्य भागों में पहुंच जाता है। जो हमारे लिए काफी घातक सिद्ध होता है और हमारे लिए काफी खतरा पैदा कर देता है।
क्योंकि इस का लार्वा दिमाग को गंभीर चोट पहुंचाता है। ब्लड फ्लो के साथ नसों के जरिए हमारे दिमाग में पहुंच जाता है।
पत्ता गोभी में पाए जाने वाले कीड़े को क्या कहा जाता है
गोभी में पाए जाने वाले कीड़े को टेपवर्म कहते हैं और इससे होने वाले इन्फेक्शन को टैनिएसिस कहलाता है। जब यह हमारे शरीर में जाता है तो यह कई अंडों को देता है जिससे हमारे शरीर में अंदर ही अंदर कीड़ों की संख्या बढ़ती रहती है।
और शरीर में जख्म बन जाता है, यह कीड़े 3 तरह के होते हैं पहला टीनिया, दूसरा सेगिनाटा और तीसरा टीनिया एशियाटिका होती है।यह हमारे शरीर में पहुंचकर सिस्ट बनाता है और जिससे हमारे शरीर में पस भी पड़ जाता है और यह हमारे आंखों में भी पहुंच सकता है।
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⁹⁹⁹⁸पत्ता गोभी में पाए जाने वाले कीड़े का आहार क्या होता है
पत्ता गोभी में पाए वाला कीड़ा हमारे शरीर में कई तरह के अंडों को जन्म देता है और यह अंडे हमारे दिमाग में पहुंचते हैं तो हमें बहुत ही परेशानी होती है।
इसका आहार हमारे पेट में जो भोजन होता है उन्हीं से बनता है यह कीड़े हमारे पेट के आहार को ही अपना भोजन बना लेते हैं।
पत्ता गोभी में पाए जाने वाले कीड़े का हमारे दिमाग पर असर
पत्ता गोभी में पाए जाने वाला कीड़ा हमारे लिए बहुत ही घातक होता है जब यह हमारे दिमाग में पहुंचता है तो हमें दौड़े पड़ने लगते हैं।
शुरुआत में हमें इसका कोई लक्षण तो नहीं दिखाई देता है लेकिन सिर में दर्द, थकान, विटामिंस की कमी,बैचेनी जैसे लक्षण दिखने लगते हैं।
दूसरी तरफ यह हमारे लिए इतना खतरनाक होता है कि दिमाग में जाकर दिमाग को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं।इनके प्रेशर से हमारा दिमाग काम करना बंद कर देता है पत्ता गोभी के कीड़े से हमारे शरीर में इंफेक्शन होता है।
पत्ता गोभी में पाए जाने वाला कीड़ा बारिश के पानी या किसी वजह से जमीन पर पहुंचता है और फिर यह कच्ची सब्जियों के जरिए हमारे शरीर में पहुंचता है।
और शरीर में पहुंचने के बाद यह हमारे हाथ में फिर ब्लड संचार के साथ नसों के जरिए दिमाग तक पहुंचता है।
टैपवर्म से होने वाले इन्फेक्शन टेनिएसिस कहलाता है। लीवर में पहुंचकर सिस्ट बनाता है, जिससे पस पड़ जाता है इसका खतरा इतना ज्यादा होता है कि यह आंख में भी आ जाता है
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पत्ता गोभी का कीड़ा का क्या है इलाज
पत्ता गोभी का कीड़ा टैपवर्म हमारे दिमाग को असंतुलित कर देता है क्योंकि दिमाग में कोई भी बाहरी चीज अगर चला जाएगा तो उससे दिमाग का संतुलन बिगड़ना लाजमी है।
इसकी उम्र लगभग 30 साल तक होती है एक टैपवर्म की लंबाई 5 से 25 मीटर तक हो सकती है। इसके इलाज के लिए दवाएं दी जाती है ताकि वह मर जाए अगर फिर भी नहीं सही होता है तो इसके लिए सर्जरी करना पड़ता है।
इस तरह के कीड़े से कैसे बचें
टैपवर्म जैसे कीड़ों से बचने के लिए एक्सपर्ट यही राय देते हैं कि जिन चीजों में कीड़ा पाया जाता है उन्हें कभी भी कच्चा न खाएं। कच्चा खाने से यह हमारे पेट में पहुंच जाते हैंकरीब 12 लाख लोग न्यूरोसिस से पीड़ित है। मिर्गी के दौरों के खास वजह में से एक है।टैपवर्म से बचना है तो जिन भी चीजों में कीड़े पाए जा रहे हैं उन्हें हमें काफी धो पका करके तभी खाना चाहिए, कच्चा बिल्कुल नहीं खाना चाहिए।
इस तरह के कीड़े के कितनी प्रजातियां है यह कहना मुश्किल है। 5000 प्रजातियां इसकी पाई जाती हैं।
भारत में टैपवर्म से होने वाली जो समस्याएं हैं वह बहुत पहले से आने लगी थी।कई लोगों को सिर में तेज दर्द की शिकायत के साथ हॉस्पिटल पहुंचे तो उन्हें मिर्गी के दौरे पड़ रहे थे।
इस कीड़े का लार्वा किन चीजों में पाया जाता है
यह कीड़ा अन्य चीजों में भी पाया जाता है या यूं कह सकते हैं कि इसका लार्वा ज्यादातर पालक में पाया जाता है।
मछली में, पोर्ट में, बीफ में पाया जाता है, इसलिए इसको अच्छी तरह से पका करके खाना चाहिए, हालांकि यूरोपीय देशों में इसका खतरा बहुत कम पाया गया है।
Final word
इस प्रकार आज के ब्लॉग के माध्यम से हमने जाना कि पत्ता गोभी, गाजर खाने जा रहे हैं तो हो जाएं सावधान।
इसका कीड़ा आपके दिमाग तक पहुंच सकता है इसके लिए हमें क्या करना चाहिए, उम्मीद है इस पर लिखा गया यह लेख आपको बहुत मददगार साबित होगा, हम आगे भी इसी तरह के स्वास्थ्य वर्धक लेख लाते रहेंगे पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।
Disclaimer
यह लेख आपकी जानकारी के लिए शेयर किया गया है आपसे विनम्र निवेदन है कि कोई भी घरेलू उपचार अपनाने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें।