Makhana kaise banta hai | दूध तथा मखाने खाने के 8 फायदे और 2 नुकसान Health vishesh fox nut

Makhana kaise banta hai |दूध तथा मखाने खाने के 8 फायदे और 2 नुकसान Health vishesh

 

इस लेख में मखाना कैसे बनता है दूध तथा मखाना खाने के फायदे और नुकसान क्या है मखाने से जुड़ी सभी जानकारी दी गई है

 

मखाना खाने में काफी स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है यह हमारी सेहत के लिए पौष्टिक खाद्य पदार्थ है मखाना कमल के बीज को कहा जाता है इसको कई अन्य नामों से भी जानते हैं जैसे फॉक्स नट, लोटस सीड, फूल मखाना, गोरगन नट। इसके बहुत सारे फायदे हैं जब हम इसके बीजों को भूनते हैं तो यह हमारे लिए पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण काफी फायदेमंद हो जाता है।

मखाना सूखे मेवे की श्रेणी में आता है यह भारत ही नहीं पूरे विश्व में इस्तेमाल किया जाता है। ज्यादातर लोग इसको भून कर खाना पसंद करते हैं।

कुछ लोगों को इसका खीर खाना अच्छा लगता है कुछ लोग खीर बना कर इसका सेवन करते हैं यह हमारी सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा लाभकारी होता है।

 

  मखाना के औषधीय गुण  |Makhana in Hindi

 मखाना के सेवन से बहुत सारी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है मखाना उच्च मूल्य का नगदी फसल होता है यह 12 महीने इसकी पैदावार होती है

 मखाना कमल के बीज से बनता है यह हमारे सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है बहुत सारे रोगों को ठीक करने में यह सहायक होता है।

जिसमें गुर्दे की समस्या पुराने दस्त, जिनको लिकोरिया की शिकायत है प्लीहा के फंक्शन है इन सभी बीमारियों में मखाना फायदेमंद है।

औषधि गुण के कारण तेजी से यह सुपर फूड के रूप में आगे बढ़ रहा है यह भारतीय पौष्टिक नाश्ता है।

मखाना पोषक तत्वों का भंडार होता है मखाना में मैग्नीज पोटैशियम प्रोटीन फॉस्फोरस मैग्नीशियम, थायमिन आदि पाए जाते हैं।

इसके साथ ही मखाना कच्चा और तला हुआ दोनों रूपों में खाया जा सकता है।

मखाना अमीनो एसिड से भरपूर होता है इसलिए इसे बच्चे बड़े सभी को नाश्ते में इस्तेमाल करना चाहिए।

 मखाना का उपयोग से आप कई तरह के व्यंजन बना सकते हैं मखाना से खीर बना लीजिए। करी बन सकता है रायता में भी मखाना डालते हैं।

मखाना पोषक तत्वों का भंडार है मखाने में अमीनो एसिड पाया जाता है यह बच्चे बड़े सभी के लिए बहुत ही लाभकारी है मखाना से खीर करी रायता और कटलेट जैसे व्यंजन बनाए जाते हैं।

 

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मखाना एक परिचय  | फाक्स नट्स (Fox Nut) in Hindi

 

मखाना कमल के बीज से पाया जाता है मखाना सबसे ज्यादा भारत के बिहार में होता है कमल के बीज में जो फली होता हैं प्रत्येक फल में 20 बीज होते हैं 40 दिनों के भीतर वह सुख करके परिपक्व हो जाते हैं।

इसके बाद बीजों को सुखा कर तेज आंच पर भून लिया जाता है जिससे कमल के बीजों का बाहरी काले रंग का फूल टूट जाता है और उसके अंदर से जो सफेद बीज निकलते हैं उसे ही हम मखाना कहते हैं।

 

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मखाना कैसे बनता है |Makhana kaise banta hai

मखाना के बीजों के बारे में आपने जाना कि मखाने का बीज कमल का ही बीज होता है। मखाने के बीजों को इकट्ठा करने के लिए कमल के फूल के बीजों को इकट्ठा किया जाता है।

आपने देखा होगा कि जहां भी ताल होता है उसमें कमल के फूल लगे होते हैं।

 एक फूल में 20-20 फली होती है यानी एक फूल में से 20 मखाने करीब निकलते हैं अगर फूल बड़ा होता है तो इससे अधिक भी मखाने निकलते हैं।

इसके लिए बांस की सहायता ली जाती है और कमल के पौधों को बाहर निकाला जाता है और इसके बीजों को इकट्ठा करने के बाद धूल लिया जाता है जिससे फूलों के ऊपर लगी गंदगी साफ हो जाती है।

फिर उन फूलों को चटाई पर सुखा दिया जाता है इसके बाद बड़े और छोटे फूलों को अलग-अलग रखा जाता है।

जब पूरी तरह से फूल सूख जाता है तब उसको फ्राइ किया जाता है जिससे मखाने या फूल मखाने बनाए जाते हैं।

मखाना बनाने का काम एक कठिन कार्य होता है मखाने के बीजों से फूल मखाना तैयार करने के लिए एक तय समय के अंदर ही सारे कार्य करने पड़ते हैं।

अगर इसको तैयार करने में लापरवाही होती है तो इसके खराब होने के चांस ज्यादा रहते हैं। इसके साथ ही फ्राई करने के बाद फिर इसे किसी कपड़े से ढक करके रखना पड़ता है।

 मखाना को फ्राई करने के बाद बांस की टोकरी में स्टोर किया जाता है तापमान को सही रखने के लिए मखाने की टोकरी के आसपास गोबर का लेप किया जाता है।

कुछ घंटे के पश्चात दोबारा फ्राई करके पहले की प्रक्रिया दोहराई जाती है अगर एक बार भुनने में बीज फट जाता है तो उसमें से सफेद मखाना बाहर निकलता है।

फिर उसे लकड़ी के तख़्तों पर इकट्ठा किया जाता है बहुत कड़ी मेहनत के बाद स्वादिष्ट मखाना तैयार होता है।

 

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मखाना की खेती |Makhana ki kheti

लगभग 90% मखाना की पैदावार भारत में होता है बिहार में मखाना सबसे ज्यादा उगाए जाते हैं। 

भारत की जलवायु के हिसाब से मखाना की खेती आसान होती है बिहार की जलवायु काफी उपयुक्त है। मखाना की खेती के लिए चिकनी मिट्टी सबसे अच्छा माना जाता है।

जलाशय में तालाब में जमीन पर रुके हुए पानी में इसकी अच्छी उपज होती है।

जहां धान की खेती होती है आपको पता है कि धान की खेती में कम से कम घुटने भर पानी होता है वैसे में वहां पर भी मखाना की खेती आसानी से किया जा सकता है।

भारत का जलवायु मखाना के लिए बहुत ही उपयुक्त है देश का 80% मखाना बिहार राज्य में उगाया जाता है इसके अलावा देश के उत्तरी पूर्व इलाके में भी इसकी खेती होती है।

मखाना की खेती के लिए अगर मिट्टी की बात करें तो चिकनी मिट्टी अधिक उपयुक्त होती है।

इसके साथ ही मखाना की खेती जलाशय में निकली जमीन पर जहां पानी रुका हुआ है वहां पर तालाबों में आसानी से होती है।

इसके साथ ही धान की खेती भी मखाना की खेती के लिए उपयुक्त होता है यानी धान की खेती में भी मखाना उगाया जा सकता है।

मखाना को उगाने के लिए तालाब या पोखरा की फिर उसमें बीजों को छिड़काव किया जाता है बीज ज्यादा दूरी पर नहीं होना चाहिए।

इस बात का ध्यान दिया जाता है कि एक दूसरे से दो बीजों में गैप न हो इसके बाद पौधे की देखभाल भी करनी पड़ती है।

इसकी खास विशेषता यह होती है कि जिस तालाब में एक बार मखाना की खेती की जाती है उसमें दुबारा मखाना का बीज डालने का जरूरत नहीं होता है क्योंकि पिछली फसल में नए पौधे उग जाता है।

 

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मखाना का पेड़ |Makhana ka ped

मखाना का पेड़ चिकनी और दोमट मिट्टी में उगाया जाता है मखाना एक जलीय पौधा है

मखाना की खेती के लिए चिकनी और दोमट मिट्टी अच्छा माना जाता है। मखाना की खेती करने से पहले दो तीन बार अच्छे तरीके से खेत जोताई करनी पड़ती है।

 

 

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मखाना का उपयोग |How to use Makhana in Hindi

 

मखाना कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है इसको भून करके इस्तेमाल किया जाता है। कई लोग मखाने का खीर बना कर खाना पसंद करते हैं।

कुछ लोग मखाने के सब्जी मटर और पनीर के साथ शामिल करके बनाते हैं।

इसे नाश्ते के रूप में सुबह और शाम दूध के साथ इस्तेमाल किया जाता है या ऐसे भून कर भी लोग नमक लगाकर खाते हैं।

 

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एक दिन में कितना मखाना खाना चाहिए

 मखाने की मात्रा की बात की जाए तो सामान्य तौर पर 20 से 30 ग्राम मखाने का उपयोग किया जा सकता है।

 

मखाना को अंग्रेजी में क्या कहते हैं | Makhana ko English me Kya kahate hai|

मखाना को अंग्रेजी में Fox nut कहते हैं।

 

मखाने के पोषक तत्व  

मखाना हमारे लिए बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक है इसमें फाइबर अच्छा पाया जाता है जिससे मल त्याग करने में आसानी होती है।

इसके साथ ही पोटेशियम भी इसमें होता है जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है।

 मखाना फाइबर से भरपूर है इसमें पोटेशियम पाया जाता है इस के सहयोग से मखाने के नियमित सेवन से आपको भूख नहीं लगती है।

इसमें फाइबर पाया जाता है ज्यादा जिससे पेट साफ रहता है मल त्याग करने में आसानी होता है। मखाना पोषक तत्वों का पावर हाउस है मखाना हमारे हृदय को स्वस्थ रखता है।

इसके साथ ही बहुत सारी बीमारियों से हमारी रक्षा करता है मखाना के सेवन से वजन नियंत्रित रहता है हृदय स्वस्थ रहता है और भी बहुत सारे फायदे हैं।

 

 

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मखाना में पोषक तत्व प्रति 100 ग्राम कितना पाया जाता है |Makhana Nutritional Value in Hindi

मखाना में पोषक तत्व प्रति 100 ग्राम बात करें तो इसमें कैलोरी 350 ग्राम होती है कैल्शियम 60 मिलीग्राम, मैग्नीशियम 350 मिलीग्राम पाया जाता है।

आयरन 1.4 मि. ग्राम, फाइबर 9.7 ग्राम, प्रोटीन 9.7 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 76 ग्राम, विटामिन के 1.7 ग्राम, थायमिन राइबोफ्लेविन नियासिन यह सभी तत्व पाए जाते हैं इसमें फैट 0.1 ग्राम पाया जाता है।

 

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ताल मखाना कैसे बनता है |Tal makhana kaise bnata hai

ताल मखाना बहुत आसानी से तालाब के किनारे मिल जाता है या नदी के किनारे पाया जाता है इसके पत्ते स्वाद में काफी मीठे होते हैं लेकिन इसके बीज स्वाद में कड़वे होते हैं

यह औषधीय पौधा कहा गया है जिसे कोकिलाक्ष भी कहते हैं हिंदी में इसे ताल मखाना कहते हैं।

 ताल मखाना आयुर्वेद में औषधि रूप में प्रयोग किया जाता है यह सुजन गठिया मूत्र रोग जैसी परेशानियों के लिए बहुत ही लाभकारी है। इसके अनेक फायदे होते हैं।

इसके साथ ही ताल मखाना अन्य रोगों में भी सहायक होता है ताल मखाना सुजन पाइल्स पित्त संबंधी समस्या प्यास जिनको ज्यादा लगती है

दर्द रहता है पीलिया है पांडु रोग है पेट संबंधी रोग है पेट का फूलना है मूत्र विकार है जलन या गठिया या मधुमेह आंखों की बीमारी तथा रक्त दोष को कम करने में मदद करता है।

इसका बीज कड़वा होता है और यह ठंडा तासीर का होता है कमजोरी को दूर करने में यह काफी सहायक होता है।

ताल मखाना मीठा, अम्लीय गुण वाला पित्त को शांत करने वाला बल कारक, खाने में रुचि बढ़ाने वाला वात और कफ को कम करने में सहायक होता है।

 

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मखाना और ताल मखाना में क्या अंतर होता है

मखाना और ताल मखाना के बारे में बता दें कि यह दोनों एक चीज नहीं है। मखाना पॉपकॉर्न की तरह दिखता जरूर है यह सफेद होता है।

लेकिन कोकिलाक्ष यानी ताल मखाने का बीज तिल की तरह दिखता है यह भूरे रंग का होता है।

 इन दोनों का अंतर सबसे ज्यादा यह है कि मखाने और ताल मखाने के पौधे एक दूसरे से भिन्न होते हैं और उनके फल भी अलग होते हैं।

 

मखाना खाने से क्या होता है |Makhana khane se kya hota hai

मखाना खाने से हमारा सेहत सही रहता है सुबह खाली पेट अगर मखाना खाते हैं तो यह काफी फायदेमंद होता है।

मखाना में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जिसके वजह से हमारी हड्डियां मजबूत होती है सुबह के समय नाश्ते में आप मखाना खाते हैं तो बहुत ही फायदा देता है।

मखाने में कोलेस्ट्रॉल फैट और सोडियम की अच्छी मात्रा होती है जिसके कारण उसे सेहत के लिए अच्छा कहा गया है और हेल्दी स्नैक के रूप में भी उसे जाना जाता है

मखाने में एंटी एक्सीडेंट्स और एंटीबैक्टीरियल विशेषता पाए जाते हैं मखाना में कई प्रकार के औषधीय गुण के कारण यह हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।

 

 

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मखाना खाने के फायदे और नुकसान |Makhana khane ke fayde aur nuksan

 

मखाना में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं आयुर्वेद के लिए भी मखाना बहुत ही लाभकारी होता है कई रोगों के उपचार में इसका इस्तेमाल होता है।

मखाना का उपयोग करने से हमारा सेहत सही रहता है लेकिन यहीं पर अब आपको यह भी बताना चाहेंगे कि अगर मखाना का ज्यादा मात्रा में प्रयोग करते हैं

तो यह आपके लिए हानिकारक भी हो सकता है आईए जानते हैं मखाना खाने के फायदे और नुकसान के बारे में सबसे पहले जानेंगे कि मखाना खाने के फायदे क्या है

 

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मखाना खाने के 8 फायदे| |Mukhana khane ke fayde |phool makhana khane ke fayde 

 मखाना एक पौष्टिक फल होता है इसमें पोषक तत्वों से युक्त प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट विटामिन और खनिज शामिल होते हैं

यह हमारे शरीर को बहुत सारा लाभ पहुंचता है मखाना पौष्टिक और स्वस्थ आहार होता है।

मखाना हृदय को स्वस्थ रखता है मखाना में पाए जाने वाले विटामिन ए मैग्नीशियम हमारे हृदय के लिए बहुत ही अच्छा होता है और यह उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए भी काफी लाभदायक होता है।

 

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1 पाचन तंत्र को मखाना संतुलित रखता है

  मखाना पाचन तंत्र के लिए संतुलित होता है बॉडी को डिटॉक्स करता है शरीर के वसा को बाहर निकलता है।

खाने में अगर मखाना खाते हैं तो इससे आपको भूख कम लगती है क्योंकि इसमें फाइबर पाया जाता है।

 

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2 वजन को करता है कंट्रोल

मखाना के फायदे की जब बात करते हैं तो वजन घटाने के लिए बेहतर विकल्प है।

यह नमकीन और मीठे स्नेक्स की तुलना में बहुत ही फायदेमंद होता है।इसको खाने से आपके शरीर में कम कैलोरी जाती है।

 

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3 डायबिटीज वालों के लिए मखाना के फायदे

जो डायबिटीज के पेशेंट है उनके लिए मखाना फायदेमंद है यह इन्सुलिन सेंसटिविटी को काफी बढ़ाता है और मधुमेह के लक्षण को कम करता है।

 

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4 किडनी के लिए मखाना के फायदा

मखाना किडनी के लिए फायदेमंद होता है किडनी से जुड़ी परेशानियों में मखाना बचाव करता है। इसलिए किडनी के रोगी को मखाना जरूर खाना चाहिए।

 

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 5 मसूड़े के सूजन के लिए फायदेमंद होता है

मखाना में एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण पाया जाता है इसकी वजह से मसूड़े संबंधित सूजन या दांतों की सड़न को रोकने में यह मददगार होता है।

 

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6 अनिद्रा में मखाने का लाभ

 अनिद्रा में मखाना खाना चाहिए यह अनिद्रा रोग में फायदेमंद होता है। इसके सेवन से नींद नहीं आने की बीमारी दूर होने लगती है।

 

7 ब्लड प्रेशर में मखाना का फायदा

 ब्लड प्रेशर में मखाना का फायदा बहुत ज्यादा होता है कारण यह है कि इसमें हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को नियंत्रित करने का गुण पाया जाता है।

इसलिए ब्लड प्रेशर जिनका ज्यादा रहता है उन्हें मखाना का सेवन करना चाहिए।

 यह मखाना उच्च रक्तचाप और मोटापा है रोग को दूर करने में सहायक होता है मखाना

 

8 मानसिक स्वास्थ्य के लिए मखाना के फायदे

मखाना खाने से सेरोटोनिन नामक एक अमीनो एसिड उत्पन्न होता है जिससे तनाव से निपटने में मदद मिलता है इससे आपकी मानसिक स्वास्थ्य भी सही होते हैं।

 

 दूध और मखाना खाने का क्या फायदा होता है | Dudh aur makhana khane ke fayde

दूध और मखाना खाने के फायदे यह है कि इसमें पोषक तत्वों की मात्रा पाई जाती है जैसे कैल्शियम है खनिज है अन्य आवश्यक पोषक तत्व है यह हमारे लिए काफी सेहतमंद होते हैं

अगर दूध के साथ मखाना लेते हैं तो यह हमारे लिए बहुत लाभकारी होता है और बहुत ही स्वादिष्ट पेय पदार्थ हो जाता है।

1 दूध और मखाना खाने से वजन नियंत्रित रहता है 2 डायबिटीज के लिए फायदेमंद है 3 ब्लड प्रेशर में फायदेमंद है 4 कोलेस्ट्रॉल को काम करता है 5 हृदय के लिए फायदेमंद है 6 प्रोटीन का अच्छा स्रोत है 7 दूध में मखाना फायदेमंद है 8 मसूड़े के लिए मखाना लाभप्रद है एंटी एजिंग में।

 

 सुबह खाली पेट मखाना खाने के फायदे|Subah khali pet makhane khane ke fayde

 मखाना खाने के फायदे की जब बात की जाती है तो आपको बता दें कि सुबह खाली पेट अगर मखाना खाते हैं।

तो हमारा हेल्थ सही रहता है पाचन तंत्र बूस्ट होता है। हड्डियां मजबूत होती है और वजन कंट्रोल में रहता है।

 

 डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद है

हड्डियां मजबूत होती है वजन कंट्रोल में रहता है और इम्यूनिटी हमारी तेजी से बढ़ती है इसलिए मखाना खाना चाहिए।

 

 प्रेगनेंसी में मखाना खाने के फायदे|Pregnancy mein makhana khane ke fayde

 प्रेगनेंसी यानी कि गर्भावस्था में मखाना खाना चाहिए या नहीं तो आपको बता दें कि प्रेगनेंसी में मखाना खाना चाहिए बहुत ही फायदेमंद होता है।

 अगर आप गर्भवती है तो अपने आहार में मखाना को जरूर शामिल करें मखाना आपको किसी भी पंसारी की दुकान पर आसानी से मिल जाता है।

यह बच्चे के मस्तिष्क के तंत्रिका तंत्र के विकास में काफी सहायक होता है इसलिए इसे खाने में जरूर खाएं।

 

 अब बात करते हैं मखाना खाने से नुकसान क्या होता है तो आइए जानते हैं मखाना खाने के नुकसान क्या है

 

मखाना खाने के नुकसान |Makhana khane ke nuksan|Side effects of Makhana in Hindi

 

मखाना खाने के फायदे को तो आपने जाना लेकिन जब हम अधिक मात्रा में इसका सेवन करते हैं तो यह हमें फायदे की जगह नुकसान देता है इसके अलावा कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें मखाना का सेवन नहीं करना चाहिए।

1 मखाना खाने से पाचन संबंधी समस्या हो सकती है

जैसे कब्ज गैस पेट फूलना यह सभी समस्या आ जाती है इसका अधिक सेवन करने से बचना चाहिए।

 

2 अधिक सेवन से एलर्जी भी हो सकता है

जिन लोगों को एसिडिटी की समस्या होती है उन्हें मखाने का सेवन कम करना चाहिए।

कोशिश करना चाहिए कि जिन्हें किसी तरह की मखाने का सेवन करने से दिक्कत है तो उन्हें कम मात्रा में खाना चाहिए।

 

दूध और मखाना खाने का नुकसान|Dudh aur makhana khane ke nuksan

 

दूध और मखाना खाने की जब बात आती है कि दूध और मखाना खाने के बहुत सारे फायदे हैं क्योंकि इसमें पोषक तत्व होता है

 और जब यहां नुकसान की बात कही जाती है तो आपको बता दूं कि दूध आपके शरीर के लिए पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है जिसमें कैल्शियम प्रोटीन और विटामिन डी पाया जाता है इसके साथ इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती है इससे इम्यूनिटी आपकी बूस्ट होती है।

दूध के साथ मखाना लेते हैं तो और भी लाभप्रद हो जाता है प्रोटीन मिनरल और विटामिन का ही अच्छा स्रोत होता है और बीमारियों से लड़ने में आपको मदद भी मिलता है

 साथ ही यह फाइबर युक्त अच्छा नाश्ता होता है वजन आपका नियंत्रित रहता है लेकिन कुछ लोगों को दूध और मखाना अगर खाते हैं तो एलर्जी हो सकती है। जिन्हें एलर्जी के शिकायत होती है उन्हें दूध और मखाना नहीं खाना चाहिए।

एलर्जी में कुछ लोगों को पेट में गैस हो सकता है पेट में दर्द होने लगता है अगर इस तरह की कोई भी शिकायत हो तो डॉक्टर की सलाह तुरंत लेना चाहिए।

वैसे दूध और मखाने  सेवन के कोई विशेष नुकसान नहीं होते हैं लेकिन आपके शरीर के लिए यह फायदेमंद है या नहीं या आपको एलर्जी की समस्या हो रही है यह आपको ध्यान देना चाहिए।

 

सही मखाने का चयन कैसे करें

 मखाने को खरीदते समय ध्यान दें कि मखाना बहुत पुराना न हो नहीं तो उसके अंदर कीड़े होने की संभावना रहती है।

इस बात का भी आपको ध्यान देना है कि कहीं उसमें नमी तो नहीं आ गई है सड़ तो नहीं गया है

 इसलिए कोशिश यही करें कि पैकेट बंद मखाने को ही खरीदे और अच्छी दुकान से ही मखाने को खरीदें।

 

मखाने को स्टोर करने का तरीका

 मखाने को स्टोर करने के लिए एयर टाइट कंटेनर या डिब्बे में बंद करके रखना चाहिए इससे उसमें हवा नहीं लगती है

इसके साथ ही दूसरा उपाय है कि इसे नमक के साथ भून कर डब्बे में रखा जा सकता है।

इसे खुली हवा और सूर्य की रोशनी से दूर रखना चाहिए इसे फ्रीज में नहीं रखना चाहिए वर्ना यह नर्म हो जाता है और जल्दी खराब हो जाता है।

 

 

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 मखाना से संबंधित पूछे जाने वाले सवाल

 

मखाना कौन नहीं खा सकता है

अधिकतर लोग मखाना का सकते हैं लेकिन जिन्हें  एलर्जी एसिडिटी की समस्या है उन्हें मखाना खाने से बचना चाहिए।

 

मखाना का साइड इफेक्ट क्या होता है

मखाना खाने का साइड इफेक्ट की बात करें तो पाचन संबंधी समस्या बढ़ी हुई गर्मी या त्वचा में एलर्जी की समस्या भी हो सकती है।

 

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मखाना कब नहीं खाना चाहिए

जिनका पेट कमजोर होता है उन्हें मखाना खाने से बचना चाहिए किडनी स्टोन की दिक्कत में मखाना नहीं खाना चाहिए डायरिया वालों को भी मखाना नहीं खाना चाहिए।

 

क्या मखाना और कमल का बीज एक ही है

जी हां कमल का बीज और मखाना एक ही है।

 

 मखाना की तासीर कैसी होती है

 मखाना की तासीर गर्म होती है।

 

मखाना किन लोगों को नहीं खाना चाहिए

 जिन लोगों को एसिडिटी होती है उन्हें मखाना नहीं खाना चाहिए यह प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होता है।इसको खाने से गैस की दिक्कत भी हो सकती है। अगर आप दवाइयां का इस्तेमाल करते हैं तो मखाना नहीं खाना चाहिए।

 

क्या मखाना कमल के बीज से बनता है

जी हां मखाना कमल के बीज से बनता है कमल के फूल के हिस्से बाजार में भी मिलते हैं। कमल  के पौधों का तना पानी के नीचे होता है इसके अलावा पूजा में इसका फूल और पत्ता इस्तेमाल किया जाता है।

 

मखाना का दूसरा नाम क्या है

मखाना को फॉक्स नट fox nut भी कहते हैं और लावा और फूल मखाना के नाम से भी जानते हैं इसमें मैग्नीशियम पोटेशियम फॉस्फोरस ज्यादा मात्रा में  होते हैं। सोडियम वसा और कोलेस्ट्रॉल कम मात्रा में पाया जाता है इसमें एंटी एक्सीडेंट्स और एंटीबैक्टीरियल  गुण भी पाए जाते हैं।

 

 

इस प्रकार आज के लेख के माध्यम से हमने जाना कि Makhana kaise banta hai | दूध तथा मखाने खाने के 8 फायदे और 2 नुकसान Health vishesh उम्मीद है कि उसे पर लिखा गया या लेख आपको पसंद आया होगा हम आगे भी इसी तरह ज्ञानवर्धक लेख लाते रहेंगे पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

 

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यह लेख आपकी जानकारी के लिए शेयर किया गया है आपसे विनम्र निवेदन है कि कोई भी घरेलू उपचार अपनाने से पहले डॉक्टर से संपर्क जरूर करें धन्यवाद।

 

 

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