जलोदर क्यों होता है कारण, लक्षण और घरेलू उपचार||Ascites home remedies in Hindi||Health Vishesh

आज के समय में हम सब लोग इतना व्यस्त हो गए हैं कि स्वास्थ्य को लेकर के बिल्कुल ध्यान नहीं जाता है जिसका असर पड़ता है कि हम कई बीमारियों के शिकार हो जाते हैं इन्हीं में से एक है जलोदर जिसे एसाइटिस की समस्या कहते हैं।यह क्यों होता है, इसके क्या कारण है, जलोदर का लक्षण क्या है, इसके क्या कारण है, जलोदर क्यों होता है, जलोदर के घरेलू उपचार क्या है आज के ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे।

जलोदर की स्थिति में हमारा पेट फुला हुआ नजर आता है अगर सही समय पर जलोदर का इलाज नहीं किया जाता है तो हमारे अन्य शरीर के अंगों पर इसका प्रभाव पड़ेगा

 इससे हमारी कार्यक्षमता भी प्रभावित हो सकती है और इसके साथ ही और भी कई समस्याएं हमें हो सकती है, आइए सबसे पहले जानते हैं कि जलोदर आखिर है क्या है

 

 

जलोदर आखिर है क्या what is Ascites in Hindi

 

 

 

Jalodar Rog Kya hota hai in Hindi

 

पेट में पानी भरने से कौन सी बीमारी होती है ascitis in Hindi 

 

जलोदर क्या है आइए जानते हैं जलोदर की स्थिति में पेट में तरल पदार्थ भर जाता है और हमारा पेट फुला हुआ नजर आता है

और यह तरल पदार्थ झिल्लीदार परत के बीच में बनता है, जिसे पेरीटोनियल स्पेस कहते हैं। 

जब यह तरल पदार्थ हमारी पेट में बहुत ज्यादा हो जाता है तो पेट में सूजन हो जाता है और इससे सांस लेने में भी हमें तकलीफ होने लगती है। ascitic fluid in Hindi 

कुल मिलाकर के हम आप को संक्षेप में यही बताना चाहेंगे जलोदर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें पेट में तरल पदार्थ भर जाता है और आपका पेट काफी फुला हुआ नजर आता है।

अगर यह समस्या आपके साथ है तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए नहीं तो आगे जाकर बहुत सारी समस्याओं के हम शिकार हो जाएंगे

हमारी कार्यक्षमता भी इससे प्रभावित होती है, आइए अब हम जानते हैं कि जलोदर कितने प्रकार का होता है। 

 

जलोदर के प्रकार types of ascites in Hindi Ascites ke prakar

 

जलोदर जिसमें कि पेट में पानी भर जाता है और पेट आपका काफी फुला हुआ नजर आता है, इस स्थिति को जलोदर कहते हैं। लेकिन इसके भी कई प्रकार है जिसके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं 

 जलोदर की स्थिति में नसों में जो ऑक्सीजन युक्त रक्त जाता है उस नस में बाधा आती है और यह स्थिति लीवर सिरोसिस का कारण बनता है,

इसलिए जलोदर को लेकर हमें सावधान रहने की जरूरत है।

 

 नेफ्रोजेनिक जलोदर

इस स्थिति में अगर किडनी संबंधी विकार होता है तो पेट में पानी भरने की संभावना होती है तो नेफ्रोजेनिक किडनी संबंधी विकार कहलाता है, किडनी संबंधी विकार के कारण होने वाला रोग जलोदर कहलाता है।

 

मैलिग्नेंट जलोदर

 

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जलोदर का यह प्रकार जब शरीर के किसी अंग में कैंसर हो जाता है तो उस स्थिति में होने की संभावना रहती है।

 

इनफेक्शियस एसाइटिस

जलोदर के इस प्रकार में फंगल या बैक्टीरियल या परजीवी की वजह से संक्रमण के कारण जलोदर की समस्या हो सकती है।

 

कार्डियोजेनिक जलोदर

इसमें हृदय की पंप की क्षमता कमजोर हो जाती है और हृदय की जो बाहरी परत है उसमें गंभीर सूजन हो जाता है।

 

मिस्लीनियस एसाइटिस

जलोदर की इस समस्या में ओवरी से जुड़ी समस्या देखने को मिलती है।

नंशं

 जलोदर साइनस

 असामान्य जलोदर की स्थिति कहलाता है, यह जब होता है तो शरीर में कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है।

यह तो थे जलोदर के कुछ प्रकार अब हम बात करते हैं जलोदर के कारणों पर, किस कारण से जलोदर jalodar होता है उन कारणों reason को ध्यान से समझने की जरूरत है।

 

जलोदर रोग किस कारण से होता है causes of ascites in females

पेट में पानी भरने का कारण 

Jalandhar disease

जलोदर रोग क्यों होता है jalodar Rog kyon hota hai

जलोदर के कारण jalodar Rog Ke Karn

 

जो लोग धूम्रपान का सेवन करते हैं, उनके पेट में तरल liquid पदार्थ होने की संभावना ज्यादा रहती है।

उन्हें जलोदर रोग होने का संभावना बना रहता है। Causes of ascites in Hindi

 क्योंकि धूम्रपान पेट संबंधी बीमारियों का मुख्य कारण माना जाता है, इसके अतिरिक्त पेट में संक्रमण रक्त का थक्का जमना इसका मुख्य कारण माना जाता है।

इसके अलावा अगर किसी को हेपेटाइटिस बी या पेट में संक्रमण या लीवर की नसों में रक्त का थक्का जमने की शिकायत है तो भी जलोदर होने की संभावना रहती है।

अगर अग्नाशय में सूजन है तो भी यह समस्या जलोदर होने का कारण माने जाते हैं, आइए अब उन कारणों की बात कर लेते हैं जिसके कारण reason जलोदर होने की संभावना ज्यादा रहती है।

 

जलोदर रोग होने का कारण लंबे समय तक धूम्रपान का सेवन करना jalodar Rog kyon hota hai

जो लोग लम्बे समय तक धूम्रपान का सेवन करते हैं उन्हें जलोदर होने की संभावना ज्यादा रहती है।

 

Jalodr Rog hone ka karan अपेंडिक्स या पेट संबंधी शिकायत जिन्हें होती है, उन्हें जलोदर को लेकर सावधान रहना चाहिए pet me Pani bharne se kon si bimari hoti hai

 

जिन्हें अपेंडिक्स की शिकायत हो चुकी है या फिर गर्भाशय पेनक्रियाज यानी अग्नाशय और लिवर से जुड़ी समस्या है, उन्हें जलोदर को लेकर सतर्क रहना चाहिए।

 

जलोदर Rog का एक कारण फैटी लीवर की समस्या हो सकता है pet mein Pani bharane ka karan gharelu upchar

 

जिन्हें फैटी लीवर की शिकायत है उन्हें भी जलोदर होने की संभावना ज्यादा रहती है फैटी लिवर वालों को भी जलोदर को लेकर सतर्क रहना चाहिए।

 

लीवर की नसों में खून के थक्के जमना जलोदर का एक कारण है 

अगर लीवर की नसों में रक्त के थक्के बनने से जलोदर यानी कि पेट में पानी भरने का कारण बनता है।

 

किडनी डायलिसिस jalodar Rog hone ka karan kidney dialysis hai

किडनी डायलिसिस जिन लोगों ने करवा रखा है उन्हें जलोदर को लेकर सतर्क रहना चाहिए।

 

जलोदर का एक मुख्य कारण हेपेटाइटिस बी और सी का इंफेक्शन है jalodr rog kyon hota hai 

जिन लोगों को हेपेटाइटिस बी और सी की समस्या problem होती है उन्हें भी जलोदर होने की संभावना ज्यादा होती है तो जलोदर का कारण एक यह भी माना जाता है।

 

हृदय की बाहरी परत में अगर सूजन हो जाए तो जलोदर होना तय है jalodar Rog kyon Hota hai hriday ki bahari parat mein agar Sujan ho jaaye in my j

अगर किसी के ह्रदय की बाहरी परत में सूजन हो जाता है तो ऐसी स्थिति में जलोदर होने की संभावना बढ़ जाती है।

 

अग्नाशय में सूजन जलोदर का कारण है

जलोदर होने का कारण अग्नाशय में सूजन भी होता है।

 

अब तक तो हमने जाना कि जलोदर के कारण क्या है आइए अब हम बात करते हैं कि वह कौन से लक्षण हैं जिनको देखकर हम यह जान पाएंगे कि हमें जलोदर की समस्या हो चुकी है।

 

जलोदर यानी पेट में पानी भर जाना के लक्षण जानें jalodr Rog ke lakshan

jalodar disease in Hindi

जलोदर जिसे कि जलंधर या पेट में पानी भर जाना भी  कहते हैं, यह यकृत संबंधी रोग की अंतिम अवस्था होती है।

इसमें पेट को छूने से पानी की लहरें स्पष्ट दिखाई देती है अगर आप पेट को छूते हैं तो आपको feel होता है कि आपके पेट में पानी है।  

पेट आपका काफी सुजा हुआ नजर आता है, पानी भरने से पेट मटके के समान आपका नजर आता है।

इसके अलावा और भी कुछ लक्षण है जिनको कि हम बता रहे हैं उसको जानें वह कौन से लक्षण है

 

पेट का फूलना jalodar Rog ki jinko samasya Hoti hai unka pet phula huwa rahata hai in Hindi

 

 

अगर आपका पेट फुला हुआ ज़्यादा नजर आता है तो इसका मतलब है कि आपके पेट में पानी भरा हुआ है। 

हालांकि कम पानी जब भरा रहता है तो उस समय जलोदर या जलंधर रोग या पेट में पानी भरने की जो समस्या होती है, वह नजर नहीं आती है।

जब पानी पेट में ज्यादा हो जाता है तब जलोदर का रोग हमें दिखाई देता है।

 

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पेट में ऐठन और मरोड़ होना ascites  due to infection in Hindi

पेट में अगर ऐंठन और मरोड़ होता है तो यह भी जलोदर का एक लक्षण माना जाता है।

अगर इस स्थिति में आपका पेट फुला हुआ है तो उम्मीद रहता है कि आपको जलोदर की शिकायत हो चुकी है।

 

पैर के निचले हिस्से में सूजन होना stomach me pani bhar jana 

पैर के निचले हिस्से में सूजन जलोदर के कारणों से भी होता है, यह जलोदर का लक्षण है।

 

वजन बढ़ना symptoms of ascites in Hindi

अगर आप के वजन में लगातार वृद्धि हो रही है तो भी आप जलोदर को लेकर के सतर्क हो जाएं और इसकी जांच करवाएं। 

 

चलने फिरने में तकलीफ का अनुभव होना pet me pani bharne se kya hota 

जिन लोगों को चलने फिरने में तकलीफ का अनुभव होता है उन्हें जलोदर को लेकर सतर्क रहना चाहिए।

अगर इसी स्थिति में उनका पेट भी फुला हुआ है तो हो सकता है कि उन्हें जलोदर की शिकायत हो इसके लिए उन्हें इसकी जांच करवा लेना चाहिए। Jalodar ka ilaj

 

उल्टी और मतली की स्थिति बने रहना

जलोदर का लक्षण के रूप में यह भी माना जाता है कि उल्टी और मतली आपको हमेशा बना रहता है, उस स्थिति में आपको जलोदर की जांच करवानी चाहिए।

 

पेट में दर्द बना रहना does ascites causes pain

पेट में दर्द अगर बना रहता है तो उस स्थिति में भी जलंधर की शिकायत हो सकती है।

 

जल्दी पेट भरने का एहसास जलोदर का एक लक्षण है jalodar ke pahchan 

जब हम खाना खाते हैं और लगता है कि हमारा पेट तुरंत ही भर गया तो इस स्थिति में हमें जलोदर को लेकर सतर्क होना चाहिए, यह भी एक जलंधर रोग की पहचान है।

अब तक हमने जाना कि जलोदर की पहचान क्या है, उसके कारण क्या है जलोदर या जलंधर या पेट में पानी भरना क्या कहलाता है।

अब हम बात करेंगे की जलोदर की समस्या अगर आपको हो गई है तो इस स्थिति में आप को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए तो सबसे पहले बात करते हैं कि जलोदर की स्थिति में हमें क्या खाना चाहिए

 

What food reduce ascites 

जलोदर या जलंधर रोग में पेट में पानी भरने वाले लोगों का आहार

जलोदर की स्थिति में क्या खाएं diet for a patient with ascites in Hindi

जलोदर होने पर क्या खाएं इसकी जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है

क्योंकि कोई भी उपचार तभी कारगर होता है जब व्यक्ति का खानपान सही होता है तो जलोदर के मरीज को क्या खाना चाहिए आइए जानते हैं

 

कम नमक वाले पदार्थ का सेवन करें 

जलोदर की समस्या जिनको है उनको अपने खानपान में कम नमक का सेवन करना चाहिए।

 

अनानास का करें सेवन pet mein pani bharane ka ilaaj

जिनको भी जलोदर की शिकायत है उन्हें अनानास का सेवन करना चाहिए।

अनानास एक – मूत्र वर्धक कहा गया है, यह शरीर को डिटॉक्स करता है

और लीवर और किडनी को भी स्वस्थ बनाता है जलोदर की स्थिति में इसको खाना बहुत ही लाभकारी है।

 

खट्टे फल जैसे संतरा, अंगूर का सेवन करना

 

जिन्हें जलोदर की समस्या है उन्हें खट्टे फलों का सेवन करना चाहिए, खट्टे फल मूत्र वर्धक होते हैं।

और हम बार-बार मूत्र वर्धक की बात इसलिए कर रहे हैं कि आपके पेट का जो तरल पदार्थ है वह आसानी से पेशाब के रास्ते बाहर आ जाता है।

 खट्टे फल के अतिरिक्त जो शरीर में जमा हुआ पानी रहता है उसको बाहर निकालने में मददगार होते हैं।

  

फाइबर युक्त आहार का सेवन करें how to reduce ascites naturally

अपने आहार में फाइबर युक्त चीजों को शामिल करें यह आपके जलोदर की स्थिति में जो इंफेक्शन की समस्या होती है उसको कम करने में बहुत ही सहायक होता है।

 

जलोदर होने की स्थिति में क्या नहीं खाना चाहिए food to avoid with ascites in Hindi

जलोदर होने की स्थिति में क्या खा सकते हैं यह आपने जाना अब हम जानते हैं कि जलोदर अगर है, हमें जालंधर की शिकायत है या फिर पेट में पानी भरने की शिकायत है ऐसे में किन चीजों से हमें परहेज करना चाहिए आइए इसको जानते हैं

 

नमक का सेवन कम करें jlodar rog ka upchar Namak se banaye. duri

जिन्हें जलोदर की शिकायत है उन्हें नमक का सेवन कम कर देना चाहिए।

 

अल्कोहल का सेवन बंद करें ascites treatment in Hindi

अगर अल्कोहल का इस्तेमाल करते हैं तो उससे आपके जलोदर की समस्या और बढ़ती है इसलिए अल्कोहल से दूर रहें।

तला- भुना खाने से परहेज करें  jalodar Rog se bachana hai to tala bhuna khane se karen parhez

अगर आप अपने खानपान में तला- भुना खाना इस्तेमाल करते हैं और साथ में जलंधर की शिकायत है तो यह आपके लिए बहुत ही हानिकारक है।

इसलिए आपको इस स्थिति में तला-भुना खाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि लीवर विकार के कारण जलोदर होने की संभावना रहती है।

 

फैटी लीवर जलोदर में वसायुक्त, मांस, दूध और दुग्ध उत्पाद के सेवन से बचें jlodar se bachane ke liye nuskhe

अगर आपको जलंधर की समस्या है तो इसका मतलब है कि आपका लीवर फैटी है इस स्थिति में मांस, वसायुक्त जो चीजें हैं उसे नहीं खाना चाहिए।

 इसके साथ ही दूध है दूध से बने उत्पाद हैं उनसे बचने की सलाह दी जाती है यानी जलंधर की स्थिति में आपको इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

 

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उच्च मात्रा में सोडियम वाले पदार्थों को ग्रहण करने से बचें jalodar Rog se bachana hai to sodium se kare prahej

 

जिन खाद्य पदार्थों में उच्च मात्रा में सोडियम होता है उसको खाने से आपको बचना है चाहे वह कोई भी पदार्थ क्यों न हो।

 

जलोदर को दूर करने के घरेलू नुस्खे jalodar ke gharelu upay

जलोदर के घरेलू उपचार क्या है आइए हम उसको जानते हैं कि वह कौन-कौन से उपचार हैं जिनको अमल में ला करके हम जलोदर के से बचाव कर सकते हैं तो आइए जानते हैं उन उपायों को

 

मेथी दाना है जलोदर का एक अच्छा घरेलू उपचार home treatment for ascites in Hindi

 

मेथी दाना जलोदर का कारगर उपचार माना जाता है। इसके लिए दो से तीन चम्मच मेथी दाना ले लीजिए और रात में उसको पानी में भिगो दीजिये।

 अब मेथी से पानी को छान लीजिए और इस पानी को पी लीजिए। रोज सुबह मेथी का पानी पीजिए, बहुत ही फायदा देता है।

 आप चाहे तो मेथी दाना भी खा सकते हैं।मेथी पेट संबंधी बीमारियों को दूर करने में घरेलू उपचार के रूप में माना गया है।

क्योंकि इसमें anti-cancer तत्व भी होते हैं इसलिए मेथी हमें काफी सुरक्षा प्रदान करता है

और इसके साथ ही मेथी एसाइटिस कोशिकाओं के प्रसार को रोकने में सक्षम माना गया है।

इसलिए भी मेथी का सेवन जलोदर रोग के उपचार में काफी कारगर साबित हो सकता है।

 

गाजर का रस जलोदर का है कारगर घरेलू नुस्खा jlodar Rog ka gharelu nuskha Gajar hai

तीन से चार गाजर ले लें और उसको जूसर में डालकर जूस बनाकर पी जाएं 

यह पेट में पानी भरने के घरेलू उपचार के रूप में जाना जाता है। इससे फैटी लीवर की समस्या भी कम होती है

 यह बात शोध में निकल कर आया है।एनबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक गाजर के रस का सेवन बहुत कुछ हद तक फैटी लीवर को कम करने में राहत देता है।

 इसके साथ ही जलोदर की समस्या को भी कम कर सकता है। इसलिए आप गाजर का भी सेवन कर सकते हैं।

 

मूली को न करें नजरअंदाज जलोदर का है यह अच्छा उपचार jalodar Rog Ka upchar radish..

Pet mein pani bharane ka ilaaj 

मूली जलोदर के रोग को दूर करने में काफी सहायक है। इसके लिए मूली को टुकड़े में काट लें और मूली का जूस निकाल लें।

 इसके बाद इसके जूस को आप थोड़ा सा नमक डालकर के पी सकते हैं एक तो यह बॉडी को डिटॉक्स करने का काम करता है।

 इसके अलावा फैटी लीवर की समस्या को भी कम करता है। इसलिए जलोदर से बचना चाहते हैं तो आप मूली का भी सेवन कर सकते हैं। 

 

करेला है जलोदर का रामबाण इलाज Jalodar Rog ka gharelu nuskha karela hai

 पेट में पानी भरने के इलाज के रूप में करेला का इस्तेमाल काफी कारगर रहेगा, इसके लिए करेले को छील लीजिए और उसका बीज निकालकर उसका जूस बना लें।

फिर उस जूस को आप नींबू का रस और नमक मिलाकर पी सकते हैं।यह फैटी लीवर को कम करता है।

इसके साथ ही जॉन्डिस की जिनको समस्या है उनके लिए भी बहुत ही उपयोगी होता है।

इसलिए जलोदर होने पर लोगों को करेले का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि फैटी लीवर जलोदर के मुख्य कारणों में एक माना जाता है।

 करेला फैटी लीवर को कम करता है, इसके साथ आप करेला अपने आहार में भी शामिल करिए यह बहुत ही फायदेमंद साबित होगा। 

 

कुल्थी की दाल का करें सेवन जलोदर rog ke gharelu upay

What is the best diet for Ascites

कुल्थी की दाल का सूप तैयार करके जलंधर की समस्या को कम किया जा सकता है।

इसके लिए कुल्थी की दाल को रात में पानी में भिगो दीजिये और सुबह इसका दाल बना लीजिए।

काली मिर्च, लहसुन और टमाटर को मिक्स कर लीजिएगा  खाने में अच्छा लगेगा।

उबली हुई कुलथी की दाल को पीसकर के पेस्ट बना लें और 3 से 4 मिनट तक इसे पकाएं इसके गुनगुना होने पर पी सकते हैं।

 

Is Ascites always serious

जलंधर की समस्या होने पर प्याज को करें इस्तेमाल jlodar Rog ke ilaaj ka Tarika pyaj hai

जलंधर रोग में प्याज का उपयोग किया जाता है। यह काफी लाभकारी है।

इससे फैटी लीवर की समस्या दूर होती है और साथ फैटी लीवर को प्याज नियंत्रित करता है।

इसलिए जलंधर के इलाज में प्याज को काफी कारगर माना गया है। प्याज में लीवर की सूजन को कम करने की क्षमता पाई गई है।

प्याज फैटी लीवर की भी समस्या को कम करता है इसलिए प्याज का सेवन आपको दिन के खाने में भी कर सकते हैं।

कच्चा प्याज काट कर के आप उसे खाइए आप के लिए काफी फायदेमंद रहेगा।

 

जलोदर रोग का अदरक है घरेलू इलाज Jalodar Rog ki prakritik chikitsa

अदरक को जलोदर रोग के घरेलू नुस्खे के रूप में जाना जाता है। इसके लिए अदरक को कुछ देर पानी में गर्म करें  जब पानी गुनगुना हो जाए तो उसे पी  लें।

 याद रखें उसमें शहद की मात्रा थोड़ा आप मिला दें,  आयुर्वेदिक दवा के रूप में भी अदरक के फायदे हैं।

 अदरक में मौजूद एंटीट्यूमर और एंटी कैंसर के गुण पाए जाते हैं जो कि कैंसर की कोशिकाओं को प्रसार होने में रोकते हैं।

इसलिए अदरक का उपचार जलंधर रोग के इलाज में किया जाता है जलोदर रोग के उपचार में अदरक का प्रयोग किया जाता है।

 

 पुनर्नवा का चूर्ण है कारगर उपाय  jalodar Rog ka ayurvedic upchar, jalodar Rog ka ayurvedic dava

पेट में पानी भरने का इलाज

पुनर्नवा का चूर्ण है जलंधर रोग का घरेलू नुस्खा

पुनर्नवा का जड़ ले लें, इसको महीन पीसकर के चूर्ण बना लें वैसे बाजार में भी यह चूर्ण मिलता है वहां से भी आप खरीद सकते हैं।

3 ग्राम चूर्ण गुनगुने पानी के साथ आपको खाना है यह मूत्रवर्धक होता है और इसके साथ एनीमिया की भी शिकायत दूर होती है।

कब्ज से बचाव होता है, इसलिए जलंधर रोग के लिए यह काफी कारगर होता है।

 

जलोदर रोग में लहसुन है कारगर घरेलू नुस्खा jalodar Rog Ke ayurvedic upay

जलोदर रोग में लहसुन कारगर घरेलू नुस्खे के रूप में जाना जाता है इसके लिए लहसुन की तीन- चार कलियां ले लें, इसे खाली पेट आप खा सकते हैं।

या इसका रस निकालकर के खाली पेट सुबह-सुबह  लहसुन का रस इस्तेमाल किया जा सकता हैं। लहसुन के प्रयोग से जलोदर रोग का उपचार किया जाता है।

लहसुन लीवर संबंधी नसों से जुड़ी समस्या को ठीक करने में सहायक है और लीवर संबंधी जो भी समस्या होती है नसों की वह जलोदर रोग का कारण माना जाता है।

इसके साथ ही एसाइटिस की समस्या में भी लहसुन को कारगर माना गया है, इस आधार पर जलोदर के रूप में लहसुन कारगर है।

 

मालिश जलोदर रोग का है उपचार Jalodar Rog ka ayurvedic treatment

जलोदर रोग की समस्या में मालिश को घरेलू नुस्खे के रूप में जाना जाता है। मालिश के माध्यम से जलोदर रोग की समस्या कम होती है।

इसके लिए दो चम्मच अरंडी का तेल ले लें या नारियल का तेल या बादाम का तेल जो भी आपके पास उपलब्ध हो।

 इन तेलों से 15 से 20 मिनट तक पेट पर हल्का- हल्का मालिश करिए और ऐसे ही छोड़ दीजिए।

अब प्रतिदिन इस तेल से मालिश करिए इसका फायदा नजर आने लगता है।

इस रोग में दर्द, थकान, मतली, चक्कर आना भूख की कमी सांस लेने में तकलीफ चलने फिरने में परेशानी और शरीर का वजन जो बढ़ता है यह सभी लक्षण होते हैं। इसलिए आप मालिश का प्रयोग कर सकते हैं। 

 

 

जलोदर की जांच कैसे की जाती है  Jalandhar Rog ki jaanch kaise ki jaati hai

अब हम बात करते हैं जलोदर की जांच को लेकर, जलोदर की जांच कैसे की जाती है तो जलोदर की जांच पेट पिचका करके या पेट दबा कर के भी कर सकते हैं।

इससे पेट फुला हुआ काफी लगता है और सूजन महसूस होती है तो ऐसे में निम्न जांच कराया जाता है।

सबसे पहला जांच मूत्र जांच होता है, पेशाब जांच होता है पेशाब जांच से पता चल जाता है कि हमें जलोदर की शिकायत है।

किडनी की जांच से यह पता चल जाता है कि उसकी कार्यक्षमता कैसी है। अगर कोई दिक्कत आता है तो इसका मतलब है कि जलोदर की शिकायत है।

पेट का अल्ट्रासाउंड जलोदर की जांच के लिए  किया जाता है, इससे स्थिति क्लियर हो जाती है कि हमारा जलोदर किस समस्या के कारण है।

जोखिम का अनुमान लगाने के लिए खून में प्रोटीन की उपस्थिति की जांच

पेट में मौजूद तरल पदार्थ की जांच के द्वारा भी जलोदर का पता लगाते हैं।खून में प्रोटीन की मात्रा से भी पता चल जाता है कि हमें जलोदर हुआ है या नहीं।

तो यह थी जलोदर की जांच कैसे की जाती है उसकी प्रक्रिया।अब हम बात करते हैं कि जलोदर के लिए हम किस तरह के योग का इस्तेमाल कर सकते हैं

 

पेट में पानी भरने का इलाज के रूप में निम्न प्रक्रिया करें Jalndhar (pet mein pani) ka ilaj

जलोदर के लिए योग yoga for ascites in Hindi

 

योग और एक्सरसाइज के बारे में तो हम सभी जानते हैं कि किसी भी बीमारी को दूर करने में काफी सहायक है।

योग से किसी बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है तो इसलिए जलोदर में भी योग करने की सलाह दी जाती है।

जलोदर के बारे में कहा जाता है कि समस्या चाहे कितनी भी जटिल होती है।

अगर सही तरीके से हम खानपान का इस्तेमाल करते हैं योग एक्सरसाइज करते हैं तो उसके द्वारा भी हमारा समस्या बहुत हद तक कम हो जाता है।

इसलिए हमें योग एक्सरसाइज पर विशेष ध्यान देना चाहिए और इसके लिए आप मयूरासन कर सकते हैं, जिसे पीकॉक आसान भी कहा जाता है।

इसके साथ ही लोलासन होता है, इससे भी जलंधर रोग में सहायक माना गया है। पद्मासन आप कर सकते हैं वह भी जलंधर रोग की समस्या में काफी प्रभावी होता है।

 बहुत जल्दी एक्सरसाइज को करने से हमारी समस्या कम होने लगती है।

 

जीवन शैली में बदलाव Does Ahscites causes pain

अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएं, इससे कोई भी रोग पर रोकथाम जल्दी लगता है।

जिससे परहेज करना है आपको वह है नमक। नमक का उपयोग कम करना है। यह आपके जलोदर के रूप को कम करने में काफी सहायक होगा।

अपने जीवन शैली में बदलाव करते हुए जो भी खानपान आपको ऊपर बताए गए हैं कि उनको खाने से जलोदर की समस्या कम हो सकती है उनको खाइए।

 जिन चीजों को आपको बताया गया है परहेज उन चीजों से परहेज करें जिससे जलोदर की समस्या से आप दूर रह सकते हैं। 

 

पेट में पानी भर जाता है तो क्या करना चाहिए

पेट में पानी भर जाता है तो कम नमक वाले आहार लेना चाहिए इससे पानी की मात्रा पर काबू पाया जा सकता है यदि पानी का अधिक मात्रा शरीर में है तो उसे बाहर निकाला जा सकता है।

 

क्या आयुर्वेद में जलोदर ठीक हो सकता है

जलोदर ठीक हो सकता है इसके लिए त्रिफला लेना चाहिए त्रिफला में शरीर के तरल पदार्थों को डिटॉक्स करने के क्षमता होती है

और यह मल त्याग को भी आसान बनाता है त्रिफला एक प्रभावी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिससे जलोदर का इलाज संभव है।

 

पेट में पानी होने पर क्या खाना चाहिए

अगर पानी भर गया है इसके अलावा पेट में किसी भी प्रकार का संक्रमण है तो इस स्थिति में हल्का भोजन करना चाहिए जैसे दलिया खिचड़ी चावल इससे इंफेक्शन दूर हो जाता है।

 

पेट की सूजन कम करने के लिए क्या खाना चाहिए

पेट की सूजन को कम करने के लिए काली मिर्च खाइए अदरक खा सकते हैं लौंग मेथी दाना सूजन कम करने का उपचार है।

 

आइए अब हम उन सवालों को जानते हैं जो लोग अक्सर पूछते हैं

 

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पेट में पानी भरने का इलाज क्या है 

कई मरीजों के पेट में पानी भर जाता है। ऐसे में कई लोगों के पेट में पानी भरने की शिकायत सुनी गई है, ऐसे में नमक को कम करके इस पर काबू पाया जा सकता है।

यदि पानी की मात्रा अधिक हो तो इसे निकाला जाता है साथ ही जो भी मुत्र वर्धक समान है जैसे अनानास है, लहसुन है, प्याज है।

इन सब चीजों का सेवन हमें नियमित रूप से करना चाहिए जिससे पेट में पानी भरने की समस्या में राहत पाए जा सके।

 

जलोदर कौन सी बीमारी को कहा जाता है jalodar Rog kis bimari ko kahate Hain

जलोदर पेट में पानी भरना या जलंधर रोग में उदर गुहा में पानी संचित हो जाता है इससे हमारा पेट बड़ा दिखता है जो कि जलोदर कहलाता है।

यह कोई रोग तो नहीं होता है लेकिन हमारे शरीर से उत्पन्न   विकार है। अगर आपका पेट फुला हुआ है तो जलोदर की जांच जरूर करवानी चाहिए।

 

पेट में पानी क्यों बोलता है jalodar Rog mein kya pet se awaz aati hai

पेट में आवाज आना तो कोई समस्या नहीं है लेकिन यदि ऐसा बार-बार होता है कि पेट से कुछ आवाज आती है तो इससे आप को हल्के में नहीं लेना है।

 खानपान की लापरवाही के कारण भी ऐसा हो सकता है एसिडिटी, गैस, खाली पेट होना सभी इसके कारण हो सकते हैं।

अगर बार-बार यह समस्या आ रही है तो इसकी जांच जरूर कराएं कहीं आपको जलोदर की समस्या तो नहीं है।

 

पेट टाइट होने के क्या कारण है jalodar kaise door karen 

पेट टाइट होना कई कारणों से हो सकता है। हार्मोन असंतुलन, बासी भोजन का सेवन, पेट में पानी या फ्लूइड का भर जाना इसके कारण हो सकते हैं।

  इसके साथ ही ज्यादा देर तक भूखे या कई घंटे तक एक जगह तक बैठे रहना पेट फूलने का कारण बनते हैं।

 

लिवर में सूजन के क्या लक्षण है Liver mein Sujan ka kya lakshan hai

लीवर में सूजन या लीवर के सिकुड़ने से हमें परेशानी होती है। थकान, कमजोरी, शरीर में हल्का दर्द पेट के बीचों-बीच और दाहिने हिस्से में दर्द और भारीपन की भी शिकायत होती है।

इसके लिए हम अपने जीवन शैली में अगर बदलाव करें योग एक्सरसाइज को अपनाएं खानपान में परिवर्तन करें तो इस परेशानी को हम आसानी से कम कर सकते हैं।

 

जलोदर के लक्षण क्या है Jlodar ki pahchan 

जलोदर के लक्षण आमतौर पर थकान, जी मिचलाना, दम फूलना, भूख न लगना, बार बर पेशाब लगना और कब्ज की समस्या होती है।

अगर यह संकेत देते हैं तो उसे नजरअंदाज नहीं करें और ऐसे में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

 

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पेट में पानी भरने से क्या दिक्कत आती है jalodar Rog hone par kya dikkat aati hai

पेट में पानी भरने से बहुत सारी दिक्कतें होती है, उन्हें इंफेक्शन हो जाता है इसके अलावा आहार नली और बीच की नली में ब्लीडिंग भी होता है।

कई बार यह लीवर कैंसर के रूप में सामने आता है , इसके साथ ही हैपेटिक एन्सेफेलोपैथी होता है।

पेट में पानी भरने से बहुत सारी समस्याएं आती है हमें थकान कमजोरी महसूस होती है।

इसके साथ ही हमारा किसी काम में मन नहीं लगता उसके साथ और भी समस्याएं उत्पन्न होने लगती है लीवर की समस्या हो जाती है जो कि कैंसर का रूप ले सकता है।

 

जलोदर के क्या कारण होते हैं ascites in Hindi,

जलोदर का मुख्य कारण लंबे समय तक शराब का सेवन करना है। इससे पेट में तरल पदार्थ जमा होने लगता है और उससे जलोदर रोग होता है।

इसके साथ ही हेपेटाइटिस बी और सी की जिनको शिकायत होती है उन्हें भी जलोदर की समस्या होती है।

इससे लीवर की नसों में रक्त का थक्का जमता है, अग्नाशय में सूजन होता है तो भी यह सभी जलोदर के कारण माने जाते हैं। पेट में संक्रमण है तो भी जलोदर होने का कारण माना जाता है।

 

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क्या जलोदर में पानी नहीं पीना चाहिए kya jalodar Rog mein Pani nahin Pina chahie

जलोदर में जापानी कंपनी सलाह देते हैं जिन्हें जलोदर वर्तमान में है और बढ़ा हुआ है तो ऐसी स्थिति में प्यास लगने पर उन्हें फलों का रस, दही का पानी, मखनिया ताजा, मट्ठा, गाय का दूध और मक्खन देना चाहिए।

इसके अलावा कुछ और पीने की सलाह नहीं दी जाती है जलोदर की समस्या में डॉक्टर पानी का सेवन कम करने की सलाह देते हैं।

और ऐसे में जलोदर की स्थिति पर निर्भर करता है कि पानी पीना कितना लाभकारी है।

 

जलोदर रोग की आयुर्वेदिक दवा pet mein Pani bhar Jana symptoms in Hindi

जलोदर रोग के आयुर्वेदिक दवा में सबसे अच्छा उपाय जो माना जाता है वह है खराब पित्त दोष का उन्मूलन यानी कि शुद्धिकरण सबसे अच्छा उपाय है।

जलोदर रोग की आयुर्वेदिक दवा के रूप में पतंजलि के तरफ से बताया गया है कि विरेचन का उपयोग करना चाहिए।

इसके लिए हफ्ते भर नित्य विरेचन देने का प्रावधान है और इसमें अच्छे आहार ग्रहण करने की बात भी कही जाती है।

नित्य विरेचन देने से 1,2 दस्त होने की भी संभावना रहती है लेकिन फिर भी नित्य विरेचन जारी रखा जाता है

जब तक पूरा शरीर शुद्ध नहीं हो जाता या आपका पेट हर तरह से साफ नहीं हो जाता। How to reduce ascites naturally

 

 

 

 

FINAL WORD

इस प्रकार आज के ब्लॉग के माध्यम से हमने जाना कि जलोदर क्यों होता है, इसके कारण क्या है, इसका लक्षण क्या है किन घरेलू नुस्खों की सहायता से हम जलोदर को दूर कर सकते हैं। उम्मीद है कि इस पर लिखा गया यह ब्लॉग आपके लिए काफी मददगार होगा हम आगे भी इसी तरह से स्वास्थ्य वर्धक लेख लाते रहेंगे पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद। 

 

Desclaimer

यह लेख आपकी जानकारी के लिए शेयर किया गया है आपसे विनम्र निवेदन है कि कोई भी घरेलू उपचार अपनाने से पहले डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।

 

 

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