Sattu kaise banta hai | सत्तू खाने का तरीका, 11 फायदे और 3 नुकसान | Sattu khane ke fayde health vishesh

Sattu kaise banta hai | सत्तू खाने का तरीका, 11 फायदे और 3 नुकसान | Sattu khane ke fayde health vishesh

 

 इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि सत्तू खाने के 11 फायदे और 3 नुकसान क्या है (sattu khane ke fayde) सत्तू खाने का तरीका (Sattu kya hota hai,sattu kaise banta hai) क्या है चने के सत्तू के पोषक तत्व क्या होते हैं

 

सत्तू क्या है |Sattu kya hai

 सत्तू इसके बारे में हम अनजान नहीं है क्योंकि सत्तू को बड़े ही चाव के साथ लोग खाना पसंद करते हैं। यूपी और बिहार में तो सत्तू खाने के लोग काफी दीवाने होते हैं लेकिन आज के समय में हर जगह सत्तू का इस्तेमाल किया जाता है गर्मियों में सत्तू का सेवन करते हैं अगर आप तो लू और गर्मी के प्रकोप से आसानी से बच सकते हैं।

 पहले सत्तू गरीबों की थाली का भोजन हुआ करता था लेकिन आज के समय में सत्तू अमीरों की थाली का भी भोजन हो गया है सत्तू के बारे में हम आपको बता दें कि सत्तू भारत का सबसे पुराना इंस्टैंट फूड है

सत्तू की गुणवत्ता को देखते हुए इस सुपर फूड का नाम भी दिया गया है बिहार में इसे बिहार के टॉनिक के रूप में जाना जाता है इसको खाने से बहुत ही ऊर्जा मिलती है।

 जितना भी गरीब वर्ग मजदूर वर्ग के लोग होते थे वह सत्तू खाकर काम पर निकल जाते थे इससे पूरे दिन उनको पोषक तत्व मिला करता था और उनकी जेब भी हल्की बनी रहती थी

क्योंकि इसको खाने से पूरे दिन उनको ऊर्जा मिला करता था इसको पकाने की भी जरूरत नहीं होती है इसको आप तुरंत तैयार करके खा भी सकते हैं।

 इससे शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है बिहार और यूपी में गर्मी के दिनों में इसका शीतल पेय काफी बिकता है

अगर आप प्रोटीन युक्त आहार की खोज में है और दैनिक रूप से आपको प्रोटीन की कमी है तो सत्तू आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है

सत्तू एक देशी समाधान है प्रोटीन के लिए इसे लड्डू बना कर खाया जाता है सत्तू को पानी में घोलकर खाया जाता है इसके अलावा सत्तू के पराठे सत्तू के लिट्टी खाये जाते हैं जो काफी ऊर्जावान होते हैं पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं

सत्तू का मीठा या नमकीन पेय बना कर भी लिया जाता है यह प्रोटीन की कमी को तेजी से पूरा करता है।

गर्मियों में लोग सत्तू का सेवन बहुत ही पसंद से करते हैं इसका शर्बत बनाकर लेते हैं जिसमें प्याज धनिया का भी उपयोग किया जाता है जो इसे और टेस्टी बना देता है

 सत्तू पोषक तत्वों का भंडार है कई बीमारियों के इलाज में भी मदद करता है बहुत से लोग सत्तू दलिया का भी सेवन करते हैं यह हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है

कोलेस्ट्रॉल को कम करता है पाचन में सुधार करता है रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है इसके साथ ही सत्तू के अन्य भी बहुत सारे फायदे होते हैं जिनको हम आगे जानेंगे उससे पहले हम आपको बता दें कि सत्तू को अंग्रेजी में क्या कहते हैं

 

सत्तू को अंग्रेजी में क्या कहते हैं |Sattu meaning in english 

 सत्तू को अंग्रेजी में क्या कहते हैं यह प्रश्न आता है तो ऐसे में हम आपको बता दें कि सत्तू को रोस्टेड ग्राम फ्लोर या बंगाल ग्राम फ्लोर के नाम से जाना जाता है

 सत्तू को भुने हुए बेसन rosted gram flour या बंगाल बेसन Bengal gram flour के रूप में भी जाना जाता है चना एक फली होता है सत्तू को बनाने के लिए चने को भून कर पीसा जाता है इससे सत्तू का आटा तैयार होता है

 सत्तू एक प्रकार का आटा होता है जिसका उपयोग प्राचीन समय से ही भारत में किया जाता है इसमें भुना हुआ दाल और अनाज का मिश्रण होता है

 सत्तू का प्रयोग शाकाहारी भोजन में ज्यादा होता है यह प्रोटीन का बहुत ही अच्छा स्रोत है

 

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चने के सत्तू के पोषक तत्व |Sattu nutritional value

 

  चने का सत्तू पोषक तत्वों से भरपूर प्रोटीन का स्रोत है यह हमें ऊर्जा देता है इसके साथ ही अन्य बीमारियों में भी यह काफी फायदेमंद होता है इसमें कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं आइए जानते हैं

 

सत्तू में पाए जाने वाले पोषक तत्व

 1 सत्तू में 360 से लेकर 390 कैलोरी होती है

2 इसमें कैल्शियम 110 मिलीग्राम होता है

3 आयरन 5.6 मिलीग्राम होता है

4  प्रोटीन 20 से 30 ग्राम होता है

5 कार्बोहाइड्रेट 55 से 60 ग्राम होता है

 6 विटामिन सी 1 मिलीग्राम होता है विटामिन बी 60.5 मिलीग्राम होता है

7 थायमीन 0.6 मिलीग्राम होता है

8 सत्तू में फास्फोरस 330 मिलीग्राम होता है

9 नियासिन 1.5 मिलीग्राम पाया जाता है

 10 राइबोफ्लेविन 0.2 मिलीग्राम पाया जाता है

 

चने का सत्तू हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद होता है क्योंकि यह हमें ऊर्जा तो देता ही है इसके साथ हमारे शरीर को अन्य पोषक तत्व भी देता है जिसमें कैल्शियम आयरन प्रोटीन विटामिन सी विटामिन b 6 फास्फोरस प्रचुर मात्रा में होता है

 

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सत्तू में प्रोटीन की मात्रा | Sattu protein per 100g 

 सत्तू में प्रोटीन की मात्रा सत्तू के मात्रा के ऊपर डिपेंड करता है अगर आपको 100 ग्राम सत्तू लेना है तो उसमें 20 से 25 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है।

 प्रोटीन की मात्रा सत्तू के प्रकार पर भी डिपेंड करती है यह वसा और कार्बोहाइड्रेट के समान ही मात्रा में होता है

 सत्तू कितने प्रकार के होते हैं सत्तू दो प्रकार का होता है चने का सत्तू जौ मिला कर सत्तू चना और जौ को पीसकर भी मिक्स करके सत्तू बनाया जाता है।

 सत्तू का शरबत आप अपनी पसंद के हिसाब से पी सकते हैं चाहे तो आप सत्तू का शरबत मीठा बना सकते हैं। आप चाहे तो उसे नमकीन बना कर भी ले सकते हैं दोनों रूपों में सत्तू फायदेमंद है अब बात करते हैं कि सत्तू बनता कैसे हैं आइए जानते हैं 

 

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 सत्तू कैसे बनता है |Sattu kaise banate hai

 सत्तू कैसे बनता है Sattu kaise banta hai सत्तू बनाने के लिए दो तरीके हैं जिसे जानना जरूरी है सत्तू बनाने का पहला तरीका क्या है वह यह है कि चने को सुखा भूनकर के तैयार किया जाता है ज्यादातर जौ या चने की दाल को पीस कर पाउडर बना दिया जाता है और यही होता है सत्तू

केवल चने का सत्तू भी बनाया जाता है चने के सत्तू में चने के सत्तू को बनाने के लिए सूखे चने को भून लिया जाता है या चने की दाल को भून लिया जाता है और उसे भून कर महीन पाउडर तैयार कर लिया जाता है जिसे हम सत्तू कहते हैं

सत्तू गर्मियों के लिए बहुत ही लाभकारी होता है इससे टेस्टी पराठा बनाते हैं लिट्टी बनाया जाता है बाजारों में आसानी से सत्तू मिल जाता है लेकिन इसमें वह खुशबू नहीं होती है क्योंकि इसमें कुछ न कुछ मिलावट हो जाता है जो घर के बने सत्तू में आती है

सत्तू केवल चने का भी बनाया जाता है और जौ और गेहूं से भी सत्तू बनाया जाता है तो आज हम यह जानेंगे कि सत्तू को घर पर कैसे बनाते हैं

  सत्तू को आप आसानी से घर पर बना सकते हैं इसके लिए आप जौ और चने को भून कर पाउडर तैयार कर महीन पीस कर तैयार कर ले यह भी सत्तू है

और ज्यादातर लोग केवल चने की दाल को भून कर पीसकर सत्तू बनाते हैं या केवल चने का सत्तू होता है इस तरह से सत्तू तैयार किया जाता है सत्तू बनाने के लिए आपको कितनी सामग्री लेनी होगी लिए उसको जान लेते हैं

 

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सत्तू बनाने की सामग्री

सत्तू बनाने के लिए 500 ग्राम चना दाल ले लीजिए 100 ग्राम पोहा ले लीजिए 100 ग्राम गेहूं ले लीजिए 100 ग्राम मूंग दाल 100 ग्राम सोयाबीन 2 टी स्पून इलायची पाउडर ले लीजिए अब हम इसको सत्तू कैसे बनाएंगे आइए जानते हैं

 

सत्तू बनाने की विधि | चने का सत्तू कैसे बनाते हैं |sattu banane ki vidhi

सत्तू बनाने के लिए सामग्री को हमने जाना अब हम यह जानेंगे कि सत्तू कैसे बनाते हैं इसके लिए दो तरीके हैं आइए जानते हैं सत्तू बनाने का पहला तरीका क्या है

 

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सत्तू बनाने का पहला तरीका |Sattu kaise banta hai

सत्तू बनाने के लिए ऊपर बताए गए सभी अनाजों को एक बड़े कढ़ाई में सुखा सभी चीजों को भूनने के बाद मिक्सर में डाल कर पीस लें।

 फिर उसे मोटे हिस्से को निकालने के लिए छननी से छान लें जो महीन पाउडर हो गया है उसे अलग जार में रख लें और जो मोटा है उसे फिर दुबारा पीस लें

इस पिसे हुए सत्तू को आप गुड़ के साथ खा सकते हैं दूध के साथ खा सकते हैं नाश्ते के रूप में ले सकते हैं पराठा बनाकर खा सकते हैं कचौड़ी बनाकर खा सकते हैं इसे आप कैसे भी खाएं यह काफी आपके लिए फायदेमंद होता है

अब जानते हैं सत्तू बनाने का दूसरा तरीका क्या है

 

सत्तू बनाने का दूसरा तरीका |Chane ka Sattu kaise banta hai |चना सत्तू 

सत्तू बनाने का दूसरा तरीका के बारे में हम आपको बता दें कि इसके लिए आपको करना यह है कि काला चना ले लीजिए और जीरा ले लीजिए चने का सत्तू बनाने के लिए चने को पानी में डालकर आधा घंटा भिगो दें इसके बाद इसे पानी से निकाल कर धूप में सुखाएं जब चना अच्छी तरह से सुख जाए तो इसे थोड़े से बालू में डालकर भून लें

 अगर बालू नहीं है तो आप नमक डाल कर भी भून सकते हैं अब आप देखेंगे कि चने के छिलके आसानी से निकल रहे हैं तो इसके बाद आप चने को छान लें और उसे बड़े बर्तन में रखें जिससे नमक अलग हो जाएगा और चना अलग हो जाएगा जब वह ठंडा हो जाए तो उसे दरदरा कर दें और फिर उसे फटक कर छिलका हटा दें

 इसके बाद थोड़ा चना और जीरा लेकर पीसेंगे अब सत्तू तैयार है इसे आप पसंद के अनुसार उपयोग करें

 

चने के सत्तू का उपयोग

 बहुत से लोग सत्तू को पानी में घोलकर रोज सुबह खाली पेट पीना पसंद करते हैं इससे पाचन क्रिया में सुधार होता है इससे विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकलते हैं आप कई बीमारियों से बचे रह सकते हैं यह सत्तू आपके लिए काफी उपयोगी होता है।

 

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चना सत्तू खाने का तरीका

सत्तू कैसे खाते हैं इसको भी जान लेते हैं सत्तू खाने के लिए एक गिलास पानी में दो बड़ा चम्मच सत्तू स्वाद के अनुसार नमक डाल कर काली मिर्च डालें जीरा पाउडर डालने के बाद् नींबू मिलाकर आप इसका शरबत तैयार कर सकते हैं और इसे आप पी सकते हैं यह बहुत फायदेमंद होता है

इसके साथ ही आप इसे पराठे के रूप में भी खा सकते हैं सत्तू को लेकर पराठा बना कर आटे में भरकर पराठा बना लें और इसको खाएं

इसमें आयरन सोडियम फाइबर मैंगनीज प्रोटीन मैग्नीशियम पाया जाता है अगर आप पानी में थोड़ा सा नमक और नींबू मिलाकर इसे पीते हैं तो यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और आपके शरीर को तुरंत ऊर्जा भी देता है

 

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सत्तू खाने के फायदे और नुकसान |Sattu khane ke fayde aur nuksan

 सत्तू भारत का सबसे प्राचीन भोजन है सत्तू दलिया चना गेहूं और जौ से बनता है इसे ताजा रखने की कोशिश की जाती है इसके लिए इसे पकाया नहीं जाता है इसी वजह से इसके पोषक तत्व इसमें मौजूद रहते हैं यह हमारे सेहत के लिए बहुत ही पौष्टिक खाद्य पदार्थ है अगर हम इसे प्रतिदिन अपने आहार में शामिल करते हैं तो यह हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद होता है यह दलिया चना गेहूं के आटे से बनाया जाता है चने के सत्तू के फायदे और नुकसान के बारे में आइए जानते हैं सत्तू के सबसे पहले हम सत्तू के फायदे को जानेंगे आइए जानते हैं सत्तू के फायदे क्या है

 

सत्तू के फायदे |Sattu khane ke fayde

सत्तू का सेवन हर जगह किया जाता है खासतौर से यूपी और बिहार में इसके विशिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं यह स्वाद में ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होता है

 

1 गर्मी के दिन में सत्तू के फायदे

 गर्मी के दिन में अगर सत्तू का प्रयोग करते हैं तो इससे लू लगने का खतरा कम होता है क्योंकि यह शरीर में ठंडक पैदा करता है।

 

2 अगर आपको बार-बार भूख लगती है

 लंबे समय तक भूखे नहीं रहना चाहते हैं या नहीं रह पाते हैं तो आपको सत्तू का सेवन करना चाहिए इसके लिए सत्तू का शरबत आप पी सकते हैं ऐसा करने से लंबे समय तक आपको भूख का एहसास नहीं होगा

 

3 सत्तू प्रोटीन का बहुत ही अच्छा स्रोत  है

 इसमें प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है अगर 100 ग्राम आप सत्तू का सेवन करते हैं तो 20 से 30 ग्राम आपको प्रोटीन मिल जाता है इसके खाने से लीवर मजबूत होता है 

 

4 कब्ज एसिडिटी में सत्तू के फायदे

अगर किसी को कब्ज एसिडिटी की समस्या है तो वह भी दूर होती है और यह आसानी से पच जाता है कब्ज भी आपको नहीं होता है

5 जौ और चने से सत्तू बनाया जाता है वह डायबिटीज के रोगों के लिए फायदेमंद होता है इसे पानी में घोलकर शर्बत बनाकर सेवन किया जाता है यह भी हमारे शरीर को तुरंत एनर्जी देता है

 

6 शरीर में अगर ऊर्जा की कमी हो गई है तो आपको सत्तू का सेवन करना चाहिए

 यह आपकी कमजोरी को दूर करता है ऊर्जावान बनाता है कई तरह से इसमें पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो हमारे शरीर को बेहतर तरीके से पोषण करते हैं।

  

सत्तू पोषण से भरपूर होता है

इसमें प्रोटीन फाइबर कैल्शियम आयरन मैंगनीज मैग्नीशियम होता है इसलिए इसे सुपर फूड भी कहा जाता है

 

8 पाचनतंत्र के लिए फायदेमंद है सत्तू

सत्तू खाने से एसिडिटी दूर होती है इसके साथ ही हमें कब्ज की शिकायत नहीं होगी इसमें फाइबर पाया जाता है जो हमारी आंतों को स्वस्थ बनाए रखना है

 

9 वजन कम करने में करता है मदद सत्तू

  सत्तू सेवन करने से वजन कंट्रोल रहता है मोटापा दूर करने में भी यह बहुत ही सहायक होता है सत्तू खाने से एक्स्ट्रा कैलोरी बर्न होता है।‍

 

 10 बीमारियों में सत्तू का सेवन है सहायक

बीमारियों से लड़ने में भी सत्तू काफी लाभदायक है सत्तू का सेवन हम कर सकते हैं डायबिटीज के मरीजों के लिए यह बहुत लाभदायक होता है इसको खाने से लीवर मजबूत होता है ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए सत्तू बहुत ही फायदेमंद होता है।

 

11 सत्तू वजन कैसे घटाता है

सत्तू उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद है जो लोग मोटापे से परेशान होते हैं अगर आप सत्तू का सेवन हमेशा करते हैं तो पाचन तंत्र तो सही रहता ही है इसके अलावा मोटापा कम करता है

अब हम  जानेंगे सत्तू के नुकसान क्या है आइए जानते हैं 

 

 सत्तू के नुकसान |Saide effects of Sattu in Hindi | Sattu khane ke nuksan

सत्तू के फायदे के बारे में हमने जाना अब हम इसके नुकसान के बारे में जान लेते हैं किसी भी चीज की अधिकता हमारे सेहत के लिए अच्छी नहीं होती है

 1‌ सत्तू में फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है अगर अधिक फाइबर हम इस्तेमाल करते हैं तो इससे गैस पेट फूलना ऐंठन और दस्त भी होने लगता है

2 इसके साथ ही जिन लोगों को चने से एलर्जी होती है उन्हें सत्तू के सेवन से एलर्जी का खतरा हो सकता है

 3 इसके अलावा चने का सत्तू शरीर में मौजूद शुगर के स्तर को कम करता है इसलिए लो ब्लड प्रेशर शुगर वालों के लिए इसका सेवन अधिक नहीं करना चाहिए

 

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सत्तू से संबंधित पूछे जाने वाले सवाल

 

Q. सत्तू कब नहीं खाना चाहिए

जिन लोगों को गैस की समस्या है उन्हें सत्तू के सेवन से बचना चाहिए जिन लोगों को गैस के साथ कब्ज की समस्या रहती है उन्हें चने के सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए

 

Q सत्तू और बेसन में क्या अंतर होता है

 सत्तू बनाने के लिए दाल को भूना जाता है और बेसन में कच्ची दाल का इस्तेमाल किया जाता है

 

Q. 200 ग्राम सत्तू में कितना प्रोटीन होता है

200 ग्राम सत्तू में करीब 40 ग्राम प्रोटीन होता है

 

Q.  क्या खाली पेट सत्तू खा सकते हैं

 रोज खाली पेट सत्तू का सेवन करते हैं तो मल त्याग बेहतर होगा पाचन तंत्र सही रहेगा और घुलनशील तत्व बाहर आते हैं एसिडिटी सूजन के लिए बहुत ही अच्छा है

 

Q. एक चम्मच सत्तू में कितना प्रोटीन होता है

 अगर एक चम्मच सत्तू 15 ग्राम सत्तू है तो करीब 3 ग्राम प्रोटीन होता है।

 

Q. क्या दूध के साथ सत्तू खाया जा सकता है

जी हां दूध के साथ सत्तू खाया जा सकता है दूध को लेकर सत्तू को मिक्स करके लड्डू बना ले उसके बाद उसमें चीनी मिला लें और उसको खाएं बहुत ही अच्छा लगता है

 

Q.  क्या सर्दियों में सत्तू को खाया जा सकता है

जी हां सर्दियों में भी सत्तू का सेवन कर सकते हैं यह एक सुपर फूड है बहुत से लोग सर्दियों में सत्तू खाते हैं कुछ लोग पराठा बना कर खाते हैं तो आप इसका सेवन कर सकते हैं

 

समापन

इस प्रकार इस प्रकार आज के लेख से हमने जाना कि सत्तू क्या होता है, सत्तू कैसे बनता है, सत्तू खाने का तरीका क्या है सत्तू कैसे बनाया जाता है चने का सत्तू के फायदे क्या है चने के सत्तू के नुकसान क्या है उम्मीद है कि इस पर लिखा गया यह लेख आपके लिए ज्ञानवर्धक रहा होगा हम आगे भी इसी तरह के ज्ञानवर्धक देख लाते रहेंगे पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

 

Disclaimer

यह लेख आपकी जानकारी के लिए शेयर किया गया है आपसे विनम्र निवेदन है कि कोई भी घरेलू उपचार अपनाने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें धन्यवाद।

 

 

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