चिरायता की पहचान कैसे करें असली चिरायता कहां मिलेगा/Chirayata ki pahachan kaise karen
आज के समय में चिरायता के औषधीय गुणों को देखते हुए हम सभी चिरायता का सेवन करना चाहते हैं ऐसे में जरूरी हो जाता है कि हम चिरायता की पहचान कैसे करें आज के लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि चिरायता की पहचान कैसे करें असली चिरायता हमें कहां मिलेगा
चिरायता क्या है Chirayata in Hindi
चिरायता हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है यह हमारे शरीर के रोगों को नष्ट करने में सहायक है।
इसमें बायो एक्टिव कंपाउंड होते हैं जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं इसका स्वाद काफी कड़वा होता है।
चिरायता का पौधा आसानी से मार्केट में मिल जाता है चिरायता स्वाद में काफी कड़वा होता है।
चिरायता के पौधे की उम्र लगभग 1 से 2 साल होती है इसमें अनेक प्रकार के फूल हरे पीले रंग के होते हैं 6 सेंटीमीटर व्यास के अंडाकार फूल होते हैं।
चिरायता का वानस्पतिक नाम swerita chirayata hai
हिंदी में चिरायता को किस नाम से जानते हैं
हिंदी में चिरायता को नेपाली नीम, चिरायता,चिराइता के नाम से जानते हैं।
अंग्रेजी में चिरायता को किस नाम से जाना जाता है
अंग्रेजी में चिरायता को ब्राउन चिरेता कहते हैं।
चिरायता की पहचान कैसे करें कहां मिलेगा
चिरायता की पहचान के लिए हम आपको बता दें इसका स्वाद बहुत कड़वा होता है और यह आसानी से आपके दुकानों पर उपलब्ध हो जाता है।
अब ऑनलाइन भी मिलता है आप उसे ले सकते हैं लेकिन ध्यान बस इतना देना है कि असली चिरायता काफी कड़वा होता है।
उसे ब्रांडेड कंपनी का ही आपको लेना चाहिए तो आपको असली चिरायता मिल जाएगा
जो नेचुरल चिरायता का पौधा है इसकी पहचान करने के लिए आपको बता दें यह भारत के जम्मू कश्मीर असम हिमाचल प्रदेश में पाया जाता है।
यह 1200 से 3000 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है मध्य प्रदेश दक्षिण भारत के पर्वतीय प्रदेशों में भी आसानी से मिल जाता है।
चिरायता को है कालमेघ के नाम से जाना जाता है। कालमेघ चिरायता का ही प्रजाति होता है
लेकिन ध्यान देना यह है कि यह काफी कड़वा होता है इसका प्रयोग चिकित्सा के क्षेत्र में किया जाता है।
चिरायता 60 से 125 सेंटीमीटर ऊंचा होता है उसके तने नारंगी और जामुनी रंग के होते हैं।
उसके पत्ते सीधे होते हैं 5 से 10 सेंटीमीटर लंबे इसके पत्ते होते हैं उसकी चौड़ाई 5.8 सेंटीमीटर होता है।
पत्ते ऊपर की तरफ से नुकीले होते हैं इस के फूल जो निकलते हैं वह अनेक रंग के होते हैं हरे, पीले रंग के होते हैं।
चिरायता का कौन सा भाग उपयोगी होता है
चिरायता का पौधा का जड़ बहुत गुणकारी होता है।
चिरायता कहां मिलेगा
यह भारत नेपाल भूटान में विश्व स्तर पर मिलेगा यह जम्मू कश्मीर हिमाचल प्रदेश उत्तर प्रदेश मेघालय उत्तर प्रदेश की पहाड़ियों में 1200 से 3000 मीटर की ऊंचाई में पाया जाता है।
चिरायता की पहचान कैसे करें
चिरायता की पहचान करने के लिए आप 2 से 4 सेमी तक के 1 वर्ष आयु 2 वर्ष आयु वाले पौधों को देखें
इसमें हरे पीले रंग के फूल होंगे इसके पत्ते ऊपर वाले भाग पर नुकीले होते हैं
इसका तना गुलाबी जामुनी रंग का होता है। अगर ऐसा पौधा आपको दिखता है तो आप समझ ले कि यह चिरायता का पौधा है।
यह पौधा ज्यादातर आपको ठंडे क्षेत्रों में पाया जाता है। नेपाल साइड में आसानी से मिल जाता है।
इस की पत्तियां और छाल बहुत गुणकारी होती है यह ज्वरनाशक तथा रक्त शुद्ध नाशक होता है।
चिरायता कौन सी जड़ी बूटी होती है
चिरायता आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है उसका स्वाद काफी कसैला कड़वा होता है यह ज्वरनाशक होता है।
यह बुखार कम कर देता है इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी एंटीऑक्सीडेंट के साथ अन्य बहुत से गुण पाए जाते हैं।
चिरायता किस बीमारी के काम में आता है
चिरायता डायबिटीज मलेरिया के बुखार और एनीमिया के लक्षणों को कम करने में काफी मदद करता है।
साथ ही उसके बहुत से लाभ है यह लोकप्रिय आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका स्वाद काफी कड़वा होता है
आयुर्वेद में इसे ज्वरनाशक कहा जाता है जो कि बुखार को कम कर देता है।
चिरायता कैसे पीना चाहिए
एक कप पानी में इसके चूर्ण को मिलाकर उबालें
जब 1 बटा 4 भाग पानी रह जाए इस पानी को छानकर दिन में दो बार खाना खाने के बाद या कुछ स्थिति में खाली पेट आप ले सकते हैं।
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शुगर में चिरायता कितना लेना चाहिए
शुगर में चिरायता एक चम्मच आपको लेना चाहिए इस पानी में मिक्स करके आप उसको ले सकते हैं इससे अधिक चिरायता नहीं लेना चाहिए।
चिरायता का काढ़ा कैसे बनाया जाए
चिरायता का काढ़ा बनाने के लिए कच्चा या सुखा चिरायता ले लीजिए उसे एक कप पानी में अच्छी तरह से उबाल लें
पानी को तब तक उबालें जब तक 1 बटा 4 भाग न रह जाए इसके बाद इस उबले हुए पानी को आपको छान लेना है।
और उस छाने हुए पानी को थोड़ा-थोड़ा करके दो बार पीएं है इससे आपकी परेशानियां दूर होगी आप कई बीमारियों से दूर रहेंगे।
भारत में चिरायता का पौधा कहां मिलेगा
भारत में चिरायता का पौधा आपको आसानी से नेपाल साइड में भी मिल जाएगा
इसके अलावा हिमालय के जो अन्य क्षेत्र है कश्मीर से भूटान तक आपको यह मिल जाएगा जिसमें उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश असम में यह पौधा मिल जाएगा।
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चिरायता कहां से खरीद सकते हैं
चिरायता बाजार में आसानी से उपलब्ध है आप वहां से खरीद सकते हैं इसके अलावा ऑनलाइन भी आप खरीद सकते हैं।
चिरायता कौन सी बीमारी को ठीक करने के काम आता है
चिरायता डायबिटीज मलेरिया के बुखार एनीमिया के लक्षण को कम करने में काफी मदद करता है।
यह लोकप्रिय आयुर्वेदिक जड़ी बूटी इसके अलावा जिनको बुखार की समस्या है उन्हें चिरायता प्रयोग करना चाहिए
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चिरायता की तासीर कैसी होती है
चिरायता में सूखापन कसैला स्वाद का गुण होता है इसमें सर्दी येखांसी से लेकर कैंसर को ठीक करने के गुण होते हैं।
चिरायता कब पीना चाहिए
चिरायता खाली पेट पीना चाहिए इसका स्वाद काफी कड़वा होता है।
चिरायता खाली पेट ही फायदेमंद होता है लेकिन किसी किसी को हो सकता है कि सूट न करें उसके लिए डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए।
Faq
क्या हम रोज चिरायता पी सकते हैं
हां चिरायता रोज पिया जा सकता है जब तक अगर आपके शरीर में कोई समस्या खत्म नहीं हो जाती है तब तक आप चिरायता का सेवन कर सकते हैं। चिरायता को गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है।
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चिरायता के नुकसान क्या है
चिरायता किन को नुकसान पहुंचा सकता है यह जानना जरूरी है।
चिरायता लेने से कुछ लोगों को उल्टी भी हो सकती है क्योंकि इसकी कड़वाहट बहुत ज्यादा होती है।
शुगर वाले पेशेंट चिरायता का इस्तेमाल सावधानी से करें गर्भवती महिलाएं स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसका इस्तेमाल डॉक्टरी सलाह के बाद ही करें।
चिरायता कितनी मात्रा में पीना चाहिए
चिरायता का अगर आपको पाउडर नहीं मिला है तो चिरायता का रस भी मिल जाता है
एक चम्मच रस को एक गिलास गुनगुने पानी में मिक्स करके चिरायता का सेवन आप कर सकते हैं।
चिरायता का पानी पीने से क्या फायदा मिलता है
चिरायता का पानी पीने से हमारा शरीर निरोगी रहता है शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलता है
लिवर डिटॉक्स करता है स्किन के लिए चिरायता अच्छा है दिमाग के लिए भी बहुत फायदेमंद है
अपच पेट में गैस सूजन पेट दर्द पाचन तंत्र संबंधी समस्या सभी में बहुत लाभदायक है।
चिरायता की तासीर कैसी होती है
चिरायता की तासीर गर्म होती है
चिरायता कब खाना चाहिए
चिरायता खाली पेट खाना चाहिए यह ज्यादा फायदा देता है। इसका स्वाद कड़वा होता है
हो सकता है खाली पेट कुछ लोगों को सूट न करें ऐसे में आप खा कर के भी इसे खा सकते हैं
चिरायता कैसे पीना चाहिए चिरायता का सेवन कैसे करें
चिरायता का सेवन आप गुनगुने पानी के साथ कर सकते हैं काढ़ा बनाकर कर सकते हैं ।
आप चाहे तो चिरायता का सेवन दूध में इसका पाउडर मिलाकर के भी कर सकते हैं यह शुगर कंट्रोल करने में बहुत मदद करता है।
चिरायता पीने का तरीका क्या है
चिरायता पीने के लिए दो से 4 ग्राम चिरायता का चूर्ण ले लें और सोंठ को समान मात्रा में ले लेना है फिर इसका काढ़ा बनाएं या गुनगुने जल के साथ आप इसे ले सकते हैं
अगर आपको चिरायता का पाउडर या चूर्ण नहीं मिला है तो आप चिरायता का रस भी मिलता है उसे ले सकते हैं।
चिरायता को 1 दिन में एक गिलास पानी में एक चम्मच रस मिक्स करके पीना है कोई दिक्कत नहीं होगी।
इस प्रकार आज के लेख के माध्यम से हमने जाना कि असली चिरायता पहचान कैसे करें कहां मिलेगा उम्मीद है कि इस पर लिखा गया यह लेख आपको पसंद आया होगा हम आगे भी इसी तरह की ज्ञानवर्धक लेख लाते रहेंगे पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।