रसौली क्यों होता है, कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू नुस्खे||Uterine Fibroid||Rasauli ka karan, lakhsan,ilaj

रसौली आज की गलत जीवन शैली का परिणाम है आज की जो भागम-भाग की जिंदगी चल रही है इसको लेकर रसौली एक आम समस्या बनती जा रही है। रसौली एक ऐसी गांठ है जो कि महिलाओं के गर्भाशय में हो जाती है। इससे बहुत समस्या होती है आज के ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे कि रसौली क्यों होता है, रसौली होने का कारण क्या है, लक्षण, इलाज और घरेलू नुस्खे के बारे में हम जानेंगे। अगर किसी को रसौली की समस्या है तो उसको हैवी फ्लो की समस्या हो जाती है, पीठ के निचले हिस्से में दर्द होता है। बार- बार पेशाब आता है कब्ज की समस्या रहती है या पैर में दर्द महसूस होने लगते हैं तो आइए जानते है

 

 

 

 

 

रसौली के बारे में एक बात जो प्रमुख रूप से कही जाती है कि यह कभी- कभार अपने आप भी ठीक हो जाता है और कई मामलों में ऑपरेशन की भी जरूरत पड़ती है।

रसौली होने के बावजूद भी कई महिलाएं नॉर्मल डिलीवरी देती है और रसौली से किसी भी तरह का प्रभाव नहीं पड़ता है। 

जिनको भी रसौली की समस्या है यह तो दर्द निवारक दवाओं से सही हो जाता है।

लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं समय पर इलाज नहीं कराते हैं तो रसौली का आकार बढ़ने लगता है और इससे पेट में दर्द और रक्त स्राव जैसे लक्षण दिखने लगते हैं।

तो आज हम जानेंगे कि रसौली का घरेलू इलाज हम कैसे कर सकते हैं वह कौन से घरेलू नुस्खे हैं जिनसे रसौली का घरेलू उपचार किया जा सकता है।

आइए जानते हैं इससे पहले हम बात करेंगे कि आखिर रसौली किन कारणों से होता है, रसौली के लक्षण क्या है, रसौली का घरेलू इलाज क्या है, रसौली के घरेलू नुस्खों पर बात करेंगे जिनसे रसौली ठीक हो सकती है।

What is Firoid Uterus,casuses, Symptoms,types

 

 

रसौली क्या है

रसौली एक प्रकार का ट्यूमर होता है जो गर्भाशय के अंदर विकसित होता है जिसे अंग्रेजी में फाइब्रॉयड कहते हैं

इसे गर्भधारण करने में दिक्कत आती है जरूरी नहीं है कि रसोली का मतलब कैंसर हो

 इसे आसानी से दूरबीन विधि के द्वारा निकाल दिया जाता है लेकिन जैसे जैसे आकार बढ़ता है इससे परेशानी बहुत ज्यादा बढ़ने लगती है

हालांकि इस से कैंसर का खतरा नहीं होता है लेकिन  इससे कई तरह की समस्या महिलाओं में देखी जाती है।

 

गर्भाशय में रसौली के लक्षण rasauli ke laksha

रसौली की पहचान rasoli ki pahchan kaise karen

 

गर्भाशय में रसौली के लक्षण तो वैसे दिखाई नहीं देते हैं असमान्य तौर पर हम कह सकते हैं जिनको ज्यादा ब्लीडिंग होती है तो यह अंदाजा लगाया जाता है कि उन्हें रसौली की शिकायत हो सकती है। 

ऐसा होने से आयरन की कमी हो जाती है, महिला कमजोरी महसूस करती है थकान महसूस करती है, चिड़चिड़ापन हो जाता है। रसौली होने पर ज्यादा दर्द झेलना पड़ जाता है। 

इसलिए इसका समय से इलाज बहुत जरूरी है और कुछ घरेलू नुस्खे हैं जिनको आजमाना भी बहुत जरूरी है जो रसौली के इलाज में सहायक होते हैं। रसौली को फाइब्रॉयड भी कहते हैं।

रसौली की जो भी समस्याएं होती है वह उसके आकार पर निर्भर करता है।

ज्यादातर रसौली के लक्षण तो दिखाई नहीं देते हैं लेकिन अगर रसौली के आकार में वृद्धि हो जाती है तो ऐसी कंडीशन में मूत्राशय यानी कि ब्लैडर पर ज्यादा दबाव पड़ता है और कभी कभी दबाव के साथ पेशाब बाहर आता है।

पेशाब निकलते समय, मल त्याग करते वक्त भी काफी परेशानी होती है।यह तब होता है जब रसौली का आकार बड़ा हो जाता है। पैल्विक क्षेत्र में भी काफी दर्द होता है।  

 

अब बात करते हैं रसौली किन कारणों से होता है

 Rasoli in uterus symptoms

 

रसौली को अंग्रेजी में क्या कहते हैं

रसौली को अंग्रेजी में fibroids कहते हैं।

 

रसौली होने के कारण Uterus (Bachedani)me ganth ka karan in Hindi

गर्भाशय में रसौली के कारण bacchedani mein rasauli hone ka Karan

रसौली क्यों होता है 

 Bachedani me rasoli in Hindi

 बच्चेदानी में गांठ बनने का कारण 

रसौली होने के बहुत सारे कारण हैं लेकिन यहां पर हम कुछ प्रमुख कारणों की चर्चा कर लेते हैं जिनकी वजह से रसौली होता है तो आइए जानते हैं

 

1 जो कभी मां न बनी हो

उन महिलाओं में रसौली होने की समस्या ज्यादा होती है जिन्होंने कभी गर्भधारण नहीं किया हो।

 

2 ज्यादा वजन होना

जिन महिलाओं का वजन ज्यादा होता है उन्हें भी रसौली की समस्या देखने को मिलती है।

 

3 पीरियड्स सही न आना

जिन महिलाओं की माहवारी समय पर नहीं आती है या अनियमित रहता है तो वह भी एक प्रमुख रसौली होने की वजह होता है।

 

4 पानी कम पीना what is rasoli in Hindi

बहुत सी महिलाएं जो बाहर जाती हैं वह पानी कम पीती है क्योंकि उन्हें बार-बार टॉयलेट की भी शिकायत होती है। इस वजह से भी पानी कम पीती हैं। तो इसका भी असर आपके गांठ रसौली पर पड़ता है । रसौली होने का ही यह भी एक कारण हो सकता है।

 

5 एस्ट्रोजन हार्मोन की ज्यादा मात्रा बनना

कुछ महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन ज्यादा मात्रा में बनते हैं जिस वजह से रसौली होना आम समस्या हो गया है।

 

6 गलत आहार शैली

जिनका खान-पान गलत रहता है सही पौष्टिक आहार का जो महिलाएं सेवन नहीं करती है उनमें भी इस तरह की समस्या देखने को मिलती है।

जो महिलाएं धूम्रपान का ज्यादा सेवन करती है तो भी यह समस्या देखने को मिलती है। 

 

गर्भाशय में रसौली के लक्षण

 Garbhashay mein rasauli ke lakshanin Hindi

यूट्रस में गांठ के लक्षण

रसौली बच्चेदानी में होने वाला गांठ है। सामान्य तौर पर इसके लक्षण आसानी से नहीं दिखाई देते हैं।

 यहां पर हम आपको कुछ ऐसी बातों को बताते हैं जिससे कि आप जान सकते हैं कि आपको रसौली की शिकायत है तो उसकी जांच भी आपको कराना चाहिए।

किन लक्षणों से पहचानेंगे कि हमें रसौली की शिकायत है आइए जानते हैं

 

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1 मूत्राशय पर दबाव पड़ना रसौली की पहचान का पहला लक्षण है 

जिनको भी रसौली की शिकायत होती है उनके मूत्राशय पर दबाव पड़ता है, कभी-कभी पेशाब ज्यादा दबाव के साथ बाहर निकलता है।

और पेशाब रुक- रुक कर के भी आता है, खुल करके नहीं आता है तो यह एक लक्षण है जिससे कि हम जान सकते हैं कि कहीं हमें रसौली की शिकायत तो नहीं है।

 

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2 मल त्याग करते समय दर्द होना बच्चेदानी में गांठ का पहचान है

कुछ महिलाओं में रसौली होने से कब्ज की शिकायत बनी रहती है और जब वह मल का त्याग करती हैं तो उस वक्त काफी दर्द होता है।

 

3 पैल्विक क्षेत्र में दर्द बने रहना रसौली की पहचान है

इसका एक कारण लक्षण है कि बच्चेदानी के आसपास का क्षेत्र होता है वहां पर रसौली की वजह से दर्द महसूस होता है।

 

4 ज्यादा ब्लीडिंग की शिकायत होना बच्चेदानी में गांठ का संकेत है

हालांकि यह सभी महिलाओं में लक्षण एक समान नहीं होता है, कुछ महिलाओं में ब्लीडिंग ज्यादा होता है। किसी महिला में ज्यादा ब्लीडिंग की शिकायत होती है उनके बच्चेदानी में गांठ बनने की समस्या रहती है।

 

महिलाओं में कमजोरी, चिड़चिड़ापन, थकान इस तरह की समस्या दिखाई देने लगती है।

अभी तक हमने जाना कि बच्चेदानी में होने वाली गांठ के लक्षण क्या है, हम कैसे जानेंगे कि हमारे गर्भाशय में गांठ हो चुका है।

अब हम बात करते हैं कि गर्भाशय में होने वाली जो गांठ है उसकी जांच कैसे की जाती है उस बारे में आइए जानते हैं

 

रसौली की जांच rasauli ka jaanch kaise karen

आमतौर पर रसौली के सामान्य लक्षण अगर नजर नहीं आते हैं तो वहां पर कुछ टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है।

जैसे अल्ट्रासाउंड टेस्ट होता है, इसके अल्ट्रासाउंड के द्वारा जांच से पता चलता है कि आपको रसौली है या नहीं है।

इसके साथ ही m.r.i. भी होता है और m.r.i. के माध्यम से रसौली कितना बड़ा आकार में है इस बारे में जाना जा सकता है।

डायग्नोस्टिक लेप्रोस्कोपी इसके द्वारा गर्भाशय के बाहर मौजूद रसौली का टेस्ट होता है इसके लिए पेट में एक पतली और लचीली ट्यूब डाली जाती है।    और इस ट्यूब में कैमरा लगा होता है जिससे पता चलता है कि गर्भाशय में कितना बड़ा गांठ है।

गर्भाशय में रसौली होने पर कुछ अन्य परेशानियां भी होती है आइए जानते हैं उन परेशानियों को

 

बांझपन

जिन महिलाओं को गर्भाशय में रसौली की समस्या होता है उन्हें गर्भधारण में मुश्किलें आती है।

फाइब्रॉयड गर्भाशय के आकार को भी बदल देता है, जिससे गर्भ धारण नहीं हो पाता है इसलिए गर्भधारण करने के लिए रसौली का इलाज करवाना चाहिए।

 

पेट में सूजन

रसौली का आकार बड़ा होने पर पेट के निचले हिस्से में सूजन की समस्या हो सकती है सूजन की वजह से मल त्याग करने के दौरान तेज पेट दर्द की शिकायत कुछ लोगों में देखी जाती है।

 

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हिस्टोरेक्टोमी

अधिक ब्लीडिंग के कारण या रसौली का आकार जब बड़ा हो जाता है उस स्थिति को हिस्टोरेक्टोमी कहते हैं।

 

एमेनोरिया

गर्भाशय की जो रसौली होती है उससे एमेनोरिया होने की संभावना रहती है इस स्थिति में ब्लीडिंग कम से कम 7 दिनों तक या उससे अधिक भी आता है।

इसके साथ ही पीरियड्स के दौरान खून के थक्के बनने लगते हैं, इसलिए रसौली का समय से इलाज करवाना चाहिए और रसौली को लेकर के हर महिला को सतर्क रहना चाहिए। Fibroids Home remedies

 

रसौली का घरेलू इलाज rasauli ka ilaaj

Bachedani me rasoli ka gharelu ilaaj

 

गर्भाशय में रसौली का घरेलू इलाज क्या है उसको आइए जानते हैं किस तरह से बच्चेदानी की गांठ को हम घरेलू नुस्खे अपनाकर दूर कर सकते हैं।

 आइए जानते हैं रसौली को दूर करने के घरेलू नुस्खे home remedies for Uterine Fibroid in Hindi

 

रसौली का घरेलू इलाज है लहसुन rasoli ka gharelu ilaaj hai lahasun 

 

 रोज खाली पेट सुबह के समय एक कली लहसुन अगर खाते हैं तो गर्भाशय की अगर रसौली है तो उससे छुटकारा मिलेगा।

नियमित रूप से 2 महीने तक लहसुन का सेवन करते रहें। ऐसा करने से जल्द ही आपको बच्चेदानी की गांठ में राहत मिलेगा।

आप आगे भी इसका सेवन कर सकते हैं अगर आप चाहते हैं कि आपके शरीर में रसौली की समस्या नहीं हो तो इसके लिए आप रेगुलर लहसुन का सेवन कर सकते हैं।

 

आंवला है रसौली का घरेलू उपचार rasauli ka gharelu upchar hai aanwala

आंवला के साथ शहद का मिश्रण लें और इस मिश्रण को रोजाना सेवन करें।

एक चम्मच आंवला का पाउडर ले लें और एक चम्मच शहद का मिश्रण मिला लें और इसे प्रतिदिन नियमित रूप से सेवन करें, इससे रसौली की समस्या से निजात मिलेगा।

 

रसौली के घरेलू नुस्खे के रूप में सेब का सिरका है अचूक उपाय bacchedani mein rasoli ka gharelu ilaaj

सेब के सिरके को रसौली के घरेलू नुस्खे के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं यह रसौली का घरेलू इलाज माना जाता है।

इसके लिए रोजाना सुबह गुनगुने पानी के साथ सेब के सिरके का आप सेवन करें, इससे पेट में सूजन और दर्द से भी छुटकारा मिलेगा।

और नियमित रूप से अगर यह आप सेवन करते हैं तो रसौली की समस्या है, बच्चेदानी में गांठ की समस्या है वह धीरे-धीरे खत्म होने लगता है।

 

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गाय का दूध है रसौली का घरेलू इलाज 

गाय के दूध को रसौली के उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है उसके लिए गाय के दूध को गर्म कर दें। 

उसके बाद एक चम्मच उसमें धनिया पाउडर, एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाइए फिर उसका सेवन करें इससे जो रसौली की समस्या है उसमें काफी आराम मिलेगा।

 

ग्रीन टी है रसौली से बचने का घरेलू उपाय bacchedani mein rasoli ka ilaaj

 

ग्रीन टी को घरेलू उपाय के रूप में जाना जाता है इसकी सहायता से रसौली से बचा जा सकता है।

 कोशिकाओं में रसौली को रोकने में यह काफी सहायक होता है इसे रोज आप दो से चार बार लें, इससे रसौली की समस्या में काफी आराम मिलता है।

 

रसौली होने से क्या होता है

रसौली होने से एक महिला को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है।

इससे पीरियड्स के दौरान ज्यादा दर्द होता है ब्लीडिंग ज्यादा होती है नाभि के नीचे पेट में दर्द होता है पीठ के निचले हिस्से में भी दर्द महसूस होता है पेशाब बार बार आता है मासिक धर्म के समय दर्द ज्यादा होता है।

 

रसौली को कैसे खत्म करें

रसौली को खत्म करने के लिए आंवला सबसे बेस्ट उपाय है आंवला का जूस रसौली से छुटकारा पानी के लिए आप ले सकते हैं।

आंवला में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है रोजाना सुबह एक चम्मच आंवला का जूस शहद डालकर खाली पेट सेवन करिए अगर रसौली की गांठ है तो धीरे-धीरे खत्म होने लगेगी। 

 

रसौली के ऑपरेशन में कितना खर्च आता है

 रसौली के ऑपरेशन में 20 से ₹ 50000 तक का खर्च आ सकता है यह खर्च प्राइवेट अस्पताल का है।

 

बच्चेदानी में गांठ बनने का क्या कारण हो सकता है

बच्चेदानी में गांठ बनने के कई कारण हैं पहला कारण अगर आप मोटापे के शिकार हैं तो यह संभावना ज्यादा रहती है

 जिनका पीरियड 10 साल से कम उम्र शुरू हो जाता है उन्हें भी इस तरह की समस्या देखने को मिलती है।

 विटामिन डी की कमी से बच्चेदानी में गांठ की संभावना रहती है।बहुत अधिक मात्रा में शराब का सेवन करना बच्चेदानी में गांठ का कारण बनता है बर्थ कंट्रोल पिल्स भी बच्चेदानी में गांठ का कारण है।

 

रसौली से बचने का घरेलू इलाज घरेलू उपाय

पानी वाली रसोली से बचने का घरेलू उपाय आंवले का जूस पिया करिए एक ढक्कन आंवला आपके लिए फायदेमंद रहेगा।

इसका जूस मार्केट में मिलता है आप उसे ले‌ लें और रोजाना एक चम्मच आंवले का जूस पीजिए।

आप चाहे तो खाली पेट भी पी सकते हैं बहुत ही फायदा देता है रसौली को फैलने से रोकने के लिए ग्रीन टी का आपको सेवन करना चाहिए

 दो से तीन कप ग्रीन टी आपको पीना चाहिए इससे रसौली से बच सकते हैं।रसौली नहीं बढ़ेगी सुबह खाली पेट लहसुन का इस्तेमाल करें 2 महीनों तक ऐसा करें।

 

 

 

रसौली का मतलब क्या है rasauli ka matlab kya hai

रसौली का मतलब गर्भाशय में गांठ है या बच्चेदानी की गांठ कहते हैं। यह ऐसी गांठ होती है जो महिलाओं के गर्भाशय में या उसके आसपास होती है।

 रसौली मांस पेशियों और फाइब्रोसिस उतकों से बनती है। रसौली यह एक ऐसी गांठ होती है

जो कि ज्यादातर महिलाओं में गर्भाशय में ही होती है और इसके बनने से बांझपन का भी खतरा रहता है।

 

फाइब्रॉयड का कौन सा आकार खतरनाक है

फाइब्रॉयड जिसे एमेनोरिया भी कहा जाता है यह एक प्रकार का ट्यूमर होता है जो कि अंगूर से भी बड़ा हो सकता है।

और यह आकार काफी खतरनाक माना जाता है यह इसकी असामान्य स्थिति होती है। यह आकार सेब के बीज से लेकर अंगूर जितने बड़े आकार का हो सकता है। फाइब्रॉयड लियम्योमा या म्योमा कहा जाता है।

 

बच्चेदानी में गांठ कैसे हो जाता है bacchedani mein ganth kaise ho jata hai

बच्चेदानी में गांठ का कारण

बच्चेदानी में गांठ होना यानी कि रसौली आनुवंशिक हो सकता है।गर्भावस्था के दौरान यह बहुत तेजी से बढ़ता हैं।

जब हार्मोन का स्तर ऊंचा होता है तब इसके लिए एंटी हार्मोन दवा का उपयोग किया जाता है।तो यह लगता है कुछ लोगों में यह आंशिक भी देखा जाता है महिलाओं में हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेजोन के कारण ही ज्यादा बनते हैं।

 

बच्चेदानी का बाहर आना कैसे ठीक किया जाता है bacchedani ka bahar aana kaise theek hoga

बच्चेदानी का बाहर आना कैसे ठीक करें, इसके लिए हम आपको बता दें कि पहला काम कि आपको पेट साफ रखना है, कब्ज नहीं होने दें।

फाइबर युक्त भोजन जैसे फल, दाल, मक्का, पालक आदि का सेवन अपने आहार में करें।

मेनोपॉज के बाद अगर किसी भी प्रकार की आपको तकलीफ होती है तो उसके लिए डॉक्टर से संपर्क करें और उचित उपचार करें।

दूसरी तरफ आपको यह भी बता दें कि नियमित रूप से इसके लिए एक्सरसाइज करना भी जरूरी है।श्र

बार-बार प्रेगनेंसी व गर्भपात से बचना चाहिए, वजन नहीं बढ़ने दें वजन पर नियंत्रण रखें।

 

रसौली कौन सी बीमारी होती है rasauli kaun si bimari hoti hai

रसौली के बारे में जैसा की अभी- अभी आपने जाना कि रसौली क्या है तो रसौली गर्भाशय में बनने वाली एक गांठ होती है।

 यह मांस पेशियों और फाइबर्स ऊतकों से बनती है इनका आकार कुछ भी हो सकता है यानी छोटे से बड़ा तक हो सकता है।

और जिनमें रसौली पाया जाता है, जिन महिलाओं में रसौली की समस्या है उनमें बांझपन होने का भी खतरा बना रहता है।

 

रसौली कैसे बनती है rasauli kaise banti hai

 रसौली फाइब्रॉयड्कं की तरह गांठ होता है जो यूट्रस या बच्चेदानी में फाइब्रस टिश्यूज़ से बनता है।

महिलाओं का यूट्रस तीन भागों में बंटा हुआ होता है और रसौली इन तीन भागों में से किसी भी भाग में हो सकता है।

इसका साइज अलग- अलग होता है। रसौली के बारे में हम आपको बता दें कि रसौली स्टोन से अलग होता है और दूसरी बात यह भी है कि रसौली केवल महिलाओं में होने वाली समस्या है।

 

फाइब्रॉयड क्यों होता है fibride Kyun Hota hai

फाइब्रॉयड महिलाओं के गर्भाशय में होने वाली गांठ को कहते हैं और यह गांठ जब हो जाता है तो समस्या काफी बढ़ जाती है।

इसका प्रमुख कारण बढ़ती उम्र होता है, जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है मेनोपॉज होता है उसमें भी यह समस्या देखने को मिलती है। 

हार्मोनल चेंजेज होते हैं शरीर में जेनेटिक कारणों से भी कई महिलाओं में फाइब्रॉयड की प्रॉब्लम होने लगती है।

 

रसौली को कैसे ठीक करें rasauli in Hindi, rasauli ko kaise theek Karen

रसौली को ठीक करने के लिए सबसे अच्छा उपाय योग एक्सरसाइज है और दूसरा उपाय हम आपको बता दें कि आंवला का जूस है।

आंवला का जूस रसौली को दूर करने में काफी कारगर माना जाता है। आंवला का जूस शहद में डालकर खाली पेट पीने से रसौली में काफी लाभप्रद होता है।

इसके साथ ही ग्रीन टी का भी इस्तेमाल करें, ग्रीन टी कोशिकाओं को फैलने से रोकता है जो भी रसौली की कोशिकाएं हैं उसके विकास को रोकता है।

 

अंडाशय में गांठ क्यों होती है 

अंडाशय में गांठ होने के तो ऐसे बहुत सारे कारण हैं लेकिन जो मेन कारण है वह हम आपको यहां पर बता देते हैं कि सबसे प्रमुख कारण हार्मोनल परिवर्तन होता है।

जिस कारण से गांठ होती है इसके साथ ही हार्मोनल दवाओं का उचित प्रयोग और प्राकृतिक परिवार नियोजन, नसबंदी, यौन भावनाओं को दमित करना और थायराइड ग्रंथि में असंतुलन यह सभी प्रमुख कारण है जिसकी वजह से अंडाशय में गांठ होती है।

 

रसौली कैसे बनती है rasoli kaise banti hai

 

रसौली के बारे में जैसा कि आप सभी जानते हैं कि यह बच्चेदानी में होने वाला एक गांठ है जो कि फाइब्रस टिश्यूज़ से बनती है।

इसके बारे में आपको हम बता दें कि यह गांठ यूट्रस के किसी भी हिस्से में हो सकता है।

 रसौली स्टोन से अलग होता है और यह महिलाओं में होने वाला प्रमुख समस्या है।

 

रसौली होने पर क्या नहीं खाना चाहिए Uterine Fibroids diet plan 

 किसी को रसौली की समस्या है तो उसे दूर करने के लिए धूम्रपान का सेवन अगर करते हैं तो बंद करें।

रेड मीट से परहेज करें, उसके साथ ही ज्यादा मिर्च मसाले वाली चीजों से दूरी बनाएं।यह आपके रसौली को और भी बढ़ा सकता है,अगर मटन का सेवन करते हैं तो उसे बंद करना पड़ेगा तभी रसौली ठीक हो सकती है।

 

फाइब्रॉयड सिकुड़ने के क्या लक्षण है 

फाइब्रॉयड सिकुड़ने का लक्षण यह है कि कभी-कभी पेट में अचानक से दर्द होता है जो कि रसौली अगर भीतर घूमता है तो उस वजह से भी दर्द होता है।

अगर रसौली का आकार बढ़ जाता है ज्यादा तो उससे कब्ज की समस्या होने लगती है और मल त्याग पर भार बढ़ता है। मुत्राशय पर भी दबाव बढ़ता है और पेशाब रुक- रुक कर आता है, बार-बार जाना पड़ता है। ‌‌

 

फाइब्रॉयड होने में क्या नहीं खाना चाहिए  Bacchedani mein rasauli hone per kya khana chahie

जिनको भी फाइब्रॉयड की समस्या है उनको सैचुरेटेड फूड तो बिल्कुल नहीं खाना चाहिए इसके साथ ही लाल मांस नहीं खाना चाहिए।

धूम्रपान नहीं करना चाहिए और एवोकाडो, उच्च वसा वाले जो भी स्नेक्स होते हैं उनको खाने से बचें।

अंडे की जर्दी न खाएं, पेस्ट्रीज खाने से भी बचें। इन सब बातों का ध्यान रखें। साथ में अगर मांस मछली का प्रयोग करते हैं तो उसमें खास तौर से ध्यान दें कि लाल मांस का सेवन बिल्कुल नहीं करें।

 

रसौली बच्चेदानी की गांठ से संबंधित पूछे गए सवाल

 

  रसौली क्यों होती है

रसौली एस्ट्रोजन हार्मोन की वजह से होती है यह शरीर में कम बनता है तो रसौली सिकुड़ने लगती है। अगर एक बार रसौली हो जाती है तो वह मेनोपाज के बाद भी रहती है।

 

रसौली का पता कैसे चलता है

 पेट के निचले हिस्से में बहुत अधिक दर्द होता है या ब्लीडिंग अधिक होती है इसकी वजह से पैरों में दर्द रहता है।

 

रसौली होने पर क्या खाना चाहिए

 रसौली होने पर विटामिन डी वाले खाद्य पदार्थ खाना चाहिए जिससे रसौली का विकास रुक जाता है मछली दूध अंडे की जर्दी आपको खाने की जरूरत है।

 

रसौली को खत्म करने के लिए क्या करें

 रसौली को खत्म करने के लिए प्रतिदिन आंवले का जूस एक चम्मच आप पीजिए इसके अलावा सुबह के समय में खाली पेट एक कली लहसुन को खाएं लहसुन का सेवन दिन में भी आप कर सकते हैं।

 

 

FINAL WORD

इस प्रकार आज के ब्लॉग के माध्यम से हमने जाना कि रसौली क्यों होता है, गर्भाशय में रसौली होने का क्या कारण है, बच्चेदानी की गांठ क्यों बनती है।

रसौली होने के कारण, लक्षण, इलाज, घरेलू नुस्खे के बारे में जानकारी मिली उम्मीद है कि रसौली क्यों होता है इसके ऊपर लिखा गया यह लेख आपके लिए ज्ञानवर्धक रहा होगा हम आगे भी इसी तरह स्वास्थ्य वर्धक लेख लाते रहेंगे धन्यवाद।

 

Disclaimer

यह लेख आपकी जानकारी के लिए शेयर किया गया है आपसे विनम्र निवेदन है कि कोई भी घरेलू उपचार अपनाने से पहले डॉक्टर से संपर्क जरूर करें धन्यवाद।

 

 

रसौली क्यों होता है, कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू नुस्खे||Uterine Fibroid||Rasauli ka karan, lakhsan,ilaj

 

 

 

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